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संकट में है गंगा की अविरलता और पवित्रता: जलपुरुष

राजेंद्र सिंह ने बताया कि गंगाजल में कुछ ऐसे विशिष्ट गुण है, जिसके कारण वे दुनिया की समस्त नदियों से अलग है. इसे समाज को समझाने की कोशिश की जा रही है.

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Published : Jun 4, 2019, 10:02 AM IST

Rajendra Singh

देहरादून: गंगा अविरल यात्रा के समापन समारोह में सोमवार को जल पुरूप राजेंद्र सिंह ने शिरकत की. इस दौरान उन्होंने गंगा की अविरलता और निर्मलता को बनाए रखने का आह्वान किया. साथ ही उन्होंने गंगा से जुड़े कई मुद्दे अपनी चिंता भी जाहिर की. इस कार्यक्रम में पर्यावरणविद, समाजसेवी व राजनीतिक हस्तियां भी मौजूद रही.

पढ़ें- नाबालिग चोरों ने परचून की दुकान में लाखों के सामान पर किया हाथ साफ

कार्यक्रम में गंगा पर अपनी चिंता व्यक्त करते हुए राजेंद्र सिंह ने कहा कि गंगा की पवित्रता पर संकट गहराता जा रहा है. हिमालय जिस प्रकार से कट रहा है उससे नदियों का तल ऊपर की और उठ रहा हैं. जिससे गंगा की अविरलता पर संकट खड़ा हो गया है. इसलिए उत्तराखंड के नौजवान साथियों ने तय किया है कि बर्बाद होते जल, जंगल और जमीन को रोकने के लिए वे चेतना अभियान चलाएंगे. जल बिरादरी नाम का ये संगठन समाज को हिमालय, हरियाली और गंगा की पवित्रता के बारे में जागरुक करेगा.

जल पुरूष राजेंद्र सिंह.

पढ़ें- उत्तराखंडः नंदा देवी ईस्‍ट में लापता विदेशी पर्वतारोहियों के 5 शव रेस्क्यू टीम को दिखे

राजेंद्र सिंह ने बताया कि गंगाजल में कुछ ऐसे विशिष्ट गुण है, जिसके कारण वे दुनिया की समस्त नदियों से अलग है. इसे समाज को समझाने की कोशिश की जा रही है. ये प्रयास हम सबको मिलकर करना चाहिए. गंगा अविरलता के साथ हिमालय में पाई जाने वाली जड़ी बूटियों के रस को साथ लेकर चलती थी जिसके कारण गंगा में पानी में अमरत्व होता है. गंगा के पानी से कैसरे जैसे रोग भी खत्म हो जाते है. बता दें गंगा अविरल यात्रा की शुरुआत 23 मई की गई थी, जिसका सोमवार को देहरादून में समापन किया गया था.

देहरादून: गंगा अविरल यात्रा के समापन समारोह में सोमवार को जल पुरूप राजेंद्र सिंह ने शिरकत की. इस दौरान उन्होंने गंगा की अविरलता और निर्मलता को बनाए रखने का आह्वान किया. साथ ही उन्होंने गंगा से जुड़े कई मुद्दे अपनी चिंता भी जाहिर की. इस कार्यक्रम में पर्यावरणविद, समाजसेवी व राजनीतिक हस्तियां भी मौजूद रही.

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कार्यक्रम में गंगा पर अपनी चिंता व्यक्त करते हुए राजेंद्र सिंह ने कहा कि गंगा की पवित्रता पर संकट गहराता जा रहा है. हिमालय जिस प्रकार से कट रहा है उससे नदियों का तल ऊपर की और उठ रहा हैं. जिससे गंगा की अविरलता पर संकट खड़ा हो गया है. इसलिए उत्तराखंड के नौजवान साथियों ने तय किया है कि बर्बाद होते जल, जंगल और जमीन को रोकने के लिए वे चेतना अभियान चलाएंगे. जल बिरादरी नाम का ये संगठन समाज को हिमालय, हरियाली और गंगा की पवित्रता के बारे में जागरुक करेगा.

जल पुरूष राजेंद्र सिंह.

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राजेंद्र सिंह ने बताया कि गंगाजल में कुछ ऐसे विशिष्ट गुण है, जिसके कारण वे दुनिया की समस्त नदियों से अलग है. इसे समाज को समझाने की कोशिश की जा रही है. ये प्रयास हम सबको मिलकर करना चाहिए. गंगा अविरलता के साथ हिमालय में पाई जाने वाली जड़ी बूटियों के रस को साथ लेकर चलती थी जिसके कारण गंगा में पानी में अमरत्व होता है. गंगा के पानी से कैसरे जैसे रोग भी खत्म हो जाते है. बता दें गंगा अविरल यात्रा की शुरुआत 23 मई की गई थी, जिसका सोमवार को देहरादून में समापन किया गया था.

Intro:देहरादून में जल बिरादरी द्वारा आयोजित गंगा अविरलता संदेश यात्रा के समापन समारोह में जल पुरुष राजेंद्र सिंह ने शिरकत की,इस मौके पर उन्होंने इस मौके पर गंगा की अविरलता और निर्मलता को बनाए रखने का आह्वान किया, समापन समारोह कार्यक्रम के दौरान पर्यावरणविद, समाजसेवी, व राजनीतिक हस्तियां भी मौजूद रहीं।


Body:वहीं जल पुरूष राजेंद्र सिंह ने कहा कि गंगा की पवित्रता पर संकट गहराता जा रहा है और हिमालय जिस प्रकार से कट रहा है उससे नदियों का तन ऊपर की ओर उठ रहा है। जिससे गंगा की अविरल ता पर संकट खड़ा हो गया है इसलिए उत्तराखंड के नौजवान साथियों ने तय किया है कि यहां तो जल ,जंगल और ज़मीन की बर्बादी हो रही है उसको रोकने के लिए चेतना अभियान चलाया जाए। चेतना अभियान यात्रा पहले से ही पांच प्रयागो को बचाने के लिए पूरी की जा चुकी है। अब पूरे प्रदेश में यह नौजवान साथी जन संगठन को खड़ा करने की कोशिश कर रहे हैं जिसका नाम चल बिरादरी है यह संगठन समाज को हिमालय की हरियाली और गंगा की पवित्रता के बारे में जागरूक कर रहा है कि आखिर अविरलता क्यों जरूरी है, गंगाजल में ऐसे क्या विशिष्ट गुण हैं जिसके कारण वह दुनिया के समस्त नदियों से अलग है यही समाज को समझाने की कोशिश की जा रही है और इस तरह के प्रयास हम सबको मिलकर करने चाहिये।

बाईट-राजेन्द्र सिंह,जलपुरुष।

वहीं उन्होंने कहा कि गंगा अविरलता के साथ हिमालय में पाई जाने वाली जड़ी बूटियों के रस को साथ लेकर चलती थी जिसके कारण गंगा में पानी में अमरत्व होता था और जिसने गंगा का पानी पी लिया इस पर कैंसर जैसे रोग भी खत्म हो जाता था।


Conclusion:वहीं गंगा का समापन गंगा की अविरल ताकि शपथ के साथ हुआ गौरतलब है कि गंगा बदलता यात्रा माणा गांव से बीती 23 मई से शुरू होकर उत्तराखंड के प्रयागो को बचाने की शपथ लेते हुए बीते सोमवार को समाप्त हो गई।
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