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दूध की चौकीदारी में 'बिल्ला' लगा हो तो बचेगा कैसे? सहकारिता भर्ती घोटाले पर गोदियाल का हमला

जिला सहकारी बैंक में हुआ भर्ती घोटाला (Cooperative Bank Recruitment scam) बीजेपी सरकार और कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत (Cabinet Minister Dhan Singh Rawat) के गले की फांस बन गया है. कांग्रेस ने इस मामले में एक बार फिर से सरकार के घेरा है. वहीं कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल (Ganesh Godiyal Statement on Cabinet Minister) ने कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत को भी लेपटा है.

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Published : Nov 15, 2022, 4:13 PM IST

Updated : Nov 15, 2022, 5:01 PM IST

देहरादून: जिला सहकारी बैंक (डीसीबी) में भर्ती घोटाले को लेकर कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने एक बार फिर से बीजेपी और कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत को घेरा है. इस बार उन्होंने कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत पर निशाना साधते हुए बड़ा बयान दिया है. गणेश गोदियाल का कहना है कि जब बिल्ले को ही दूध की चौकीदारी में लगा देंगे तो फिर दूध कैसे बचेगा?

गणेश गोदियाल ने कहा कि कांग्रेस ने पहले भी मांग उठाई थी कि जब तक कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत इस्तीफा नहीं देते तब तक इस मामले में कार्रवाई नहीं हो पाएगी. गणेश गोदियाल का कहना है कि उनकी जानकारी में दो बार इस घोटाले की जांच पूरी होने के बाद फाइनल फाइल कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत के सामने प्रस्तुत हो गई थी, लेकिन मंत्री रावत ने अन-ऑफिशियली इस जांच रिपोर्ट को वापस लौटा दिया. आखिर कैसे विश्वास किया जाए जब दूध की रखवाली के लिए बिल्ले को ही चौकीदार बना दिया गया हो, ऐसे में दूध सुरक्षित रह पाएगा?

सहकारिता भर्ती घोटाले पर गोदियाल का हमला

गोदियाल ने आरोप लगाते हुए कहा कि यह घोटाले मंत्री ने खुद किए हैं. इतना ही नहीं, उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग करते हुए कहा कि यदि इनके विभागों की बारीकी से जांच की जाती है तो धन सिंह रावत उत्तराखंड ही नहीं बल्कि पूरे देश के सबसे घोटालेबाज मंत्री साबित होंगे.
पढ़ें- उत्तराखंड में 'चलो गांव की ओर' योजना की जल्द होगी शुरुआत, गणेश जोशी ने दिये निर्देश

जानिए क्या है मामला: दरअसल, डीसीबी में दिसंबर 2020 से चतुर्थ श्रेणी के 423 पदों पर भर्ती प्रक्रिया चल रही थी, लेकिन शुरू में ही ये भर्ती प्रक्रिया घोटाले की भेंट चढ़ गई. अधिकारियों और सफेदपोश ने अपने करीबियों को चतुर्थ श्रेणी के पदों पर भर्ती करा दिया. कई मामले ऐसे सामने आए कि रसूखदार नेता और बड़े अधिकारियों ने इसमें बड़े स्तर पर भाई-भतीजावाद अपनाया.

इसकी शिकायत के बाद मामले पर 3 सदस्य कमेटी का गठन किया गया. शुरुआती दौर में देहरादून, पिथौरागढ़ और नैनीताल डिस्ट्रिक्ट को-ऑपरेटिव बैंकों की जांच शुरू हुई थी. हालांकि, अब कांग्रेस का कहना है कि जांच पूरी हो चुकी है, लेकिन विभागीय मंत्री इस दिशा में कोई कदम नहीं उठा रहे है, क्योंकि इस मामले में वो खुद फंसते हुए नजर आ रहे हैं.

देहरादून: जिला सहकारी बैंक (डीसीबी) में भर्ती घोटाले को लेकर कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने एक बार फिर से बीजेपी और कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत को घेरा है. इस बार उन्होंने कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत पर निशाना साधते हुए बड़ा बयान दिया है. गणेश गोदियाल का कहना है कि जब बिल्ले को ही दूध की चौकीदारी में लगा देंगे तो फिर दूध कैसे बचेगा?

गणेश गोदियाल ने कहा कि कांग्रेस ने पहले भी मांग उठाई थी कि जब तक कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत इस्तीफा नहीं देते तब तक इस मामले में कार्रवाई नहीं हो पाएगी. गणेश गोदियाल का कहना है कि उनकी जानकारी में दो बार इस घोटाले की जांच पूरी होने के बाद फाइनल फाइल कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत के सामने प्रस्तुत हो गई थी, लेकिन मंत्री रावत ने अन-ऑफिशियली इस जांच रिपोर्ट को वापस लौटा दिया. आखिर कैसे विश्वास किया जाए जब दूध की रखवाली के लिए बिल्ले को ही चौकीदार बना दिया गया हो, ऐसे में दूध सुरक्षित रह पाएगा?

सहकारिता भर्ती घोटाले पर गोदियाल का हमला

गोदियाल ने आरोप लगाते हुए कहा कि यह घोटाले मंत्री ने खुद किए हैं. इतना ही नहीं, उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग करते हुए कहा कि यदि इनके विभागों की बारीकी से जांच की जाती है तो धन सिंह रावत उत्तराखंड ही नहीं बल्कि पूरे देश के सबसे घोटालेबाज मंत्री साबित होंगे.
पढ़ें- उत्तराखंड में 'चलो गांव की ओर' योजना की जल्द होगी शुरुआत, गणेश जोशी ने दिये निर्देश

जानिए क्या है मामला: दरअसल, डीसीबी में दिसंबर 2020 से चतुर्थ श्रेणी के 423 पदों पर भर्ती प्रक्रिया चल रही थी, लेकिन शुरू में ही ये भर्ती प्रक्रिया घोटाले की भेंट चढ़ गई. अधिकारियों और सफेदपोश ने अपने करीबियों को चतुर्थ श्रेणी के पदों पर भर्ती करा दिया. कई मामले ऐसे सामने आए कि रसूखदार नेता और बड़े अधिकारियों ने इसमें बड़े स्तर पर भाई-भतीजावाद अपनाया.

इसकी शिकायत के बाद मामले पर 3 सदस्य कमेटी का गठन किया गया. शुरुआती दौर में देहरादून, पिथौरागढ़ और नैनीताल डिस्ट्रिक्ट को-ऑपरेटिव बैंकों की जांच शुरू हुई थी. हालांकि, अब कांग्रेस का कहना है कि जांच पूरी हो चुकी है, लेकिन विभागीय मंत्री इस दिशा में कोई कदम नहीं उठा रहे है, क्योंकि इस मामले में वो खुद फंसते हुए नजर आ रहे हैं.

Last Updated : Nov 15, 2022, 5:01 PM IST
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