विकासनगर: उत्तराखंड में ऑर्गेनिक दालों (Uttarakhand Organic Dal) की बात ही कुछ अलग है. जाड़ों का सीजन हो और गहत के दाल की बात ना हो, ऐसा हो नहीं सकता है. पर्वतीय अंचलों में जाड़ों में गहत की दाल खाने में शामिल होती है, जो औषधीय गुणों से भी भरपूर होती है. इतना ही नहीं इससे तैयार होने वाले व्यंजन भी भिन्न-भिन्न होते हैं. उत्तराखंड में गहत की दाल से रस, खिचड़ी, चटनी, रसम, सांभर, सूप और भरवा पराठे बनाए जाते हैं. वहीं विकासनगर में हमेशा गहत की दाल (Production of Vikasnagar Ghat) की मांग बनी रहती है, लेकिन इस बार पैदावार कम होने से बाजार में सीमित मात्रा में आ रही है.
दाल पौष्टिकता से भरपूर: उत्तराखंड के पौष्टिक तत्वों से भरपूर खान-पान में मोटी दालों को विशेष स्थान दिया जाता है. यहां होने वाली दालें राजमा, गहत (कुलथ), उड़द, तोर, लोबिया, काले भट, नौरंगी (रयांस), सफेद छेमी आदि औषधीय गुणों से भरपूर हैं. जिन्हें मौसम के हिसाब से उपयोग में लाया जाता है. गौर हो कि गहत की पैदावार पहाड़ के सबसे ऊंचाई और ठंड वाले इलाकों में होती है. ज्यादा ठंड वाले इलाकों में पैदा होने वाली दाल सबसे ज्यादा पौष्टिक होती है.
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हमेशा रहती है दाल की मांग: वहीं इन दिनों विकासनगर में किसानों द्वारा खेतों से दाल को निकालकर अपने घर के इस्तेमाल के अलावा मार्केट में भी बेचा जा रहा है. नवंबर माह में दाल बाजारों में दुकानों पर उपलब्ध हो रही है. वहीं दुकानदारों द्वारा बताया गया कि इस वर्ष क्षेत्र में दाल का उत्पादन काफी कम है. समय से वर्षा ना होने के चलते काफी कम मात्रा में मार्केट में गहत (कुलथी) की दाल देखने को मिल रही है. जबकि कुलथी की दाल की डिमांड लगातार बढ़ती जा रही है. चकराता क्षेत्र में घूमने आने वाले पर्यटकों द्वारा कुलथी की दाल की खरीदारी बड़ी मात्रा में की जाती है, लेकिन इस वर्ष काफी कम मात्रा में दाल का उत्पादन हुआ है. दुकानों पर ₹150 प्रति किलो बिक्री के लिए उपलब्ध है. यह दाल गुर्दे के रोगियों और पथरी के लिए अचूक दवा मानी जाती है और सर्दियों में इस दाल का ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है.
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जानिए दाल के फायदे: बता दें कि गहत की दाल गुर्दे की पथरी में काफी लाभकारी (Benefits of Gahat Dal) मानी जाती है. लोगों का मानना है कि गहत की दाल का रस किडनी की पथरी में काफी लाभकारी होता है. जिसके उपयोग से पथरी टूटकर बाहर निकल जाती है. इसमें प्रोटीन की मात्रा भी पाई जाती है, जो कमजोर लोगों के लिए विशेष लाभदायक माना जाता है.
क्या कहते हैं डॉक्टर: सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र साहिया के आयुष चिकित्सक डॉक्टर राजीव बजाज का कहना है कि गहत (कुलथी) की दाल कई रोगों का रामबाण इलाज है. इसके सेवन से कई रोगों से छुटकारा पाने में सहायता मिलती है. मुख्यतया यह पथरी के रोगियों के लिए रामबाण औषधि है. साथ ही बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करने में भी सहायक है. वहीं मोटापे को कम करने में भी कुलथी की दाल का उपयोग किया जा सकता है. गर्भवती महिलाओं को भी इस दाल का उपयोग करना चाहिए. साथ ही पथरी में रात में इस दाल को भिगोकर सुबह इसके पानी का सेवन करने से पथरी निकलने में सहायक होगी.