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सीएम धामी की फ्री सैनिटरी नैपकिन वितरण योजना फाइलों में अटकी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता नाराज, मंत्री का है ये तर्क

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की घोषणा के बावजूद राज्य की महिलाओं और युवतियों को निशुल्क सैनिटरी नैपकिन नहीं मिल रहे हैं. आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने जहां इसको लेकर विरोध जताया है, वहीं महिला एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्य का अपना तर्क है.

free sanitary pads
फ्री सैनिटरी पैड
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Published : Jun 8, 2023, 7:35 AM IST

देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा प्रदेश में निशुल्क सैनिटरी नैपकिन उपलब्ध कराने को लेकर घोषणा की गई थी. लेकिन बाल विकास विभाग द्वारा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के माध्यम से सैनिटरी नैपकिन बेचे जा रहे हैं.

फ्री में नहीं मिल रहे सैनिटरी नैपकिन: प्रदेश में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की मदद से बाल विकास विभाग द्वारा सैनिटरी नैपकिन का वितरण किया जा रहा है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घोषणा की थी कि सैनिटरी नैपकिन निशुल्क वितरित किए जाएंगे. लेकिन आंगनबाडी कार्यकर्ताओं ने अपना विरोध दर्ज करते हुए बताया है कि पहले विभाग द्वारा निशुल्क सैनिटरी नैपकिन बांटने के लिए कहा गया था. अब विभाग द्वारा इसका पैसा जमा कराने को लेकर के दबाव बनाया जा रहा है.

सीएम धामी ने निशुल्क सैनिटरी नैपकिन बांटने को कहा था: आंगनबाड़ी संगठन की अध्यक्ष रेखा नेगी ने बताया कि पहले विभाग द्वारा सैनिटरी नैपकिन को मुफ्त बांटने को लेकर दिशा निर्देश दिए गए थे. अब विभाग द्वारा ₹6 प्रति सैनिटरी नैपकिन के हिसाब से पैसा जमा कराने के लिए कहा जा रहा है. उन्होंने कहा कि इन सैनिटरी नैपकिन की गुणवत्ता बेहद खराब है. यदि विभाग द्वारा इन्हें निशुल्क वितरण के लिए कहा जाता है तो ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ता इनका वितरण करेंगी. अन्यथा वह सैनिटरी नैपकिन बेचने का काम नहीं करेंगी. आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा बताया गया कि विभाग द्वारा लाखों की संख्या में सैनिटरी नैपकिन जिलों में भेजे गए हैं. अब आंगनबाड़ियों से इसके बाबत पैसा जमा कराने के लिए विभाग द्वारा दबाव बनाया जा रहा है.
ये भी पढ़ें: गर्भवती महिलाओं और बच्चों को 5 महीने से नहीं मिला पोषाहार, बदल गया टेक होम राशन का मॉडल

महिला और बाल विकास मंत्री रेखा आर्य ने क्या कहा: इस पूरे मामले पर विभागीय मंत्री रेखा आर्य का कहना है कि मुख्यमंत्री द्वारा सैनिटरी नैपकिन के निशुल्क वितरण को लेकर प्रस्ताव तैयार किया गया है. प्रस्ताव को वित्त विभाग को भेज दिया गया है. वित्त की स्वीकृति मिलने के बाद इसे कैबिनेट द्वारा पास होना है. मंत्री रेखा आर्य का कहना है कि वर्तमान में निशुल्क सैनिटरी नैपकिन वितरित करने का अब तक कोई शासनादेश नहीं हुआ है. लिहाजा विभाग द्वारा पूर्ववर्ती योजना के तहत ₹6 में 6 पैड बेचने का प्रावधान है. जब तक निशुल्क वितरण का शासनादेश जारी नहीं होता है, तब तक सैनिटरी नैपकिन वितरण की प्रक्रिया इसी तरह से की जाएगी. जिस दिन निशुल्क वितरण को लेकर पूरी प्रक्रिया संपन्न हो जाएगी, उस दिन निशुल्क सैनिटरी पैड वितरण किया जाएगा.

देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा प्रदेश में निशुल्क सैनिटरी नैपकिन उपलब्ध कराने को लेकर घोषणा की गई थी. लेकिन बाल विकास विभाग द्वारा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के माध्यम से सैनिटरी नैपकिन बेचे जा रहे हैं.

फ्री में नहीं मिल रहे सैनिटरी नैपकिन: प्रदेश में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की मदद से बाल विकास विभाग द्वारा सैनिटरी नैपकिन का वितरण किया जा रहा है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घोषणा की थी कि सैनिटरी नैपकिन निशुल्क वितरित किए जाएंगे. लेकिन आंगनबाडी कार्यकर्ताओं ने अपना विरोध दर्ज करते हुए बताया है कि पहले विभाग द्वारा निशुल्क सैनिटरी नैपकिन बांटने के लिए कहा गया था. अब विभाग द्वारा इसका पैसा जमा कराने को लेकर के दबाव बनाया जा रहा है.

सीएम धामी ने निशुल्क सैनिटरी नैपकिन बांटने को कहा था: आंगनबाड़ी संगठन की अध्यक्ष रेखा नेगी ने बताया कि पहले विभाग द्वारा सैनिटरी नैपकिन को मुफ्त बांटने को लेकर दिशा निर्देश दिए गए थे. अब विभाग द्वारा ₹6 प्रति सैनिटरी नैपकिन के हिसाब से पैसा जमा कराने के लिए कहा जा रहा है. उन्होंने कहा कि इन सैनिटरी नैपकिन की गुणवत्ता बेहद खराब है. यदि विभाग द्वारा इन्हें निशुल्क वितरण के लिए कहा जाता है तो ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ता इनका वितरण करेंगी. अन्यथा वह सैनिटरी नैपकिन बेचने का काम नहीं करेंगी. आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा बताया गया कि विभाग द्वारा लाखों की संख्या में सैनिटरी नैपकिन जिलों में भेजे गए हैं. अब आंगनबाड़ियों से इसके बाबत पैसा जमा कराने के लिए विभाग द्वारा दबाव बनाया जा रहा है.
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महिला और बाल विकास मंत्री रेखा आर्य ने क्या कहा: इस पूरे मामले पर विभागीय मंत्री रेखा आर्य का कहना है कि मुख्यमंत्री द्वारा सैनिटरी नैपकिन के निशुल्क वितरण को लेकर प्रस्ताव तैयार किया गया है. प्रस्ताव को वित्त विभाग को भेज दिया गया है. वित्त की स्वीकृति मिलने के बाद इसे कैबिनेट द्वारा पास होना है. मंत्री रेखा आर्य का कहना है कि वर्तमान में निशुल्क सैनिटरी नैपकिन वितरित करने का अब तक कोई शासनादेश नहीं हुआ है. लिहाजा विभाग द्वारा पूर्ववर्ती योजना के तहत ₹6 में 6 पैड बेचने का प्रावधान है. जब तक निशुल्क वितरण का शासनादेश जारी नहीं होता है, तब तक सैनिटरी नैपकिन वितरण की प्रक्रिया इसी तरह से की जाएगी. जिस दिन निशुल्क वितरण को लेकर पूरी प्रक्रिया संपन्न हो जाएगी, उस दिन निशुल्क सैनिटरी पैड वितरण किया जाएगा.

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