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नौकरी के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह सक्रिय, ऐसे रहें सतर्क

उत्तराखंड में बेरोजगारों पर साइबर अपराधियों की पैनी नजर है. साइबर फ्रॉड अपने टारगेट को सरकारी विभागों के नाम से जॉइनिंग लेटर तक भेज रहे हैं. साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन के सीईओ अंकुश मिश्रा ने बताया कि नौकरी के नाम पर लोगों को ठगी बनाने का साइबर फ्रॉड अब अमूमन तौर पर देखा जाने लगा है. ऐसे में लोगों को इस बात पर ध्यान देने की जरूरत है कि कोई भी नौकरी पाने के लिए मेहनत करने की जरूरत होती है.

Dehradun Cybercrime
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Published : Mar 7, 2021, 4:13 PM IST

Updated : Mar 7, 2021, 4:37 PM IST

देहरादून: वैश्विक महामारी कोरोनावायरस से बचाव को लेकर लागू लॉकडाउन के चलते ना सिर्फ देश की आर्थिकी पर एक बड़ा असर पड़ा है, बल्कि देशभर में लाखों लोगों ने अपनी नौकरी गवा दी थी. हालांकि, लॉकडाउन समाप्त होने और स्थितियां सामान्य होने के बाद से ही लोग नौकरी की तलाश में जुट गए. वर्तमान हालात यह है कि तमाम लोग नौकरी पेशे से तो जुड़ गए, लेकिन अभी भी अधिकांश लोग नौकरी की तलाश कर रहे है. नौकरी के लिए ऑनलाइन से लेकर दफ्तरों के चक्कर लगा रहे हैं. इसी बीच एक ऐसा गैंग भी सक्रिय हो गया है, जो लोगो को नौकरी दिलाने के नाम पर भोले-भाले लोगों से ठगी कर रहा है.

नौकरी के नाम ठगी करने वालों से रहें सतर्क.

लॉकडाउन के बाद जब अनलॉक की प्रक्रिया आगे बढ़ी तो लोगों को व्यापार के साथ ही नौकरी करने वाले लोगों को भी राहत मिलने लगी है. लेकिन भारी आर्थिक नुकसान होने के चलते लॉकडाउन के दौरान कंपनियों से निकाले गए कर्मचारियों को दोबारा नौकरी मिलने में काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है. तो वही, लोगों की जमा पूंजी पर घात लगाए बैठे शातिर ठग, लोगों को बड़ी कंपनियों में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी को अंजाम दे रहे हैं. साथ ही शातिर ठग लोगों के परेशानियों का फायदा उठाकर लोगों को और कंगाल करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं.

Dehradun Cybercrime
नौकरी के नाम पर ठगी.

नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी का खेल

साइबर ठगों ने लोगों को नौकरी दिए जाने को लेकर ना सिर्फ बड़ी-बड़ी कंपनियों की फर्जी वेबसाइट बनाकर जाल फैला रखा है, बल्कि तमाम तरह के विज्ञापन भी जारी कर लोगों को ठगी का शिकार बना रहे हैं. मुख्य रूप से ये साइबर ठग, वर्तमान समय में मौजूद तमाम सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर बेरोजगारों को नौकरी का लालच दे रहे हैं. यही नहीं, साइबर ठग इतने शातिर हैं कि वह तमाम बड़ी कंपनियों के फर्जी लेटर हेड भी लोगों को भेज कर उन्हें नौकरी का भरोसा दिलाते हैं और फिर नौकरी लगने के नाम पर लाखों रुपए ऐंठ लेते हैं.

Dehradun Cybercrime
ठगों से ऐसे बचें.

पढ़ें- ऑनलाइन लोन और एप के जरिए ठगी का खेल, कम ब्याज के बहकावे से बचें

किस तरह से लोगों को बनाया जा रहा है ठगी का शिकार

जो लोग बेरोजगार हैं वह न सिर्फ दफ्तरों के चक्कर काट कर अपनी रिज्यूम ऑफिसों में दे रहे हैं, बल्कि कहीं भी नौकरी की विज्ञप्ति आने के बाद उनके जहन में एक आस जग जाती है कि उन्हें नौकरी मिल जाएगी, जिसके बाद वह ऑनलाइन ही या तो फॉर्म भर देते हैं या फिर सीधा विज्ञापन में दिए गए कांटेक्ट नंबर पर संपर्क करते हैं, जिसके बाद से ही ठगी की प्रक्रिया शुरू हो जाती है. साइबर ठग इस पूरी ठगी को प्रॉपर तरीके से अंजाम देते हैं. पहले आवेदक को इंटरव्यू के लिए बुलाया जाता है, इंटरव्यू भी लिया जाता है और फिर उन्हें फर्जी लेटर देकर कुछ दिनों बाद ज्वाइन करने की बात कही जाती है लेकिन फिर अचानक से साइबर ठग, कुछ समस्याएं बताकर, उन्हें फोन कर नौकरी करने के लिए पैसे की मांग करते हैं.

पढ़ें- टोल फ्री नंबर इस्तेमाल करने से पहले हो जाइए सावधान, वरना हो सकते हैं ठगी का शिकार

बड़ी कंपनी में नौकरी की लालच में गवाही डेढ़ लाख रुपए

नौकरी दिलाने का एक ऐसा ही मामला राजधानी देहरादून में सामने आया जिसमें देहरादून निवासी मयंक (बदला हुआ नाम) ने साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन शिकायत दर्ज करायी. मंयक ने बताया कि सोशल मीडिया पर एक बड़ी निजी कंपनी में नौकरी दिलाने का विज्ञापन देखा था, जिसके बाद मयंक ने ऑनलाइन उसमें अप्लाई कर दिया. हालांकि, बैंक को ऑनलाइन के जरिए ही जॉइनिंग के तमाम लेटर भी भेजे गए. अचानक से सीट फुल होने की बात कहकर नौकरी ना मिलने की बात कही, जिसके बाद बैंक ने अपनी तमाम समस्याएं बताकर उनसे नौकरी देने की बात कही. जिसके बाद साइबर ठगों ने इसके बदले में पैसे की मांग की. हालांकि, लंबे समय से खाली बैठे होने के चलते मयंक ने नौकरी के लालच में आ गया और साइबर ठगों द्वारा बताए गए अकाउंट नंबर में करीब डेढ़ लाख रुपए की धनराशि भी भेज दी.

उत्तराखंड पुलिस हेल्पलाइन

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शक होने पर साइबर पुलिस से करें संपर्क.

ठगों के बैंक खातों को किया गया फ्रिज

पैसे भेजने के बावजूद भी मयंक की नौकरी नहीं लगी, जिसके बाद बैंक ने संबंधित व्यक्ति से संपर्क करने की तमाम कोशिशें की लेकिन अंत में कोई हल न निकलता देख मयंक ने साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन का दरवाजा खटखटाया. साइबर पुलिस अधिकारियों को इस बाबत सारी जानकारी देकर मयंक ने शिकायत की. शिकायत देने के बाद जांच में पता चला की मयंक से शातिर ठग ने अलग-अलग खाते में पैसे मंगाए हैं, जिसके बाद साइबर क्राइम पुलिस ने ठग के खाते की जानकारी निकाल कर उसे फ्रीज करा दिया. इसके साथ ही ठग की जानकारी लेकर अग्रिम कार्रवाई की जा रही है.

वहीं, ज्यादा जानकारी देते हुए साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन के सीईओ अंकुश मिश्रा ने बताया कि नौकरी के नाम पर लोगों को ठगी बनाने का साइबर फ्रॉड अब अमूमन तौर पर देखा जाने लगा है. ऐसे में लोगों को इस बात पर ध्यान देने की जरूरत है कि कोई भी नौकरी पाने के लिए मेहनत करने की जरूरत होती है. यही, नहीं अगर किसी कंपनी में आप अप्लाई करने जा रहे है तो वहां के ऑफिशियल वेबसाइट पर ही जाकर अप्लाई करें. इसके साथ ही नौकरी दिलाने को लेकर किसी बिचौलिए की मदद ना लें.

देहरादून: वैश्विक महामारी कोरोनावायरस से बचाव को लेकर लागू लॉकडाउन के चलते ना सिर्फ देश की आर्थिकी पर एक बड़ा असर पड़ा है, बल्कि देशभर में लाखों लोगों ने अपनी नौकरी गवा दी थी. हालांकि, लॉकडाउन समाप्त होने और स्थितियां सामान्य होने के बाद से ही लोग नौकरी की तलाश में जुट गए. वर्तमान हालात यह है कि तमाम लोग नौकरी पेशे से तो जुड़ गए, लेकिन अभी भी अधिकांश लोग नौकरी की तलाश कर रहे है. नौकरी के लिए ऑनलाइन से लेकर दफ्तरों के चक्कर लगा रहे हैं. इसी बीच एक ऐसा गैंग भी सक्रिय हो गया है, जो लोगो को नौकरी दिलाने के नाम पर भोले-भाले लोगों से ठगी कर रहा है.

नौकरी के नाम ठगी करने वालों से रहें सतर्क.

लॉकडाउन के बाद जब अनलॉक की प्रक्रिया आगे बढ़ी तो लोगों को व्यापार के साथ ही नौकरी करने वाले लोगों को भी राहत मिलने लगी है. लेकिन भारी आर्थिक नुकसान होने के चलते लॉकडाउन के दौरान कंपनियों से निकाले गए कर्मचारियों को दोबारा नौकरी मिलने में काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है. तो वही, लोगों की जमा पूंजी पर घात लगाए बैठे शातिर ठग, लोगों को बड़ी कंपनियों में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी को अंजाम दे रहे हैं. साथ ही शातिर ठग लोगों के परेशानियों का फायदा उठाकर लोगों को और कंगाल करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं.

Dehradun Cybercrime
नौकरी के नाम पर ठगी.

नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी का खेल

साइबर ठगों ने लोगों को नौकरी दिए जाने को लेकर ना सिर्फ बड़ी-बड़ी कंपनियों की फर्जी वेबसाइट बनाकर जाल फैला रखा है, बल्कि तमाम तरह के विज्ञापन भी जारी कर लोगों को ठगी का शिकार बना रहे हैं. मुख्य रूप से ये साइबर ठग, वर्तमान समय में मौजूद तमाम सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर बेरोजगारों को नौकरी का लालच दे रहे हैं. यही नहीं, साइबर ठग इतने शातिर हैं कि वह तमाम बड़ी कंपनियों के फर्जी लेटर हेड भी लोगों को भेज कर उन्हें नौकरी का भरोसा दिलाते हैं और फिर नौकरी लगने के नाम पर लाखों रुपए ऐंठ लेते हैं.

Dehradun Cybercrime
ठगों से ऐसे बचें.

पढ़ें- ऑनलाइन लोन और एप के जरिए ठगी का खेल, कम ब्याज के बहकावे से बचें

किस तरह से लोगों को बनाया जा रहा है ठगी का शिकार

जो लोग बेरोजगार हैं वह न सिर्फ दफ्तरों के चक्कर काट कर अपनी रिज्यूम ऑफिसों में दे रहे हैं, बल्कि कहीं भी नौकरी की विज्ञप्ति आने के बाद उनके जहन में एक आस जग जाती है कि उन्हें नौकरी मिल जाएगी, जिसके बाद वह ऑनलाइन ही या तो फॉर्म भर देते हैं या फिर सीधा विज्ञापन में दिए गए कांटेक्ट नंबर पर संपर्क करते हैं, जिसके बाद से ही ठगी की प्रक्रिया शुरू हो जाती है. साइबर ठग इस पूरी ठगी को प्रॉपर तरीके से अंजाम देते हैं. पहले आवेदक को इंटरव्यू के लिए बुलाया जाता है, इंटरव्यू भी लिया जाता है और फिर उन्हें फर्जी लेटर देकर कुछ दिनों बाद ज्वाइन करने की बात कही जाती है लेकिन फिर अचानक से साइबर ठग, कुछ समस्याएं बताकर, उन्हें फोन कर नौकरी करने के लिए पैसे की मांग करते हैं.

पढ़ें- टोल फ्री नंबर इस्तेमाल करने से पहले हो जाइए सावधान, वरना हो सकते हैं ठगी का शिकार

बड़ी कंपनी में नौकरी की लालच में गवाही डेढ़ लाख रुपए

नौकरी दिलाने का एक ऐसा ही मामला राजधानी देहरादून में सामने आया जिसमें देहरादून निवासी मयंक (बदला हुआ नाम) ने साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन शिकायत दर्ज करायी. मंयक ने बताया कि सोशल मीडिया पर एक बड़ी निजी कंपनी में नौकरी दिलाने का विज्ञापन देखा था, जिसके बाद मयंक ने ऑनलाइन उसमें अप्लाई कर दिया. हालांकि, बैंक को ऑनलाइन के जरिए ही जॉइनिंग के तमाम लेटर भी भेजे गए. अचानक से सीट फुल होने की बात कहकर नौकरी ना मिलने की बात कही, जिसके बाद बैंक ने अपनी तमाम समस्याएं बताकर उनसे नौकरी देने की बात कही. जिसके बाद साइबर ठगों ने इसके बदले में पैसे की मांग की. हालांकि, लंबे समय से खाली बैठे होने के चलते मयंक ने नौकरी के लालच में आ गया और साइबर ठगों द्वारा बताए गए अकाउंट नंबर में करीब डेढ़ लाख रुपए की धनराशि भी भेज दी.

उत्तराखंड पुलिस हेल्पलाइन

Dehradun Cybercrime
शक होने पर साइबर पुलिस से करें संपर्क.

ठगों के बैंक खातों को किया गया फ्रिज

पैसे भेजने के बावजूद भी मयंक की नौकरी नहीं लगी, जिसके बाद बैंक ने संबंधित व्यक्ति से संपर्क करने की तमाम कोशिशें की लेकिन अंत में कोई हल न निकलता देख मयंक ने साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन का दरवाजा खटखटाया. साइबर पुलिस अधिकारियों को इस बाबत सारी जानकारी देकर मयंक ने शिकायत की. शिकायत देने के बाद जांच में पता चला की मयंक से शातिर ठग ने अलग-अलग खाते में पैसे मंगाए हैं, जिसके बाद साइबर क्राइम पुलिस ने ठग के खाते की जानकारी निकाल कर उसे फ्रीज करा दिया. इसके साथ ही ठग की जानकारी लेकर अग्रिम कार्रवाई की जा रही है.

वहीं, ज्यादा जानकारी देते हुए साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन के सीईओ अंकुश मिश्रा ने बताया कि नौकरी के नाम पर लोगों को ठगी बनाने का साइबर फ्रॉड अब अमूमन तौर पर देखा जाने लगा है. ऐसे में लोगों को इस बात पर ध्यान देने की जरूरत है कि कोई भी नौकरी पाने के लिए मेहनत करने की जरूरत होती है. यही, नहीं अगर किसी कंपनी में आप अप्लाई करने जा रहे है तो वहां के ऑफिशियल वेबसाइट पर ही जाकर अप्लाई करें. इसके साथ ही नौकरी दिलाने को लेकर किसी बिचौलिए की मदद ना लें.

Last Updated : Mar 7, 2021, 4:37 PM IST
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