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देहरादून में Paytm अधिकारी बनकर एक शख्स से ठगी, ऐसे लगाई हजारों की चपत

देहरादून के क्लेमेंटाउन थाना क्षेत्र में (Police Station Claimentown) पेटीएम अधिकारी (Paytm officer) बनकर हजारों रुपए की ठगी का मामला सामने आया है. ठगी का अहसास होते ही पीड़ित ने पुलिस में शिकायत दर्ज करायी. शिकायत के आधार पर पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.

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देहरादून में ठगी
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Published : Dec 4, 2021, 10:13 AM IST

देहरादून: थाना क्लेमेंटाउन (Police Station Clementtown) क्षेत्र के अंतर्गत पेटीएम अधिकारी (Paytm officer) बनकर हजारों रुपए की ठगी का मामला सामने आया है. पीड़ित की शिकायत पर पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.

पुलिस के अनुसार अनिल कुमार निवासी आशिमा बिहार ने साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराते हुए बताया कि उन्होंने आईआरसीटीसी से टिकट बुक कराया था, जिसके बाद उनके खाते से 3365 रुपए के बजाय 3401 कट गए. ठगी का अहसास होते ही उन्होंने तत्काल आईआरसीटीसी के टोल फ्री नंबर पर कॉल किया. उन्हें बताया गया कि रुपए पेटीएम के द्वारा निकाले गए हैं और वहां संपर्क करने के लिए कहा गया.

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इन बातों का रखें ध्यान

पढ़ें-गूगल में कस्टमर केयर नंबर सर्च कर साइबर फ्रॉड का शिकार हुई महिला, ₹95 हजार की ठगी

गूगल से लिया कस्टमर केयर का नंबर: उसके बाद पीड़ित ने गूगल से पेटीएम कस्टमर केयर का नंबर मिलाया और उसके कुछ देर बाद पीड़ित को एक कॉल आई. जिसने खुद को पेटीएम अधिकारी बताया. फोनकर्ता ने पीड़ित को बताया कि रुपए वापस करने के लिए एनीडेस्क सॉफ्टवेयर (AnyDesk Software) पर जाकर ऐप डाउनलोड करना होगा. पीड़ित ने फोनकर्ता के बताए अनुसार ऐप डाउनलोड कर लिया और एक नंबर जनरेट हुआ, जिसे पीड़ित ने फोनकर्ता को बता दिया. बातों-बातों में फोनकर्ता ने पीड़ित से एटीएम का सीवीसी नंबर (ATM CVV number) ले लिया.

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सावधान रहें, सुरक्षित रहें.

खाते से कट गए हजारों रुपए: जिसके बाद अलग-अलग समय में पीड़ित के खाते से 78,709 रुपए कट गए. थाना क्लेमनटाउन प्रभारी नरेंद्र गहलवात ने बताया कि पीड़ित अनिल कुमार ने ठगी की शिकायत साइबर थाने में दर्ज कराई थी. साइबर थाने में जांच पूरी होने के बाद अज्ञात आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं में मुकदमा पंजीकृत किया गया. साथ ही पुलिस मामले की अग्रिम कार्रवाई में जुट गई है.

पढ़ें-रिटायर्ड चिकित्सा महानिदेशक के साथ ठगी, KYC के नाम पर 1.28 लाख की चपत

कभी भी पर्सनल जानकारी शेयर नहीं करें: असली कस्टमर केयर पर कॉल करने पर आपके खाते संबंधी पिन/सीवीवी जैसी कोई पर्सनल जानकारी नहीं मांगी जाती. ये ध्यान रखें कि बैंक के कस्टमर एग्जीक्यूटिव फोन नंबर या ईमेल के जरिए कभी भी पर्सनल जानकारी नहीं मांगते हैं. आप किसी को भी अपने लास्ट ट्रांजेक्शन की डिटेल भी शेयर न करें. इसके साथ ही अपने डेबिट-क्रेडिट कार्ड के पासवर्ड या ओटीपी गलती से भी न बताएं. इस तरह से इन टिप्स को अपनाकर आप कस्टमर केयर के नाम पर होने वाली ठगी से बच सकते हैं.

कैसे करते हैं ठगी: दरअसल, वर्तमान में लगभग सभी प्रोडक्ट्स और सर्विसेस के लिए कस्टमर सपोर्ट उपलब्ध है. कस्टमर केयर के नंबर जब लोग गूगल पर सर्च करते हैं, तो फर्जी वेबसाइट के जरिए फर्जी मोबाइल नंबर सबसे पहले सामने आते हैं. इन नंबर को सही मानकर लोग कॉल करते हैं. इसके बाद ठग खुद को कस्टमर केयर एग्जीक्यूटिव बताकर उस व्यक्ति से डिटेल लेते हैं और ठगी करते हैं. ठगों ने कई पेमेंट एप्लिकेशंस, बैंकों और कंपनियों के नाम पर फर्जी कस्टमर केयर नंबर इंटरनेट पर डाल रखे हैं.

फ्रॉड से बचने के लिए अपनाएं ये उपाय: कस्टमर केयर के नाम पर होने वाली ठगी से बचने लिए सावधानी रखनी होगी. सबसे पहले आपको कस्टमर केयर के नंबर सर्च करते समय सतर्क रहना होगा. नंबर सिर्फ कंपनी की ऑफिशियल वेबसाइट या एप से ही लें. जिस नंबर पर आप कॉल करने जा रहे हैं, उसके ऑनलाइन रिव्यू भी देख सकते हैं.

देहरादून: थाना क्लेमेंटाउन (Police Station Clementtown) क्षेत्र के अंतर्गत पेटीएम अधिकारी (Paytm officer) बनकर हजारों रुपए की ठगी का मामला सामने आया है. पीड़ित की शिकायत पर पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.

पुलिस के अनुसार अनिल कुमार निवासी आशिमा बिहार ने साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराते हुए बताया कि उन्होंने आईआरसीटीसी से टिकट बुक कराया था, जिसके बाद उनके खाते से 3365 रुपए के बजाय 3401 कट गए. ठगी का अहसास होते ही उन्होंने तत्काल आईआरसीटीसी के टोल फ्री नंबर पर कॉल किया. उन्हें बताया गया कि रुपए पेटीएम के द्वारा निकाले गए हैं और वहां संपर्क करने के लिए कहा गया.

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इन बातों का रखें ध्यान

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गूगल से लिया कस्टमर केयर का नंबर: उसके बाद पीड़ित ने गूगल से पेटीएम कस्टमर केयर का नंबर मिलाया और उसके कुछ देर बाद पीड़ित को एक कॉल आई. जिसने खुद को पेटीएम अधिकारी बताया. फोनकर्ता ने पीड़ित को बताया कि रुपए वापस करने के लिए एनीडेस्क सॉफ्टवेयर (AnyDesk Software) पर जाकर ऐप डाउनलोड करना होगा. पीड़ित ने फोनकर्ता के बताए अनुसार ऐप डाउनलोड कर लिया और एक नंबर जनरेट हुआ, जिसे पीड़ित ने फोनकर्ता को बता दिया. बातों-बातों में फोनकर्ता ने पीड़ित से एटीएम का सीवीसी नंबर (ATM CVV number) ले लिया.

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सावधान रहें, सुरक्षित रहें.

खाते से कट गए हजारों रुपए: जिसके बाद अलग-अलग समय में पीड़ित के खाते से 78,709 रुपए कट गए. थाना क्लेमनटाउन प्रभारी नरेंद्र गहलवात ने बताया कि पीड़ित अनिल कुमार ने ठगी की शिकायत साइबर थाने में दर्ज कराई थी. साइबर थाने में जांच पूरी होने के बाद अज्ञात आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं में मुकदमा पंजीकृत किया गया. साथ ही पुलिस मामले की अग्रिम कार्रवाई में जुट गई है.

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कभी भी पर्सनल जानकारी शेयर नहीं करें: असली कस्टमर केयर पर कॉल करने पर आपके खाते संबंधी पिन/सीवीवी जैसी कोई पर्सनल जानकारी नहीं मांगी जाती. ये ध्यान रखें कि बैंक के कस्टमर एग्जीक्यूटिव फोन नंबर या ईमेल के जरिए कभी भी पर्सनल जानकारी नहीं मांगते हैं. आप किसी को भी अपने लास्ट ट्रांजेक्शन की डिटेल भी शेयर न करें. इसके साथ ही अपने डेबिट-क्रेडिट कार्ड के पासवर्ड या ओटीपी गलती से भी न बताएं. इस तरह से इन टिप्स को अपनाकर आप कस्टमर केयर के नाम पर होने वाली ठगी से बच सकते हैं.

कैसे करते हैं ठगी: दरअसल, वर्तमान में लगभग सभी प्रोडक्ट्स और सर्विसेस के लिए कस्टमर सपोर्ट उपलब्ध है. कस्टमर केयर के नंबर जब लोग गूगल पर सर्च करते हैं, तो फर्जी वेबसाइट के जरिए फर्जी मोबाइल नंबर सबसे पहले सामने आते हैं. इन नंबर को सही मानकर लोग कॉल करते हैं. इसके बाद ठग खुद को कस्टमर केयर एग्जीक्यूटिव बताकर उस व्यक्ति से डिटेल लेते हैं और ठगी करते हैं. ठगों ने कई पेमेंट एप्लिकेशंस, बैंकों और कंपनियों के नाम पर फर्जी कस्टमर केयर नंबर इंटरनेट पर डाल रखे हैं.

फ्रॉड से बचने के लिए अपनाएं ये उपाय: कस्टमर केयर के नाम पर होने वाली ठगी से बचने लिए सावधानी रखनी होगी. सबसे पहले आपको कस्टमर केयर के नंबर सर्च करते समय सतर्क रहना होगा. नंबर सिर्फ कंपनी की ऑफिशियल वेबसाइट या एप से ही लें. जिस नंबर पर आप कॉल करने जा रहे हैं, उसके ऑनलाइन रिव्यू भी देख सकते हैं.

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