देहरादून: उत्तराखंड प्रदेश को यूं ही सैन्य प्रदेश नहीं कहा जाता. यहां देशसेवा का जज्बा हर परिवार में देखने को मिलता है. यही कारण है कि आज उत्तराखंड के हर गांव से कोई न कोई सैनिक आपको देश की सीमा पर खड़ा मिलेगा. देश सेवा का जज्बा वैसे तो परिवार से ही आता है लेकिन शिक्षा भी इसका मुख्य मार्ग होती है. इसी भावना को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार पूरे देश में लगभग 100 सैनिक स्कूल खोलने जा रही है. खास बात ये है कि अकेले उत्तराखंड में ही 4 सैनिक स्कूल खुलेंगे, जिसके बाद उत्तराखंड के साथ ही देशभर के बच्चों को इनमें दाखिला मिल सकेगा.
देश सेवा का जज्बा बढ़ाएंगे सैनिक स्कूल: उत्तराखंड को बड़ी सौगात मिलने जा रही है. केंद्र सरकार की ओर से उत्तराखंड में खोले जाने वाले इन चार स्कूलों के अलावा पांच केंद्रीय विद्यालय भी राज्य में खुलने जा रहे हैं. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और सूबे के शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत लंबे समय से इस प्रयास में लगे हुए थे. इस मामले में खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से कई बार मुलाकात की, तब कहीं जाकर उत्तराखंड में चार नए सैनिक स्कूल और केंद्रीय विद्यालय खुलने का रास्ता साफ हुआ. अब इस मामले में उत्तराखंड शिक्षा विभाग की तरफ से केंद्र को प्रस्ताव बनाकर भेज दिए थे, जिसके बाद केंद्र की तरफ से भी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.
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चरणबद्ध तरीके से होगा काम: जानकारी के मुताबिक, पहले चरण में दो सैनिक स्कूल खोले जाएंगे, जो पौड़ी और उधमसिंह नगर जिले में खुलेंगे. वहीं दूसरे चरण में हरिद्वार और देहरादून में स्कूल खोले जाने की योजना है. इस बारे में ज्यादा जानकारी देते हुए उत्तराखंड के शिक्षा मंत्री धन सिंह ने बताया कि प्रदेश के अधिकांश युवा सेना में जाने का जज्बा रखते हैं. ऐसे ये सैनिक स्कूल उनकी सेना में जाने की राह तो आसान करेंगे, जहां देश सेवा के लिए सही मार्गदर्शन मिलेगा. प्रदेश के शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने बताया कि सरकार का प्लान पौड़ी में वीर चंद्र सिंह गढ़वाली की जन्मभूमि पीठसैंण में स्कूल खोलने का है, क्योंकि वो जगह स्कूल के लिए पूरी तरह से उपयुक्त है.
KV यहां खुलेंगे: वहीं प्रदेश में जो पांच केंद्रीय विद्यालय खुलने जा रहे हैं, उसमें दो अल्मोड़ा, एक पौड़ी जिले के कोटद्वार, दो टिहरी जिले के नरेंद्र नगर और प्रतानगर में स्थापित होंगे. राज्य सरकार ने केंद्र को प्रदेश में और भी स्कूल खोलने के प्रस्ताव भेजे हैं. इसके साथ ही राज्य सरकार ने केंद्र से मांग है कि राज्य में पहले से ही जो केंद्रीय विद्यालय चल रहे हैं, उनमें और बेहतर व्यवस्था की जाए. मंत्री ने बताया कि विभाग की ओर से सभी अधिकारियों को कहा गया है कि इस विषय में जल्द पत्राचार करें और काम तेजी से आगे बढ़ाएं, क्योंकि सरकार की ओर से सभी कार्यों को पूरा कर दिया गया है.
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ये है सैनिक स्कूलों में दाखिले की प्रक्रिया: देश में इस समय 33 सैनिक स्कूल चल रहे हैं, जिन्हें केंद्र सरकार संचालित करती है. यह स्कूल विशेष जरूरत को ध्यान में रखकर बनाए गए थे. इन स्कूलों में अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई होती है और सीबीएसई बोर्ड के तहत यह स्कूल इनपैनल हैं. सैनिक स्कूल में एडमिशन लेने के लिए हर साल राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी परीक्षा आयोजित कराती है, जिसे पास करने के बाद छात्र का मेडिकल टेस्ट और इंटरव्यू होता है, जिसके बाद ही किसी छात्र का सैनिक स्कूल में चयन होता है. अनुशासन इन स्कूलों का महत्वपूर्ण हिस्सा होता है.