देहरादून: चिकित्सा शिक्षा ने छात्रों को एक बेहतर चिकित्सक के रूप में तैयार करने के लिए पहली बार फाउंडेशन कोर्स शुरू किया है. इसका मकसद छात्रों को न केवल बेहतर चिकित्सक बनाना है, बल्कि उन्हें कोर्स की शुरुआत में ही मानवीय संवेदनाओं का बोध कराना और क्लीनिकल एक्सपोजर देना भी है.
एफसीआई की गाइडलाइन के अनुसार चिकित्सा शिक्षा में छात्रों को इसी साल से फाउंडेशन कोर्स करवाया जा रहा है. यह कोर्स मेडिकल क्षेत्र में अपना भविष्य तलाश रहे छात्रों को क्लीनिकल एक्स्पोजर देता है. साथ ही उन्हें स्थानीय कल्चरल, लैंग्वेज, कंप्यूटर, स्पोर्ट्स, योगा, मेडिटेशन और आउटडोर एक्टिविटीज से भी जोड़ा जाता है. फाउंडेशन कोर्स यानी छात्रों की चिकित्सक बनने से पहले एक मजबूत बुनियाद तैयार करना है. इस कोर्स के जरिए छात्रों में चिकित्सीय कार्यों को लेकर विभिन्न प्राथमिक और महत्वपूर्ण जानकारियों को दिया जाएगा. यह कोर्स एक चिकित्सक को भारतीय पहलवानों को भी समझने के लिए काफी महत्वपूर्ण है.
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श्रीनगर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल बताते हैं कि चिकित्सक आज मरीज को मात्र एक बॉडी समझते हैं, लेकिन उसके अंदर की मानवीय संवेदना और भावनाओं को भी समझना बेहद जरूरी है. बस इसी सोच के साथ एमसीआई ने इस कोर्स की शुरुआत करने के निर्देश दिए हैं. इस कोर्स से चिकित्सक न केवल स्थानीय संस्कृति को जा सकते हैं बल्कि स्थानीय भाषाओं का भी ज्ञान और कोर्स के दौरान तमाम दूसरी एक्टिविटीज भी करवाई जाती है.