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पहले दो लड़ते थे, अब वो पांच भिड़ेंगे और हम जीतेंगे, TSR ने क्यों कहा ऐसा

कांग्रेस ने पांच अध्यक्ष बनाए तो पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को हंसी आ गई. त्रिवेंद्र ने कहा कि पहले कांग्रेस के दो नेता लड़ते थे. अब पांच लड़ेंगे और चुनाव बीजेपी जीत जाएगी.

Trivendras statement
त्रिवेंद्र रावत इंटरव्यू
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Published : Jul 24, 2021, 6:21 PM IST

देहरादून: पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत से ईटीवी भारत ने एक्सक्लूसिव बातचीत की. उनसे जब कांग्रेस के नए अध्यक्षों पर सवाल किया गया तो उनके चेहरे पर मुस्कान आई. उन्होंने कहा- पहले कांग्रेस के दो नेताओं में झगड़ा होता था. अब पांच में झगड़ा होगा. पांच कार्यकारी अध्यक्ष बनाने का जनता में निगेटिव मैसेज गया है. जनता को भी पता चल गया है कि कांग्रेस के नेताओं में कितनी लड़ाई होती है कि पांच-पांच अध्यक्ष बना दिए. अध्यक्ष तो एक ही होता है. कांग्रेस के संविधान में भी यही लिखा होगा. कांग्रेसी आपस में लड़ते रहेंगे और बीजेपी 2022 में बाजी मार लेगी.

जब टीएसआर से आम आदमी पार्टी के चुनावी अभियान और फ्री की घोषणा पर सवाल पूछा तो उन्होंने कहा कि आप के पास उत्तराखंड में कुछ नहीं है. आप के पास खोने के लिए भी कुछ नहीं है. वो कोई भी वादा कर सकते हैं. उन्होंने दिल्ली में कितने वादे पूरे किए. दिल्ली में साढ़े छह रुपए यूनिट से कम की बिजली है ही नहीं. केजरीवाल आखिर करना क्या चाहते हैं. दिल्ली और उत्तराखंड में अंतर है. दिल्ली का अनुभव लोगों ने देख लिया. उत्तराखंड के लोग आम आदमी के झांसे में नहीं आने वाले. आप के जो वादे हैं वो सिर्फ वोट के लिए किए जा रहे हैं. उत्तराखंड के लोग इन वादों के झांसे में नहीं आने वाले हैं.

कांग्रेस और आप पर त्रिवेंद्र का बयान

जब उनसे पूछा गया कि उत्तराखंड के ऊर्जा मंत्री ने भी आप की देखा-देखी फ्री बिजली का वादा कर दिया. इस पर उन्होंने कहा कि मंत्री ने वादा किया होगा, लेकिन घोषणा करने का अधिकार मुख्यमंत्री को ही है. मुख्यमंत्री की घोषणा की मान्य और धरातल पर उतरती है.

ये भी पढ़ें: उत्तराखंड मांगे भू-कानून: त्रिवेंद्र बोले- हवा में नहीं होगा इन्वेस्टमेंट, जमीन चाहिए

त्रिवेंद्र ने कहा कि आज हम एक हजार करोड़ रुपए की बिजली खरीद रहे है. इसमें कम से कम डेढ़ हजार करोड़ का घाटा होगा. क्या सरकार निगम को इतना पैसा देगी. आज डेस्कॉम के लिए एक प्रावधान है. क्या हम इस निगम को उत्तराखंड परिवहन निगम और गढ़वाल मंडल विकास निगम की तरह बनाना चाहते हैं. दरअसल ये दोनों निगम भयंकर घाटे में चल रहे हैं.

हमको ये देखना पड़ेगा कि जो निगम हमारे खड़े हैं उन्हें खड़ा रहने दें. सबसे अच्छी बात ये है कि उत्तराखंड की जनता ने कभी फ्री की चीजें नहीं मांगीं. न ही राज्य के लोग कभी फ्री के झांसे में आएंगे.

जब त्रिवेंद्र रावत से दायित्वधारियों पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि ये मुख्यमंत्री का अपना निर्णय होता है. दरअसल त्रिवेंद्र रावत ने 100 से ज्यादा बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओं को दायित्व बांटे थे. जब तीरथ सीएम बने तो उन्होंने सबको पैदल कर दिया था.

ये भी पढ़ें: सुलगते मुद्दों पर त्रिवेंद्र के बेबाक जवाब, देवस्थानम बोर्ड और भू-कानून पर खोले पत्ते

त्रिवेंद्र रावत से जब पूछा गया कि क्या जो दायित्वधारी हटाए गए हैं वो चुनाव में मन से काम कर पाएंगे तो त्रिवेंद्र ने कहा कि वो सभी पार्टी के निष्ठावान कार्यकर्ता हैं. छोटी बातों का कार्यकर्ताओं पर असर नहीं पड़ता है और वो 2022 में पार्टी को जिताने का काम करेंगे.

देहरादून: पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत से ईटीवी भारत ने एक्सक्लूसिव बातचीत की. उनसे जब कांग्रेस के नए अध्यक्षों पर सवाल किया गया तो उनके चेहरे पर मुस्कान आई. उन्होंने कहा- पहले कांग्रेस के दो नेताओं में झगड़ा होता था. अब पांच में झगड़ा होगा. पांच कार्यकारी अध्यक्ष बनाने का जनता में निगेटिव मैसेज गया है. जनता को भी पता चल गया है कि कांग्रेस के नेताओं में कितनी लड़ाई होती है कि पांच-पांच अध्यक्ष बना दिए. अध्यक्ष तो एक ही होता है. कांग्रेस के संविधान में भी यही लिखा होगा. कांग्रेसी आपस में लड़ते रहेंगे और बीजेपी 2022 में बाजी मार लेगी.

जब टीएसआर से आम आदमी पार्टी के चुनावी अभियान और फ्री की घोषणा पर सवाल पूछा तो उन्होंने कहा कि आप के पास उत्तराखंड में कुछ नहीं है. आप के पास खोने के लिए भी कुछ नहीं है. वो कोई भी वादा कर सकते हैं. उन्होंने दिल्ली में कितने वादे पूरे किए. दिल्ली में साढ़े छह रुपए यूनिट से कम की बिजली है ही नहीं. केजरीवाल आखिर करना क्या चाहते हैं. दिल्ली और उत्तराखंड में अंतर है. दिल्ली का अनुभव लोगों ने देख लिया. उत्तराखंड के लोग आम आदमी के झांसे में नहीं आने वाले. आप के जो वादे हैं वो सिर्फ वोट के लिए किए जा रहे हैं. उत्तराखंड के लोग इन वादों के झांसे में नहीं आने वाले हैं.

कांग्रेस और आप पर त्रिवेंद्र का बयान

जब उनसे पूछा गया कि उत्तराखंड के ऊर्जा मंत्री ने भी आप की देखा-देखी फ्री बिजली का वादा कर दिया. इस पर उन्होंने कहा कि मंत्री ने वादा किया होगा, लेकिन घोषणा करने का अधिकार मुख्यमंत्री को ही है. मुख्यमंत्री की घोषणा की मान्य और धरातल पर उतरती है.

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त्रिवेंद्र ने कहा कि आज हम एक हजार करोड़ रुपए की बिजली खरीद रहे है. इसमें कम से कम डेढ़ हजार करोड़ का घाटा होगा. क्या सरकार निगम को इतना पैसा देगी. आज डेस्कॉम के लिए एक प्रावधान है. क्या हम इस निगम को उत्तराखंड परिवहन निगम और गढ़वाल मंडल विकास निगम की तरह बनाना चाहते हैं. दरअसल ये दोनों निगम भयंकर घाटे में चल रहे हैं.

हमको ये देखना पड़ेगा कि जो निगम हमारे खड़े हैं उन्हें खड़ा रहने दें. सबसे अच्छी बात ये है कि उत्तराखंड की जनता ने कभी फ्री की चीजें नहीं मांगीं. न ही राज्य के लोग कभी फ्री के झांसे में आएंगे.

जब त्रिवेंद्र रावत से दायित्वधारियों पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि ये मुख्यमंत्री का अपना निर्णय होता है. दरअसल त्रिवेंद्र रावत ने 100 से ज्यादा बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओं को दायित्व बांटे थे. जब तीरथ सीएम बने तो उन्होंने सबको पैदल कर दिया था.

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त्रिवेंद्र रावत से जब पूछा गया कि क्या जो दायित्वधारी हटाए गए हैं वो चुनाव में मन से काम कर पाएंगे तो त्रिवेंद्र ने कहा कि वो सभी पार्टी के निष्ठावान कार्यकर्ता हैं. छोटी बातों का कार्यकर्ताओं पर असर नहीं पड़ता है और वो 2022 में पार्टी को जिताने का काम करेंगे.

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