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पूर्व विधायक का सरकार पर हमला, कहा- पहले होना चाहिए था भत्तों में कटौती का फैसला

बंशीधर भगत ने पार्टी के सभी विधायकों से वेतन के साथ भत्तों की कटौती करने की अपील की है. जिसके बाद प्रदेश सरकार को कोविड-19 फंड के लिए विधायकों की 30 प्रतिशत वेतन कटौती को लेकर अध्यादेश लाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी. पूर्व विधायक ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार को यह काम पहले ही कर लेना चाहिए था.

Former MLA Rajkumar
पूर्व विधायक का सरकार पर हमला
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Published : Aug 9, 2020, 5:59 PM IST

देहरादून: कांग्रेस के पूर्व विधायक और अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष राजकुमार ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि वेतन भत्तों में कटौती को लेकर भाजपा के विधायकों को पहले ही सहमति दे देनी चाहिए थी. अब भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के कहने पर सहमति बनायी जा रही है, जिसके बाद भाजपा विधायक अपने वेतन भत्तों में कटौती करा रहे हैं.

पूर्व विधायक का सरकार पर हमला

उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार में कई तरह के फंड केंद्र सरकार की तरफ से आए हैं. लोगों ने भी कोरोना काल में आगे बढ़कर मुख्यमंत्री राहत कोष में योगदान दिया है, लेकिन इस धनराशि का कहीं कोई अता पता नहीं चल रहा है. हालात यह हैं कि कोरोना के मरीजों को समय पर भोजन नहीं मिल रहा है और कोविड केयर सेंटरों पर उन्हें खुद ही साफ-सफाई करनी पड़ रही है. अस्पतालों के अलावा सरकार ने होटल में जो व्यवस्थाएं बनाई है, वहां समय पर डॉक्टर नहीं पहुंच रहे हैं. सरकार को इन 5 माह में नए अस्पताल का निर्माण कर देना चाहिए था. लेकिन कोरोना के मरीजों को सुविधाएं देने में सरकार पूरी तरह विफल साबित हुई है.

ये भी पढ़ें: प्रियंका दीवान के हौसलों की उड़ान, पहले प्रयास में हासिल की 257वीं रैंक

पूर्व विधायक राजकुमार का कहना है कि मुख्यमंत्री को प्रत्येक जिलों में फंड बांटने चाहिए. ताकि कोरोना मरीजों की देखरेख बेहतर तरीके से की जा सके. दरअसल कांग्रेस विधायक मनोज रावत ने आरटीआई के जरिए खुलासा किया था कि विधायकों के वेतन और भत्तों में 30 फीसकी की कटौती हो रही है. लेकिन सरकार के कई विधायक केवल मूल वेतन से ही 30 प्रतिशत कटौती करा रहे हैं. इन सबके बीच 30 फीसदी कटौती का फैसला लेने वाली त्रिवेंद्र सरकार असहज नजर आई.

कांग्रेस ने आरोप लगाया कि पहले तो सरकार ने विपक्ष को विश्वास में लिए बगैर ही विधायकों के वेतन से मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए पैसा जमा कराने का फैसला लिया. सरकार के एकतरफा निर्णय के बावजूद कांग्रेसी विधायकों ने बढ़-चढ़कर अपना योगदान दिया. मगर सत्तापक्ष के विधायक ही कैबिनेट के आदेश को दरकिनार कर गए. वहीं, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने पार्टी के सभी विधायकों से वेतन के साथ भत्तों की कटौती करने की अपील की है. ऐसे में कांग्रेस पार्टी ने भाजपा के विधायकों पर निशाना साधते हुए कहा है कि वेतन भत्तों में कटौती की सहमति भाजपा विधायकों को पहले ही दे देनी चाहिए थी. वहीं, राजकुमार ने कहा कि कहा कोरोना काल में कांग्रेसी विधायकों ने जो भूमिका निभाई है, वह सराहनीय है और हर जगह उसकी तारीफ हो रही है.

देहरादून: कांग्रेस के पूर्व विधायक और अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष राजकुमार ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि वेतन भत्तों में कटौती को लेकर भाजपा के विधायकों को पहले ही सहमति दे देनी चाहिए थी. अब भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के कहने पर सहमति बनायी जा रही है, जिसके बाद भाजपा विधायक अपने वेतन भत्तों में कटौती करा रहे हैं.

पूर्व विधायक का सरकार पर हमला

उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार में कई तरह के फंड केंद्र सरकार की तरफ से आए हैं. लोगों ने भी कोरोना काल में आगे बढ़कर मुख्यमंत्री राहत कोष में योगदान दिया है, लेकिन इस धनराशि का कहीं कोई अता पता नहीं चल रहा है. हालात यह हैं कि कोरोना के मरीजों को समय पर भोजन नहीं मिल रहा है और कोविड केयर सेंटरों पर उन्हें खुद ही साफ-सफाई करनी पड़ रही है. अस्पतालों के अलावा सरकार ने होटल में जो व्यवस्थाएं बनाई है, वहां समय पर डॉक्टर नहीं पहुंच रहे हैं. सरकार को इन 5 माह में नए अस्पताल का निर्माण कर देना चाहिए था. लेकिन कोरोना के मरीजों को सुविधाएं देने में सरकार पूरी तरह विफल साबित हुई है.

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पूर्व विधायक राजकुमार का कहना है कि मुख्यमंत्री को प्रत्येक जिलों में फंड बांटने चाहिए. ताकि कोरोना मरीजों की देखरेख बेहतर तरीके से की जा सके. दरअसल कांग्रेस विधायक मनोज रावत ने आरटीआई के जरिए खुलासा किया था कि विधायकों के वेतन और भत्तों में 30 फीसकी की कटौती हो रही है. लेकिन सरकार के कई विधायक केवल मूल वेतन से ही 30 प्रतिशत कटौती करा रहे हैं. इन सबके बीच 30 फीसदी कटौती का फैसला लेने वाली त्रिवेंद्र सरकार असहज नजर आई.

कांग्रेस ने आरोप लगाया कि पहले तो सरकार ने विपक्ष को विश्वास में लिए बगैर ही विधायकों के वेतन से मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए पैसा जमा कराने का फैसला लिया. सरकार के एकतरफा निर्णय के बावजूद कांग्रेसी विधायकों ने बढ़-चढ़कर अपना योगदान दिया. मगर सत्तापक्ष के विधायक ही कैबिनेट के आदेश को दरकिनार कर गए. वहीं, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने पार्टी के सभी विधायकों से वेतन के साथ भत्तों की कटौती करने की अपील की है. ऐसे में कांग्रेस पार्टी ने भाजपा के विधायकों पर निशाना साधते हुए कहा है कि वेतन भत्तों में कटौती की सहमति भाजपा विधायकों को पहले ही दे देनी चाहिए थी. वहीं, राजकुमार ने कहा कि कहा कोरोना काल में कांग्रेसी विधायकों ने जो भूमिका निभाई है, वह सराहनीय है और हर जगह उसकी तारीफ हो रही है.

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