देहरादूनः उत्तराखंड में भारतीय जनता पार्टी लगातार अपने संगठन को मजबूत कर रही है. इसके लिए पार्टी अलग-अलग स्तरों पर बदलाव भी कर रही है. इन्हीं बदलावों में सबसे बड़ा बदलाव पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के रूप में मदन कौशिक को हटाकर पार्टी के पुराने कार्यकर्ता और पहाड़ से आने वाले महेंद्र भट्ट को प्रदेश अध्यक्ष (Uttarakhand BJP President Mahendra Bhatt) की कमान सौंपी गई. प्रदेश अध्यक्ष के रूप में नियुक्त होने के बाद महेंद्र भट्ट ने प्रदेश कार्यकारिणी की अपनी नई टीम (Uttarakhand BJP new executive formed) की घोषणा भी कर दी है. लेकिन कार्यकारिणी में कुछ चेहरों को रिपीट करने पर सवाल (Question on the new executive of Uttarakhand BJP) खड़े होने लगे हैं.
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट द्वारा प्रदेश कार्यकारिणी के रूप में गठित की गई इस नई टीम में कई चेहरे रिपीट किए गए हैं. यानी कि प्रदेश कार्यकारिणी की इस नई सूची में काफी नए लोगों को जगह दी गई है. वहीं, कुछ पदों पर पुराने कार्यकर्ताओं को रिपीट किया गया है. लेकिन पूर्व पदाधिकारियों को रिपीट किए जाने पर यमुनोत्री से पूर्व विधायक केदार रावत (Kedar Rawat raised questions on the executive) ने सवाल खड़े किए हैं.
यमुनोत्री से पूर्व भाजपा विधायक केदार रावत का कहना है कि प्रदेश कार्यकारिणी में कुछ चेहरों को रिपीट किया गया है जो कि चिंता का विषय है. उन्होंने कहा कि पार्टी की इस कार्यशैली को जनता देख रही है और कहीं ना कहीं इससे जनता में गलत संदेश जा रहा है. उन्होंने कहा कि पार्टी को इस संबंध में सोचना चाहिए और कुछ महत्वपूर्ण पदों पर लगातार लंबे समय तक एक ही कार्यकर्ता को रखना कहीं ना कहीं पार्टी की रीति नीति के पैमाने पर फिट नहीं बैठता है.
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बता दें कि केदार रावत 2017 में यमुनोत्री विधानसभा से भाजपा के टिकट पर चुनाव जीते थे. 2022 में भी पार्टी ने उन्हें टिकट दिया लेकिन टिकट फाइनल होने से पहले ही वह अपने खिलाफ षड्यंत्र की शिकायत लेकर पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों के पास पहुंचे थे. उन्होंने अपनी विधानसभा में उनके साथ हुए षड्यंत्र का आरोप भी अपने ही पार्टी के लोगों पर लगाया था. उनका कहना है कि पार्टी ने एक बार फिर से उन लोगों को प्रदेश कार्यकारिणी में जगह दी है जो कि पार्टी के खिलाफ गतिविधियों के संबंध में आरोपी हैं और उनको पार्टी द्वारा नोटिस भी भेजा गया है.