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देहरादून: पूर्व शिक्षा मंत्री नैथानी ने दिया धरना, शिक्षा मंत्री पांडेय को दी सलाह

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Published : Sep 3, 2020, 5:20 PM IST

मंत्री प्रसाद नैथानी ने शिक्षक दिवस के दिन वर्चुअल क्लास के माध्यम से शिक्षकों को संबोधित करने के फैसले का विरोध जताया है. उनका कहना है कि शिक्षा मंत्री कोरोना काल में कोविड-19 की गाइडलाइन के खिलाफ जाकर शिक्षकों के जीवन के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं.

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पूर्व शिक्षा मंत्री नैथानी ने दिया धरना

देहरादून: उत्तराखंड के शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे शिक्षक दिवस के दिन वर्चुअल क्लास के माध्यम से तमाम शिक्षकों को संबोधित करेंगे. जिसके चलते तमाम शिक्षकों को वर्चुअल सेंटर में एकत्रित होना है. इसी कड़ी में कांग्रेस नेता और पूर्व शिक्षा मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी ने नवादा स्थित अपने आवास पर धरना दिया. उन्होंने शिक्षा मंत्री के इस फैसले को आत्मघाती बताया है.

पूर्व शिक्षा मंत्री नैथानी ने दिया धरना.

मंत्री प्रसाद नैथानी का कहना है कि शिक्षक दिवस पर प्रदेश के शिक्षकों को सैकड़ों की संख्या में वर्चुअल सेंटरों में बुलाकर उन को संबोधित करना, इस कोरोना काल में एक आत्मघाती कदम है. इस प्रकार का संबोधन करने का कोई औचित्य नहीं है.

पढ़ें-भूस्खलन से मौत के मामले में उत्तराखंड दूसरे नंबर पर, NCRB ने जारी किए आंकड़े

नैथानी ने कहा कि राज्य के शिक्षा मंत्री कोरोना काल में कोविड-19 की गाइडलाइन के खिलाफ जाकर शिक्षकों के जीवन के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं. ऐसे समय में शिक्षकों को वर्चुअल सेंटरों में बुलाकर उनको डेंजर जोन में लाना उचित फैसला नहीं है. उन्होंने शिक्षा मंत्री से इस फैसले को निरस्त करने की मांग की है.

वहीं, उन्होंने शिक्षा मंत्री को नसीहत देते हुए कहा कि शिक्षा मंत्री शिक्षकों को एक जगह एकत्रित न कर किसी और माध्यम से अपना संबोधन करें. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि जब प्रधानमंत्री अपना संबोधन अन्य माध्यमों से कर सकते हैं तो ऐसे में शिक्षा मंत्री को अपने संबोधन के लिए अन्य माध्यमों को चुनना चाहिए.

देहरादून: उत्तराखंड के शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे शिक्षक दिवस के दिन वर्चुअल क्लास के माध्यम से तमाम शिक्षकों को संबोधित करेंगे. जिसके चलते तमाम शिक्षकों को वर्चुअल सेंटर में एकत्रित होना है. इसी कड़ी में कांग्रेस नेता और पूर्व शिक्षा मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी ने नवादा स्थित अपने आवास पर धरना दिया. उन्होंने शिक्षा मंत्री के इस फैसले को आत्मघाती बताया है.

पूर्व शिक्षा मंत्री नैथानी ने दिया धरना.

मंत्री प्रसाद नैथानी का कहना है कि शिक्षक दिवस पर प्रदेश के शिक्षकों को सैकड़ों की संख्या में वर्चुअल सेंटरों में बुलाकर उन को संबोधित करना, इस कोरोना काल में एक आत्मघाती कदम है. इस प्रकार का संबोधन करने का कोई औचित्य नहीं है.

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नैथानी ने कहा कि राज्य के शिक्षा मंत्री कोरोना काल में कोविड-19 की गाइडलाइन के खिलाफ जाकर शिक्षकों के जीवन के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं. ऐसे समय में शिक्षकों को वर्चुअल सेंटरों में बुलाकर उनको डेंजर जोन में लाना उचित फैसला नहीं है. उन्होंने शिक्षा मंत्री से इस फैसले को निरस्त करने की मांग की है.

वहीं, उन्होंने शिक्षा मंत्री को नसीहत देते हुए कहा कि शिक्षा मंत्री शिक्षकों को एक जगह एकत्रित न कर किसी और माध्यम से अपना संबोधन करें. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि जब प्रधानमंत्री अपना संबोधन अन्य माध्यमों से कर सकते हैं तो ऐसे में शिक्षा मंत्री को अपने संबोधन के लिए अन्य माध्यमों को चुनना चाहिए.

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