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त्रिवेंद्र के 'दार्शनिक ज्ञान' ने कराई फजीहत, कहा- कोरोना एक प्राणी, उसे भी जीने का हक - सांप-बिच्‍छू काटने पर घिसकर लगाएं पत्‍थर का लेप

पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बेतुका बयान देते हुए कहा कि 'कोरोना वायरस को भी जीने का अधिकार है, क्योंकि वह भी एक प्राणी है'.

त्रिवेंद्र के 'दार्शनिक ज्ञान'
त्रिवेंद्र के 'दार्शनिक ज्ञान'
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Published : May 13, 2021, 3:01 PM IST

Updated : May 13, 2021, 8:36 PM IST

देहरादून: कोरोना संकट काल में जहां सरकारें लोगों को बचाने में जुटी हुई हैं, वहीं दूसरी तरफ कुछ लोग अपने बयानों से फजीहत कराने पर तुले हुए हैं. देहरादून में पत्रकारों से बातचीत में पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बेतुका बयान देकर अपनी फजीहत करा दी है.

त्रिवेंद्र के 'दार्शनिक ज्ञान' ने कराई फजीहत.

पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि-

कोरोना वायरस भी हमारी तरह प्राणी है. जैसे हम जीना चाहते हैं, वैसे ही यह वायरस भी जीना चाहता है और हम हैं कि इस वायरस के पीछे पड़े हुए हैं. इसलिए यह वायरस अपना रूप बदल रहा है. ऐसे में इस वायरस को भी जीने का पूरा अधिकार है.

गाय पर पूर्व सीएम त्रिवेंद्र का बेतुका बयान

पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत यहीं नहीं रुके. उन्होंने कहा कि लोगों से बचने के लिए कोरोना वायरस बहरूपिया हो गया है. ऐसे में हमें अपनी चाल तेज करते हुए रफ्तार बढ़ानी चाहिए. ताकि कोरोना वायरस को पीछे छोड़ जा सके. त्रिवेंद्र आगे कहते हैं 'गाय का गोबर और गोमूत्र भी हमारे लिए बेहद फायदेमंद हैं. किडनी और हृदय के लिए ये दोनों बेहद उपयोगी है. कोई टीबी का मरीज अगर गाय के आसपास रहे तो वह भी ठीक हो सकता है. अब वैज्ञानिक भी इन सच्चाई के बारे में बता रहे हैं'.

इससे पहले भी पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत गाय को लेकर अजीबो-गरीब बयान दे चुके हैं. उन्होंने कहा है कि 'गाय एक मात्र जीव है जो ऑक्सीजन ग्रहण करती है और ऑक्सीजन छोड़ती है. आगे उन्होंने कहा कि गाय को थोड़ी देर रोजाना सहलाने से सांस की बीमारियां ठीक हो जाती हैं. यही कारण है कि लोग गाय को गौमाता कहते हैं.

पढ़ें: उत्तराखंड के मंत्रियों के निशाने पर क्यों हैं पूर्व CM त्रिवेंद्र, जानिए अंदर की कहानी

सीएम तीरथ का बेतुका बयान

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कुंभ के समय पर कहा था कि मां गंगा की अविरल धारा है, मां गंगा का आशीर्वाद लेकर जाएंगे तो कोरोना नहीं फैलेगा. 21 मार्च को रामनगर में विश्व वानिकी दिवस पर प्रदेश के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने दो ऐसे बयान देकर विवाद खड़े कर दिए जो सुर्खियां में छाए रहे. मुख्यमंत्री ने कहा जिस परिवार में ज्यादा लोग थे, उनको ज्यादा चावल मिला. गलती उनकी है जिन्होंने बच्चे कम पैदा किए. जब समय था तो 20 बच्चे क्यों नहीं पैदा किए?

रिप्ड जींस बयान पर भी मचा था बवाल

मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के कुछ दिन बाद ही सीएम तीरथ सिंह रावत ने कहा था कि महिलाओं को फटी हुई जींस यानी रिप्ड जींस में देख कर हैरानी होती है. उनके मन में सवाल उठता है कि इससे समाज में क्या संदेश जाएगा.

अजय भट्ट का डिलीवरी पर बेतुका बयान

लोकसभा में होम्योपैथी केंद्रीय परिषद संशोधन विधेयक 2019 पर बोलते हुए भट्ट ने महिलाओं को नॉर्मल डिलीवरी के लिए अनोखा फॉर्मूला बताया था. उन्होंने लोकसभा में बिल पर चर्चा करते हुए कहा था कि गर्भवती महिलाएं अगर गरुड़ गंगा के पत्थर को रगड़ कर एक कप पानी के साथ पी लें, तो उसकी सामान्य डिलीवरी संभव है. जिसके बाद से उनके बयान की खासी किरकिरी हुई थी. भट्ट ने अपनी बातों को आगे बढ़ाते हुए कहा कि भले ही डॉक्टर ऑपरेशन की बात करें पर ये चमत्कार है. इसकी जानकारी बहुत कम लोगों को है.

सांप-बिच्‍छू काटने पर घिसकर लगाएं पत्‍थर का लेप

अजय भट्ट ने एक और बेतुका बयान देते हुए कहा था कि अगर सांप-बिच्छू के काटने पर कोई पत्थर घिसकर उसका लेप लगा ले तो जहर का असर खत्म हो जाता है.

निशंक भी दे चुके हैं बेतुका बयान

डॉक्टर रमेश पोखरियाल निशंक भी ज्योतिष को लेकर बेतुका बयान दे चुके हैं. 16वीं लोकसभा में दिसंबर 2014 में रमेश पोखरियाल निशंक ने दावा किया था कि ज्योतिष के सामने विज्ञान बौना है. उनका ये बयान उस वक्त काफी चर्चाओं में रहा था.

उत्तराखंड में नेताओं के अजीब-ओ-गरीब बयानों का सिलसिला लगातार जारी है. मुख्यमंत्री पद पर बैठने के बाद तीरथ सिंह रावत ने जींस से संस्कारों की तुलना कर दी थी. इतना ही नहीं मुख्यमंत्री ने तो भारत को अमेरिका का 200 साल का गुलाम भी बता दिया था. अब ऐसा ही एक बयान पूर्व मुख्यमंत्री और डोईवाला से विधायक त्रिवेंद्र सिंह रावत ने देते हुए अपने साथ-साथ उत्तराखंड की फजीहत भी करवा दी है.

देहरादून: कोरोना संकट काल में जहां सरकारें लोगों को बचाने में जुटी हुई हैं, वहीं दूसरी तरफ कुछ लोग अपने बयानों से फजीहत कराने पर तुले हुए हैं. देहरादून में पत्रकारों से बातचीत में पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बेतुका बयान देकर अपनी फजीहत करा दी है.

त्रिवेंद्र के 'दार्शनिक ज्ञान' ने कराई फजीहत.

पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि-

कोरोना वायरस भी हमारी तरह प्राणी है. जैसे हम जीना चाहते हैं, वैसे ही यह वायरस भी जीना चाहता है और हम हैं कि इस वायरस के पीछे पड़े हुए हैं. इसलिए यह वायरस अपना रूप बदल रहा है. ऐसे में इस वायरस को भी जीने का पूरा अधिकार है.

गाय पर पूर्व सीएम त्रिवेंद्र का बेतुका बयान

पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत यहीं नहीं रुके. उन्होंने कहा कि लोगों से बचने के लिए कोरोना वायरस बहरूपिया हो गया है. ऐसे में हमें अपनी चाल तेज करते हुए रफ्तार बढ़ानी चाहिए. ताकि कोरोना वायरस को पीछे छोड़ जा सके. त्रिवेंद्र आगे कहते हैं 'गाय का गोबर और गोमूत्र भी हमारे लिए बेहद फायदेमंद हैं. किडनी और हृदय के लिए ये दोनों बेहद उपयोगी है. कोई टीबी का मरीज अगर गाय के आसपास रहे तो वह भी ठीक हो सकता है. अब वैज्ञानिक भी इन सच्चाई के बारे में बता रहे हैं'.

इससे पहले भी पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत गाय को लेकर अजीबो-गरीब बयान दे चुके हैं. उन्होंने कहा है कि 'गाय एक मात्र जीव है जो ऑक्सीजन ग्रहण करती है और ऑक्सीजन छोड़ती है. आगे उन्होंने कहा कि गाय को थोड़ी देर रोजाना सहलाने से सांस की बीमारियां ठीक हो जाती हैं. यही कारण है कि लोग गाय को गौमाता कहते हैं.

पढ़ें: उत्तराखंड के मंत्रियों के निशाने पर क्यों हैं पूर्व CM त्रिवेंद्र, जानिए अंदर की कहानी

सीएम तीरथ का बेतुका बयान

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कुंभ के समय पर कहा था कि मां गंगा की अविरल धारा है, मां गंगा का आशीर्वाद लेकर जाएंगे तो कोरोना नहीं फैलेगा. 21 मार्च को रामनगर में विश्व वानिकी दिवस पर प्रदेश के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने दो ऐसे बयान देकर विवाद खड़े कर दिए जो सुर्खियां में छाए रहे. मुख्यमंत्री ने कहा जिस परिवार में ज्यादा लोग थे, उनको ज्यादा चावल मिला. गलती उनकी है जिन्होंने बच्चे कम पैदा किए. जब समय था तो 20 बच्चे क्यों नहीं पैदा किए?

रिप्ड जींस बयान पर भी मचा था बवाल

मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के कुछ दिन बाद ही सीएम तीरथ सिंह रावत ने कहा था कि महिलाओं को फटी हुई जींस यानी रिप्ड जींस में देख कर हैरानी होती है. उनके मन में सवाल उठता है कि इससे समाज में क्या संदेश जाएगा.

अजय भट्ट का डिलीवरी पर बेतुका बयान

लोकसभा में होम्योपैथी केंद्रीय परिषद संशोधन विधेयक 2019 पर बोलते हुए भट्ट ने महिलाओं को नॉर्मल डिलीवरी के लिए अनोखा फॉर्मूला बताया था. उन्होंने लोकसभा में बिल पर चर्चा करते हुए कहा था कि गर्भवती महिलाएं अगर गरुड़ गंगा के पत्थर को रगड़ कर एक कप पानी के साथ पी लें, तो उसकी सामान्य डिलीवरी संभव है. जिसके बाद से उनके बयान की खासी किरकिरी हुई थी. भट्ट ने अपनी बातों को आगे बढ़ाते हुए कहा कि भले ही डॉक्टर ऑपरेशन की बात करें पर ये चमत्कार है. इसकी जानकारी बहुत कम लोगों को है.

सांप-बिच्‍छू काटने पर घिसकर लगाएं पत्‍थर का लेप

अजय भट्ट ने एक और बेतुका बयान देते हुए कहा था कि अगर सांप-बिच्छू के काटने पर कोई पत्थर घिसकर उसका लेप लगा ले तो जहर का असर खत्म हो जाता है.

निशंक भी दे चुके हैं बेतुका बयान

डॉक्टर रमेश पोखरियाल निशंक भी ज्योतिष को लेकर बेतुका बयान दे चुके हैं. 16वीं लोकसभा में दिसंबर 2014 में रमेश पोखरियाल निशंक ने दावा किया था कि ज्योतिष के सामने विज्ञान बौना है. उनका ये बयान उस वक्त काफी चर्चाओं में रहा था.

उत्तराखंड में नेताओं के अजीब-ओ-गरीब बयानों का सिलसिला लगातार जारी है. मुख्यमंत्री पद पर बैठने के बाद तीरथ सिंह रावत ने जींस से संस्कारों की तुलना कर दी थी. इतना ही नहीं मुख्यमंत्री ने तो भारत को अमेरिका का 200 साल का गुलाम भी बता दिया था. अब ऐसा ही एक बयान पूर्व मुख्यमंत्री और डोईवाला से विधायक त्रिवेंद्र सिंह रावत ने देते हुए अपने साथ-साथ उत्तराखंड की फजीहत भी करवा दी है.

Last Updated : May 13, 2021, 8:36 PM IST
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