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त्रिवेंद्र बोले शुरू होनी चाहिए चारधाम यात्रा, फ्री बिजली को बताया केजरीवाल का 'पासा'

पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत अपने दिल्ली दौरे पर हैं. इस दौरान उन्होंने केंद्रीय नेताओं से मुलाकात की. त्रिवेंद्र रावत ने कहा कि चारधाम यात्रा शुरू होनी चाहिए. केजरीवाल के फ्री बिजली वाले वादे को उन्होंने सत्ता पाने के लिए फेंका गया एक पासा बताया.

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त्रिवेंद्र का दिल्ली दौरा
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Published : Aug 4, 2021, 1:04 PM IST

Updated : Aug 5, 2021, 12:17 PM IST

देहरादून: पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत (Former Chief Minister Trivendra Rawat) अपने दिल्ली दौरे पर हैं. इस दौरान उन्होंने केंद्रीय नेताओं से मुलाकात की. इसके बाद उन्होंने चारधाम यात्रा और मुफ्त बिजली पर अपने विचार रखे हैं.

पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत अपने दिल्ली दौरे पर हैं. उन्होंने दिल्ली में कई बड़े नेताओं से मुलाकात की. इनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और अन्य कई कैबिनेट मंत्री शामिल हैं. केंद्रीय नेतृत्व से मुलाकात करने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने मीडिया से बातचीत के दौरान उत्तराखंड के विषयों पर अपने विचार रखे.

त्रिवेंद्र बोले शुरू होनी चाहिए चारधाम यात्रा.

पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने उत्तराखंड में चारधाम यात्रा पर कोरोना के कारण लगे प्रतिबंध से हो रहे नुकसान को लेकर कहा कि हमें चारधाम यात्रा की शुरुआत चरणबद्ध तरीके से करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा के लिए सख्त मानक होने चाहिए. लेकिन यात्रा शुरू होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा के लिए वैक्सीनेशन करवा चुके लोगों को अनुमति दी जानी चाहिए. एक हफ्ते से ज्यादा समय से कोरोना फ्री रहने वाले डिस्ट्रिक्ट को यात्रा की अनुमति दी जानी चाहिए.

पढ़ें: HNB गढ़वाल विवि की यूजी व पीजी अंतिम वर्ष की परीक्षाएं 20 अगस्त से होगी शुरू

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा उत्तराखंड में आकर किए गए मुफ्त बिजली के वादे पर उन्होंने कहा कि उत्तराखंड और दिल्ली में सामाजिक परिवेश को देखते हुए एक बहुत बड़ा अंतर है. दिल्ली में बिजली के दाम अत्यधिक बढ़े हुए हैं. जबकि उत्तराखंड में बिजली के दाम बिल्कुल न्यूनतम हैं. उत्तराखंड और दिल्ली के परिपेक्ष में बिजली के दामों की तुलना करना अव्यावहारिक है. आम आदमी पार्टी के इस दावे को हवा-हवाई बताते हुए कहा कि यह व्यवहारिक बातें नहीं है. केवल सत्ता पाने के लिए फेंका गया एक पासा है.

आपको बता दें कि, कोरोना की तीसरी लहर के खतरे को देखते हुए नैनीताल हाईकोर्ट ने चारधाम यात्रा (char dham yatra) पर रोक लगाई है. हाईकोर्ट ने चारधाम यात्रा (char dham yatra) पर अग्रिम आदेशों तक रोक लगाई है. कोर्ट ने कहा है कि जबतक सुप्रीम कोर्ट (supreme court) में यात्रा को लेकर फैसला नहीं होता तब तक चारधाम यात्रा पर रोक जारी रहेगी.

हाईकोर्ट ने चारधाम यात्रा (char dham yatra) पर 18 अगस्त तक रोक लगा दी है. कोर्ट ने कहा है कि जबतक सुप्रीम कोर्ट (supreme court) में यात्रा को लेकर फैसला नहीं होता तब तक चारधाम यात्रा पर रोक जारी रहेगी.

देवस्थानम बोर्ड के खिलाफ भी केदारनाथ में तीर्थ पुरोहितों का विरोध जारी है: देवस्थानम बोर्ड को भंग करने को लेकर केदारनाथ धाम के तीर्थ पुरोहितों का आंदोलन पिछले डेढ़ माह से जारी है. पुरोहितों का कहना है कि बोर्ड का गठन होने से उनके अधिकार प्रभावित हो रहे हैं. जब से बोर्ड का गठन हुआ है, तब से इसका विरोध किया जा रहा है. लेकिन अभी तक सरकार ने बोर्ड को भंग करने को लेकर कोई निर्णय नहीं लिया है, जिस कारण तीर्थ पुरोहितों में आक्रोश है.

देवस्थानम बोर्ड: साल 2020 में 15 जून 2020 के गजट नोटिफिकेशन के बाद त्रिवेंद्र सरकार में देवस्थानम बोर्ड अस्तित्व में आया था. जिसके अंतर्गत उत्तराखंड के चारों धामों सहित 51 मंदिरों को लिया गया है. देवस्थानम बोर्ड के अस्तित्व में आने के बाद चारों धामों से जुड़े तीर्थ पुरोहित लगातार इसका विरोध कर रहे हैं और बोर्ड को भंग करने की मांग कर रहे हैं.

देहरादून: पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत (Former Chief Minister Trivendra Rawat) अपने दिल्ली दौरे पर हैं. इस दौरान उन्होंने केंद्रीय नेताओं से मुलाकात की. इसके बाद उन्होंने चारधाम यात्रा और मुफ्त बिजली पर अपने विचार रखे हैं.

पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत अपने दिल्ली दौरे पर हैं. उन्होंने दिल्ली में कई बड़े नेताओं से मुलाकात की. इनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और अन्य कई कैबिनेट मंत्री शामिल हैं. केंद्रीय नेतृत्व से मुलाकात करने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने मीडिया से बातचीत के दौरान उत्तराखंड के विषयों पर अपने विचार रखे.

त्रिवेंद्र बोले शुरू होनी चाहिए चारधाम यात्रा.

पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने उत्तराखंड में चारधाम यात्रा पर कोरोना के कारण लगे प्रतिबंध से हो रहे नुकसान को लेकर कहा कि हमें चारधाम यात्रा की शुरुआत चरणबद्ध तरीके से करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा के लिए सख्त मानक होने चाहिए. लेकिन यात्रा शुरू होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा के लिए वैक्सीनेशन करवा चुके लोगों को अनुमति दी जानी चाहिए. एक हफ्ते से ज्यादा समय से कोरोना फ्री रहने वाले डिस्ट्रिक्ट को यात्रा की अनुमति दी जानी चाहिए.

पढ़ें: HNB गढ़वाल विवि की यूजी व पीजी अंतिम वर्ष की परीक्षाएं 20 अगस्त से होगी शुरू

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा उत्तराखंड में आकर किए गए मुफ्त बिजली के वादे पर उन्होंने कहा कि उत्तराखंड और दिल्ली में सामाजिक परिवेश को देखते हुए एक बहुत बड़ा अंतर है. दिल्ली में बिजली के दाम अत्यधिक बढ़े हुए हैं. जबकि उत्तराखंड में बिजली के दाम बिल्कुल न्यूनतम हैं. उत्तराखंड और दिल्ली के परिपेक्ष में बिजली के दामों की तुलना करना अव्यावहारिक है. आम आदमी पार्टी के इस दावे को हवा-हवाई बताते हुए कहा कि यह व्यवहारिक बातें नहीं है. केवल सत्ता पाने के लिए फेंका गया एक पासा है.

आपको बता दें कि, कोरोना की तीसरी लहर के खतरे को देखते हुए नैनीताल हाईकोर्ट ने चारधाम यात्रा (char dham yatra) पर रोक लगाई है. हाईकोर्ट ने चारधाम यात्रा (char dham yatra) पर अग्रिम आदेशों तक रोक लगाई है. कोर्ट ने कहा है कि जबतक सुप्रीम कोर्ट (supreme court) में यात्रा को लेकर फैसला नहीं होता तब तक चारधाम यात्रा पर रोक जारी रहेगी.

हाईकोर्ट ने चारधाम यात्रा (char dham yatra) पर 18 अगस्त तक रोक लगा दी है. कोर्ट ने कहा है कि जबतक सुप्रीम कोर्ट (supreme court) में यात्रा को लेकर फैसला नहीं होता तब तक चारधाम यात्रा पर रोक जारी रहेगी.

देवस्थानम बोर्ड के खिलाफ भी केदारनाथ में तीर्थ पुरोहितों का विरोध जारी है: देवस्थानम बोर्ड को भंग करने को लेकर केदारनाथ धाम के तीर्थ पुरोहितों का आंदोलन पिछले डेढ़ माह से जारी है. पुरोहितों का कहना है कि बोर्ड का गठन होने से उनके अधिकार प्रभावित हो रहे हैं. जब से बोर्ड का गठन हुआ है, तब से इसका विरोध किया जा रहा है. लेकिन अभी तक सरकार ने बोर्ड को भंग करने को लेकर कोई निर्णय नहीं लिया है, जिस कारण तीर्थ पुरोहितों में आक्रोश है.

देवस्थानम बोर्ड: साल 2020 में 15 जून 2020 के गजट नोटिफिकेशन के बाद त्रिवेंद्र सरकार में देवस्थानम बोर्ड अस्तित्व में आया था. जिसके अंतर्गत उत्तराखंड के चारों धामों सहित 51 मंदिरों को लिया गया है. देवस्थानम बोर्ड के अस्तित्व में आने के बाद चारों धामों से जुड़े तीर्थ पुरोहित लगातार इसका विरोध कर रहे हैं और बोर्ड को भंग करने की मांग कर रहे हैं.

Last Updated : Aug 5, 2021, 12:17 PM IST
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