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मंत्री महाराज के फर्जी हस्ताक्षर मामला, हरीश रावत ने ली चुटकी, कहा-फर्जीवाड़े का दोषी कौन है?

पूर्व सीएम हरीश रावत (Former CM Harish Rawat) ने सचिव द्वारा मंत्री सतपाल महाराज के फर्जी हस्ताक्षर मामले में चुटकी लेते हुए सोशल मीडिया पर लिखा कि बहुत दिनों से मैं, सार्वजनिक निर्माण विभाग के एचओडी के प्रकरण को बहुत गहराई से समझने का प्रयास कर रहा हूं. हरीश रावत ने आगे लिखा कि आज हमारी सड़कें अत्यधिक खराब स्थिति में हैं. कारण कई हैं मगर एक कारण विभाग के मुखिया को लेकर चल रहा एक अजीबो-गरीब प्रसंग भी है.

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Published : Dec 11, 2022, 11:14 AM IST

देहरादून: लोक निर्माण विभाग का चीफ एजाज अहमद को बनाए जाने से जुड़ा विवाद एक बार फिर सुर्खियों में है. मामले में कृष्ण मोहन की तरफ से डालनवाला थाना में पीडब्ल्यूडी चीफ एजाज अहमद और सतपाल महाराज के तत्कालीन निजी सचिव (cabinet minister satpal maharaj) आईपी सिंह के खिलाफ मामला दर्ज करवाया गया है. वहीं पूर्व सीएम हरीश रावत (Former CM Harish Rawat) ने इस पूरे मामले में चुटकी लेते हुए सोशल मीडिया पर लिखा कि बहुत दिनों से मैं, सार्वजनिक निर्माण विभाग के एचओडी के प्रकरण को बहुत गहराई से समझने का प्रयास कर रहा हूं.

  • बहुत दिनों से मैं, सार्वजनिक निर्माण विभाग के एचओडी के प्रकरण को बहुत गहराई से समझने का प्रयास कर रहा हूं..https://t.co/ORHcraayY4.. का दोषी कौन है? दोषी जो भी हो, सजा तो पिछले साल भर से गड्ढा युक्त सड़कों के साथ सारा उत्तराखंड भुगत रहा है।#uttarakhand @pushkardhami pic.twitter.com/1GFf2ngwdf

    — Harish Rawat (@harishrawatcmuk) December 10, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

हरीश रावत ने आगे लिखा कि आज हमारी सड़कें अत्यधिक खराब स्थिति में हैं. कारण कई हैं मगर एक कारण विभाग के मुखिया को लेकर चल रहा एक अजीबो-गरीब प्रसंग भी है. विभागीय मंत्री जी का कहना है कि मेरे निजी सचिव ने जब मैं विश्राम कर रहा था अपने कार्यालय में मेरे फर्जिया हस्ताक्षर करा दिये‌. अब यह भी पता चला है एचओडी के नियुक्ति के प्रस्ताव का अनुमोदन मुख्यमंत्री जी द्वारा करवाया ही नहीं गया, प्रमुख सचिव स्तर से ही आदेश जारी हो गए. डिजिटल हस्ताक्षर के फर्जीवाड़े का मुकदमा दायर हो रहा है, वह भी 8-10 महीने के बाद! तो अब अपनी सड़कों के लिए रोने की बजाय हमको तो इस सरकार में जो गड्ढे बने हुए हैं, उन गड्ढों के लिए रोना पड़ेगा. आखिर इतने शीर्ष स्तर पर फर्जीवाड़े का दोषी कौन है? दोषी जो भी हो, सजा तो पिछले साल भर से गड्ढा युक्त सड़कों के साथ सारा उत्तराखंड भुगत रहा है.
पढ़ें-मंत्री सतपाल महाराज के पूर्व निजी सचिव और PWD चीफ के खिलाफ मुकदमा दर्ज, जानें मामला

बता दें कि कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज के निजी सचिव आईपी सिंह और लोक निर्माण विभाग (PWD) के प्रमुख अभियंता एजाज अहमद के खिलाफ डालनवाला थाने में धोखाधड़ी और जालसाजी का मुकदमा दर्ज किया गया है. आरोप है कि आईपी सिंह ने मंत्री के फर्जी हस्ताक्षर कर एजाज अहमद को पीडब्ल्यूडी चीफ के पद पर नियुक्त करने का अनुमोदन कर दिया था। इसके बाद एजाज पीडब्ल्यूडी चीफ बना दिए गए. पिछले दिनों लोक निर्माण विभाग के चीफ के तौर पर एजाज अहमद को जिम्मेदारी दिए जाने पर विवाद खड़ा हो गया था. लोक निर्माण मंत्री सतपाल महाराज ने यह कहकर सबको चौंका दिया था कि एजाज अहमद के नाम पर उनके द्वारा कोई अनुमोदन नहीं किया गया.
पढ़ें-शासन की जांच पर PWD मंत्री को नहीं विश्वास! थाने में FIR कराने से उलझा मसला, जानें मामला

यही नहीं मंत्री ने एजाज अहमद को लोक निर्माण विभाग का चीफ बनाए जाने के लिए उनके डिजिटल सिग्नेचर फर्जी होने की भी बात कही.हालांकि, इस मामले में पहले ही शासन स्तर पर जांच की जा रही थी, लेकिन इस जांच की रिपोर्ट सामने आती उससे पहले ही कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज के पीआरओ कृष्ण मोहन ने डालनवाला थाना में इस मामले को लेकर रिपोर्ट दर्ज करवाई है. शिकायत में कहा गया है कि बिना मंत्री की जानकारी के एजाज अहमद को लोनिवि के चीफ के लिए प्रमोट किया गया.

देहरादून: लोक निर्माण विभाग का चीफ एजाज अहमद को बनाए जाने से जुड़ा विवाद एक बार फिर सुर्खियों में है. मामले में कृष्ण मोहन की तरफ से डालनवाला थाना में पीडब्ल्यूडी चीफ एजाज अहमद और सतपाल महाराज के तत्कालीन निजी सचिव (cabinet minister satpal maharaj) आईपी सिंह के खिलाफ मामला दर्ज करवाया गया है. वहीं पूर्व सीएम हरीश रावत (Former CM Harish Rawat) ने इस पूरे मामले में चुटकी लेते हुए सोशल मीडिया पर लिखा कि बहुत दिनों से मैं, सार्वजनिक निर्माण विभाग के एचओडी के प्रकरण को बहुत गहराई से समझने का प्रयास कर रहा हूं.

  • बहुत दिनों से मैं, सार्वजनिक निर्माण विभाग के एचओडी के प्रकरण को बहुत गहराई से समझने का प्रयास कर रहा हूं..https://t.co/ORHcraayY4.. का दोषी कौन है? दोषी जो भी हो, सजा तो पिछले साल भर से गड्ढा युक्त सड़कों के साथ सारा उत्तराखंड भुगत रहा है।#uttarakhand @pushkardhami pic.twitter.com/1GFf2ngwdf

    — Harish Rawat (@harishrawatcmuk) December 10, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

हरीश रावत ने आगे लिखा कि आज हमारी सड़कें अत्यधिक खराब स्थिति में हैं. कारण कई हैं मगर एक कारण विभाग के मुखिया को लेकर चल रहा एक अजीबो-गरीब प्रसंग भी है. विभागीय मंत्री जी का कहना है कि मेरे निजी सचिव ने जब मैं विश्राम कर रहा था अपने कार्यालय में मेरे फर्जिया हस्ताक्षर करा दिये‌. अब यह भी पता चला है एचओडी के नियुक्ति के प्रस्ताव का अनुमोदन मुख्यमंत्री जी द्वारा करवाया ही नहीं गया, प्रमुख सचिव स्तर से ही आदेश जारी हो गए. डिजिटल हस्ताक्षर के फर्जीवाड़े का मुकदमा दायर हो रहा है, वह भी 8-10 महीने के बाद! तो अब अपनी सड़कों के लिए रोने की बजाय हमको तो इस सरकार में जो गड्ढे बने हुए हैं, उन गड्ढों के लिए रोना पड़ेगा. आखिर इतने शीर्ष स्तर पर फर्जीवाड़े का दोषी कौन है? दोषी जो भी हो, सजा तो पिछले साल भर से गड्ढा युक्त सड़कों के साथ सारा उत्तराखंड भुगत रहा है.
पढ़ें-मंत्री सतपाल महाराज के पूर्व निजी सचिव और PWD चीफ के खिलाफ मुकदमा दर्ज, जानें मामला

बता दें कि कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज के निजी सचिव आईपी सिंह और लोक निर्माण विभाग (PWD) के प्रमुख अभियंता एजाज अहमद के खिलाफ डालनवाला थाने में धोखाधड़ी और जालसाजी का मुकदमा दर्ज किया गया है. आरोप है कि आईपी सिंह ने मंत्री के फर्जी हस्ताक्षर कर एजाज अहमद को पीडब्ल्यूडी चीफ के पद पर नियुक्त करने का अनुमोदन कर दिया था। इसके बाद एजाज पीडब्ल्यूडी चीफ बना दिए गए. पिछले दिनों लोक निर्माण विभाग के चीफ के तौर पर एजाज अहमद को जिम्मेदारी दिए जाने पर विवाद खड़ा हो गया था. लोक निर्माण मंत्री सतपाल महाराज ने यह कहकर सबको चौंका दिया था कि एजाज अहमद के नाम पर उनके द्वारा कोई अनुमोदन नहीं किया गया.
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यही नहीं मंत्री ने एजाज अहमद को लोक निर्माण विभाग का चीफ बनाए जाने के लिए उनके डिजिटल सिग्नेचर फर्जी होने की भी बात कही.हालांकि, इस मामले में पहले ही शासन स्तर पर जांच की जा रही थी, लेकिन इस जांच की रिपोर्ट सामने आती उससे पहले ही कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज के पीआरओ कृष्ण मोहन ने डालनवाला थाना में इस मामले को लेकर रिपोर्ट दर्ज करवाई है. शिकायत में कहा गया है कि बिना मंत्री की जानकारी के एजाज अहमद को लोनिवि के चीफ के लिए प्रमोट किया गया.

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