देहरादून: नैनीताल हाईकोर्ट ने पत्रकार के खिलाफ दर्ज आपराधिक मुकदमे को निरस्त कर प्रदेश सरकार को बड़ा झटका दिया है. इसके साथ ही कोर्ट ने पत्रकार उमेश जे कुमार की याचिका में लगाए गए सभी आरोपों के आधार पर दो दिन के भीतर एफआईआर दर्ज कर सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं, जिसके बाद से ही उत्तराखंड की राजनीति में भूचाल आ गया है. वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने नैतिक आधारों का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को पद से हटने की बात कही है.
वहीं, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत पर लगे आरोपों पर हाईकोर्ट के फैसले को पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने बहुत गंभीर बताया है. हरीश रावत का कहना है कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को नैतिक आधार पर अपने पद से हटना चाहिए और यदि वह नहीं हटते हैं तो विपक्षी दल राज्यपाल से मांग करेगा कि उन्हें बर्खास्त किया जाए.
इसके साथ ही हरीश रावत ने बताया कि उत्तराखंड का बहुत बड़ा दुर्भाग्य है कि प्रदेश कई तरह के स्कैंडलबाजों के चंगुल में आ गया है. भविष्य में उत्तराखंड की राजनीति का क्या होगा, इसको लेकर हरीश रावत खुद भी चिंतित हैं. यही नहीं, हरीश रावत ने कहा कि पत्रकारिता भी एक स्तम्भ है और सरकार भी एक स्तंभ है. ऐसे में सभी स्तम्भों को नैतिक सीमा के अंतर्गत काम करना चाहिए क्योंकि जब एक सीमा टूटती है तो दूसरी भी टूटने लगती है.
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पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि आगामी 2022 विधानसभा चुनाव को लेकर कार्यकर्ताओं के सुझाव आ रहे हैं, उसी के आधार पर आगामी एक-दो दिनों के भीतर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह रणनीति को फाइनल रूप दे देंगे. हरीश रावत ने बताया कि राजनीति में प्रतिदिन चुनौती है क्योंकि जन विश्वास को अपने साथ बांधे रखना एक बड़ी चुनौती है.