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हाईकमान के 'आशीर्वाद' से भी कम नहीं हुई हरदा की मुश्किलें, घर में ही रार बरकरार

चुनाव से ठीक पहले बीजेपी और कांग्रेस में अंदरखाने घमसान मचा है. आये दिन इन दलों से अंतर्कलह की खबरें आ रही हैं. कांग्रेस में ये परेशानी थोड़ी बड़ी हैं. क्योंकि यहां हाईकमान से आशीर्वाद पाकर भी हरीश रावत की मुसीबतें कम नहीं हो रही हैं. कभी प्रीतम सिंह तो कभी रणजीत रावत गाहे-बगाहे उनके विरोध में ही खड़े दिखाई देते हैं.

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हाईकमान के 'आशीर्वाद' से भी कम नहीं हुई हरदा की मुश्किलें
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Published : Sep 10, 2021, 10:08 PM IST

Updated : Sep 10, 2021, 10:19 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड भाजपा के भीतर चल रहे घमासान से सबका ध्यान भले ही सत्ताधारी भाजपा पर हो, लेकिन हकीकत यह है कि कांग्रेस के भीतर भी रार कम नहीं है. हालांकि कांग्रेस हाईकमान ने हरीश रावत को मजबूत कर उन पर अपना हाथ रखा है, इसके बावजूद भी आगामी चुनाव को लेकर हरीश रावत की राह आसान नहीं होने वाली है.

उत्तराखंड में कांग्रेस हाईकमान ने प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर गणेश गोदियाल और चुनाव प्रचार समिति के प्रमुख के तौर पर हरीश रावत को जिम्मेदारी दी है. इससे यह साफ होता है कि उत्तराखंड में कांग्रेस हाईकमान फिलहाल हरदा पर ही मेहरबान है. मौजूदा स्थितियों से कांग्रेस के भीतर माहौल हरीश रावत के ही पक्ष में दिखाई दे रहा है, लेकिन हकीकत यह है कि पार्टी के भीतर हरीश रावत के सामने चुनौतियां कम नहीं हुई हैं.

हाईकमान के 'आशीर्वाद' से भी कम नहीं हुई हरदा की मुश्किलें

पढ़ें- गणेश गोदियाल ने कहा- बीजेपी में पक रही 'खिचड़ी', बीजेपी विधायकों के संपर्क से किया इनकार

परिवर्तन यात्रा के दौरान रामनगर में हरीश रावत खेमे को चुनौती देते रणजीत रावत के कार्यकर्ता इसका हालिया उदाहरण हैं. इसके बाद हाल ही में हरीश रावत के करीबी और उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने जिस तरह राज्य में कुछ सीटों पर टिकट फाइनल होने की बात कही तो उसके जवाब में प्रीतम सिंह ने जिस तरह मोर्चा खोला उससे जाहिर होता है कि आने वाले दिनों में हरीश रावत की मुश्किलें कम नहीं होंगी.

पढ़ें- कांग्रेसी बागियों के अपमान पर हरक ने खोला मोर्चा, BJP को दी खामियाजा भुगतने की चेतावनी

दरअसल, गणेश गोदियाल ने पार्टी में करीब 30 से ज्यादा टिकट फाइनल होने की बात कही थी. इसके जवाब में प्रीतम सिंह ने कहा वह भी कांग्रेस का हिस्सा हैं. वह यह कहना चाहते हैं कि पार्टी के अंदर अभी किसी का टिकट फाइनल नहीं है. उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में कांग्रेसी विधायकों के भी टिकट अभी फाइनल नहीं हैं. यदि ऐसा होता तो उन्हें भी इस बात की जानकारी होती.

पढ़ें- उत्तराखंड का राजनीतिक भविष्य तय करेंगे 'बागी', ये है पूरा सियासी समीकरण

उत्तराखंड में हरीश रावत के चुनाव प्रचार समिति के प्रमुख बनाए जाने पर माना गया है कि हरीश रावत ही उत्तराखंड में मुख्यमंत्री का चेहरा होंगे, लेकिन इस मामले पर भी प्रीतम सिंह ने साफ तौर पर दो-टूक विरोध दर्ज किया था. लिहाजा यह तय है कि हरीश रावत न केवल अपने करीबियों को टिकट बांटने बल्कि भविष्य में सत्ता आने पर मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठने की इच्छा को भी इतनी आसानी से पूरा नहीं कर पाएंगे.

देहरादून: उत्तराखंड भाजपा के भीतर चल रहे घमासान से सबका ध्यान भले ही सत्ताधारी भाजपा पर हो, लेकिन हकीकत यह है कि कांग्रेस के भीतर भी रार कम नहीं है. हालांकि कांग्रेस हाईकमान ने हरीश रावत को मजबूत कर उन पर अपना हाथ रखा है, इसके बावजूद भी आगामी चुनाव को लेकर हरीश रावत की राह आसान नहीं होने वाली है.

उत्तराखंड में कांग्रेस हाईकमान ने प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर गणेश गोदियाल और चुनाव प्रचार समिति के प्रमुख के तौर पर हरीश रावत को जिम्मेदारी दी है. इससे यह साफ होता है कि उत्तराखंड में कांग्रेस हाईकमान फिलहाल हरदा पर ही मेहरबान है. मौजूदा स्थितियों से कांग्रेस के भीतर माहौल हरीश रावत के ही पक्ष में दिखाई दे रहा है, लेकिन हकीकत यह है कि पार्टी के भीतर हरीश रावत के सामने चुनौतियां कम नहीं हुई हैं.

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परिवर्तन यात्रा के दौरान रामनगर में हरीश रावत खेमे को चुनौती देते रणजीत रावत के कार्यकर्ता इसका हालिया उदाहरण हैं. इसके बाद हाल ही में हरीश रावत के करीबी और उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने जिस तरह राज्य में कुछ सीटों पर टिकट फाइनल होने की बात कही तो उसके जवाब में प्रीतम सिंह ने जिस तरह मोर्चा खोला उससे जाहिर होता है कि आने वाले दिनों में हरीश रावत की मुश्किलें कम नहीं होंगी.

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दरअसल, गणेश गोदियाल ने पार्टी में करीब 30 से ज्यादा टिकट फाइनल होने की बात कही थी. इसके जवाब में प्रीतम सिंह ने कहा वह भी कांग्रेस का हिस्सा हैं. वह यह कहना चाहते हैं कि पार्टी के अंदर अभी किसी का टिकट फाइनल नहीं है. उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में कांग्रेसी विधायकों के भी टिकट अभी फाइनल नहीं हैं. यदि ऐसा होता तो उन्हें भी इस बात की जानकारी होती.

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उत्तराखंड में हरीश रावत के चुनाव प्रचार समिति के प्रमुख बनाए जाने पर माना गया है कि हरीश रावत ही उत्तराखंड में मुख्यमंत्री का चेहरा होंगे, लेकिन इस मामले पर भी प्रीतम सिंह ने साफ तौर पर दो-टूक विरोध दर्ज किया था. लिहाजा यह तय है कि हरीश रावत न केवल अपने करीबियों को टिकट बांटने बल्कि भविष्य में सत्ता आने पर मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठने की इच्छा को भी इतनी आसानी से पूरा नहीं कर पाएंगे.

Last Updated : Sep 10, 2021, 10:19 PM IST
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