ऋषिकेश: नगर निगम ऋषिकेश के पूर्व पालिका अध्यक्ष दीप शर्मा (तब नगर पालिका ऋषिकेश) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए नगर निगम ऋषिकेश में बड़ा घोटाला होने का जिक्र किया है. दीप शर्मा का कहना है कि यह घोटाला कोविड काल के दौरान लाइम ब्लीचिंग पाउडर और मेलाथियान पाउडर के खरीद के नाम पर हुआ है. उन्होंने आरोप लगाया कि नगर निगम ने 26 लाख का माल 1 करोड़ 2 लाख 61 हजार रुपए में खरीदा है. ऑडिट के दौरान यह भ्रष्टाचार पकड़ में आया है. प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए पूर्व पालिका अध्यक्ष दीप शर्मा ने मामले से संबंधित दस्तावेज प्रस्तुत करते हुए दोषी के खिलाफ सरकार से कड़ी कार्रवाई की मांग की है. साथ ही उन्होंने चेतावनी भी दी है कि यदि सरकार ने मामले में एक्शन नहीं लिया तो वह कोर्ट जाने के लिए मजबूर होंगे.
शनिवार (8 जुलाई) को पूर्व पालिका अध्यक्ष दीप शर्मा ने नगर निगम ऋषिकेश पर बड़ा घोटाला करने का आरोप लगाते हुए कहा कि वह नगर निगम में भ्रष्टाचार का आरोप मनगढ़ंत नहीं लगा रहे हैं बल्कि नगर निगम में किए गए ऑडिट की रिपोर्ट के आधार पर उजागर हुआ है. दीप शर्मा ने दस्तावेजों को प्रस्तुत करते हुए दावा किया कि कोविड-19 के दौरान नगर निगम ने 2 हजार 345 क्विंटल लाइम ब्लीचिंग और मेलाथियान पाउडर को खरीदा. यह खरीद शासन के नियमों को ताक पर रखकर की गई. ई मार्केटप्लेस के जेम पोर्टल से इस माल की खरीदारी 26 लाख रुपए में होनी थी, जबकि नगर निगम ने यह माल कोटेशन के आधार पर एक फर्म से 102.61 लाख रुपए में खरीदा है.
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दीप शर्मा ने कहा, 'इतना ही नहीं, इस माल को खरीदने के लिए बोर्ड बैठक में स्वीकृति भी नहीं ली गई. मामले में प्रधान महालेखाकार आईएएस परविंद्र यादव ने शासन को पत्र भी भेजा, जिसका संज्ञान लेकर शहरी विकास मंत्रालय के अपर मुख्य सचिव आईएएस आनंद वर्धन ने नगर आयुक्त को तीन दिन के भीतर आख्या दाखिल करने के लिए निर्देशित किया. नगर आयुक्त ने जवाब दिया कि मांग के अनुसार सामान खरीदा गया है. कोविड-19 के कारण सक्षम प्राधिकारी के आदेश के अनुसार बहुत अधिक दरों पर खरीद की गई थी'.
दीप शर्मा ने दावा किया कि नगर आयुक्त के इस जवाब को शासन ने तर्कसंगत नहीं माना है. इसलिए मामले में भ्रष्टाचार करने वाले दोषी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई सरकार को करनी चाहिए. यदि सरकार ने दोषी के खिलाफ कार्रवाई नहीं की तो वह कोर्ट की शरण में जाने के लिए मजबूर होंगे.