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तमाम अड़चनों के कारण लटका कंडी मार्ग का कार्य, वन मंत्री ने पीएम मोदी से की हस्तक्षेप की मांग

कंडी मार्ग तमाम तकनीकी अड़चनों के चलते आगे नहीं बढ़ पा रहा है. हालांकि, पहले चरण के तहत लालढांग-चिल्लर खाल मार्ग को लेकर सरकार प्रयासरत है. वहीं, वन मंत्री हरक सिंह रावत ने पीएम के हस्तक्षेप के बिना निर्माण न होने की बात कही है.

वन मंत्री ने पीएम मोदी से की हस्तक्षेप की मांग.
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Published : Oct 28, 2019, 1:29 PM IST

देहरादून: गढ़वाल से कुमाऊं को जोड़ने वाला प्रस्तावित कंडी मार्ग बिना प्रधानमंत्री के हस्तक्षेप के बिना बनती नहीं दिखाई दे रही है. कोर्ट से लेकर तमाम वन्यजीव और पर्यावरणीय संस्थाएं इस मार्ग के खिलाफ निर्देश दे चुकी हैं. ऐसे में उत्तराखंड के वन मंत्री का मानना है कि बिना प्रधानमंत्री के हस्तक्षेप के इस सड़क का बनना अब मुमकिन नहीं है.

वन मंत्री ने पीएम मोदी से की हस्तक्षेप की मांग.

भाजपा सरकार की प्राथमिकता में रहा कंडी मार्ग तमाम तकनीकी अड़चनों के चलते आगे नहीं बढ़ पा रहा है. हालांकि, पहले चरण के तहत लालढांग-चिल्लर खाल मार्ग को लेकर सरकार प्रयासरत है. लेकिन कंडी मार्ग पर सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद इसका बनना फिलहाल मुश्किल लग रहा है. खास बात ये है कि कंडी मार्ग के निर्माण की जरूरतों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी बताया जा चुका है. साथ ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी राज्य की इस जरुरत से परिचित हैं.

ये भी पढ़ें: कैदियों ने 1300 दीयों से बनाया भारत का नक्शा, दिया बड़ा संदेश

बता दें कि पूर्व में गढ़वाल से कुमाऊं जाने के लिए कंडी मार्ग का ही उपयोग किया जाता था, लेकिन क्षेत्र में राजाजी रिजर्व पार्क पड़ने के कारण इसे आवाजाही के लिए रोक दिया गया. फिलहाल प्रदेशवासियों को कुमाऊं जाने के लिए उत्तर प्रदेश के नजीबाबाद, नगीना से होकर जाना पड़ता है. वन मंत्री हरक सिंह रावत के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी प्रदेशवासियों की इस दिक्कत से रूबरू करा दिया गया है और अब प्रधानमंत्री का हस्तक्षेप ही इस मार्ग को बनवा सकता है.

देहरादून: गढ़वाल से कुमाऊं को जोड़ने वाला प्रस्तावित कंडी मार्ग बिना प्रधानमंत्री के हस्तक्षेप के बिना बनती नहीं दिखाई दे रही है. कोर्ट से लेकर तमाम वन्यजीव और पर्यावरणीय संस्थाएं इस मार्ग के खिलाफ निर्देश दे चुकी हैं. ऐसे में उत्तराखंड के वन मंत्री का मानना है कि बिना प्रधानमंत्री के हस्तक्षेप के इस सड़क का बनना अब मुमकिन नहीं है.

वन मंत्री ने पीएम मोदी से की हस्तक्षेप की मांग.

भाजपा सरकार की प्राथमिकता में रहा कंडी मार्ग तमाम तकनीकी अड़चनों के चलते आगे नहीं बढ़ पा रहा है. हालांकि, पहले चरण के तहत लालढांग-चिल्लर खाल मार्ग को लेकर सरकार प्रयासरत है. लेकिन कंडी मार्ग पर सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद इसका बनना फिलहाल मुश्किल लग रहा है. खास बात ये है कि कंडी मार्ग के निर्माण की जरूरतों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी बताया जा चुका है. साथ ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी राज्य की इस जरुरत से परिचित हैं.

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बता दें कि पूर्व में गढ़वाल से कुमाऊं जाने के लिए कंडी मार्ग का ही उपयोग किया जाता था, लेकिन क्षेत्र में राजाजी रिजर्व पार्क पड़ने के कारण इसे आवाजाही के लिए रोक दिया गया. फिलहाल प्रदेशवासियों को कुमाऊं जाने के लिए उत्तर प्रदेश के नजीबाबाद, नगीना से होकर जाना पड़ता है. वन मंत्री हरक सिंह रावत के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी प्रदेशवासियों की इस दिक्कत से रूबरू करा दिया गया है और अब प्रधानमंत्री का हस्तक्षेप ही इस मार्ग को बनवा सकता है.

Intro:summary- गढ़वाल से कुमाऊं को जोड़ने वाला प्रस्तावित कंडी मार्ग अब बिना प्रधानमंत्री के हस्तक्षेप के बनना मुमकिन नहीं लग रहा है.. कोर्ट से लेकर तमाम वन्यजीव और पर्यावरणीय संस्थाएं इस मार्ग के खिलाफ निर्देश दे चुकी है...ऐसे में उत्तराखंड के वन मंत्री भी मानते हैं की बिना प्रधानमंत्री के इस सड़क का बनना अब मुमकिन नहीं...


Body:भाजपा सरकार की प्राथमिकता में रहा कंडी मार्ग तमाम तकनीकी अड़चनों के चलते आगे नहीं बढ़ पा रहा है... हालांकि पहले चरण के तहत लालढांग चिल्लर खाल मार्ग को लेकर सरकार प्रयासरत है लेकिन कंडी मार्ग पर सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद इसका बनना फिलहाल मुश्किल लग रहा है... खास बात यह है कि कंडी मार्ग के निर्माण की जरूरतों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी बताया जा चुका है... साथ ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी राज्य की इस जरूरत से भलीभांति परिचित हैं... आपको बता दें कि पूर्व में गढ़वाल से कुमाऊं जाने के लिए कंडी मार्ग का ही उपयोग किया जाता था.. लेकिन क्षेत्र में राजाजी रिजर्व पार्क होने के चलते बाद में इसे आवाजाही के लिए रोक दिया गया.. फिलहाल उत्तराखंड वासियों को कुमाऊं जाने के लिए उत्तर प्रदेश के नजीबाबाद, नगीना से होकर जाना पड़ता है।। वन मंत्री हरक सिंह रावत की मानें तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी उत्तराखंड वासियों की इस दिक्कत से रूबरू करा दिया गया है और अब प्रधानमंत्री का हस्तक्षेप इस मार्ग को बनवा सकता है... हालांकि इसके मद्देनज़र यूपी के प्रधानमंत्री योगी आदिनाथ से भी बात हो चुकी है।।

बाइट हरक सिंह रावत वन मंत्री उत्तराखंड


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