देहरादून: फॉरेस्ट गार्ड के 1218 पदों पर भर्ती के दौरान हुई नकल अब भी परीक्षा परिणामों के लिए रोड़ा बनी हुई है. अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने एसएसपी हरिद्वार सेंथिल अबुदई कृष्ण राज एस को पत्र लिखकर नकलचियों को पकड़ने के लिए 30 दिन का समय दे दिया है. इसके बाद भी नकल करने वाले 26 अभ्यर्थी नहीं पकड़े गए तो आयोग दोबारा परीक्षा कराने पर विचार कर रहा है.
उत्तराखंड फॉरेस्ट गार्ड भर्ती परीक्षा में हुई गड़बड़ी की जांच रिपोर्ट एसआईटी ने सार्वजनिक कर दी है. अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने भी मौजूदा परीक्षा के आधार पर ही रिजल्ट घोषित करने का फैसला लिया है, लेकिन 26 नकलचियों के कारण फॉरेस्ट गार्ड भर्ती परीक्षा के परिणामों पर ग्रहण लगा हुआ है.
पढ़ें- हरिद्वार: कोरोना काल में भी इस विद्यालय में शत प्रतिशत उपस्थिति
दरअसल, फॉरेस्ट गार्ड की भर्ती के लिए 16 फरवरी को लिखित परीक्षा की गई थी, लेकिन परीक्षा के एक दिन बाद ही 17 फरवरी को ब्लूटूथ से नकल किए जाने का मामला प्रकाश में आया था. मामले की जांच एसआईटी को दी गई. जांच में पाया गया कि कुल 57 अभ्यर्थियों ने ब्लूटूथ के जरिए नकल की. जिसमें से 31 अभ्यर्थियों को एसआईटी ने चिन्हित कर लिया है. जिनके खिलाफ आयोग ने कड़ी कार्रवाई भी की है, लेकिन अब भर्ती परीक्षा में परिणामों को लेकर वह 26 अभ्यर्थी रोड़ा बन गए हैं जिनको पुलिस अपनी जांच के दौरान चिन्हित नहीं कर पाई है.
ऐसे में आयोग ने अब एसएसपी हरिद्वार को पत्र लिखकर इन 26 अभ्यर्थियों को चिन्हित करने के लिए एक महीने में जांच पूरी करने के लिए कहा है. ऐसा नहीं करने पर अब आयोग हरिद्वार के उन सभी सेंटर में दोबारा परीक्षा कराने पर विचार कर रहा है, जिसमें ब्लूटूथ से नकल की गई है.
बता दें कि जांच के दौरान यह खुलासा हुआ था कि हरिद्वार के 20, पौड़ी के एक और देहरादून के एक परीक्षा केंद्र पर नकल की गई थी. आयोग चाहता है कि परीक्षा को पूरी तरह से पारदर्शी रखा जाए और इसके लिए जरूरी है कि वह सभी 26 अभ्यर्थी भी चिन्हित हो, जिनके जांच के दौरान ब्लूटूथ से नकल करने की बात सामने आई है. फॉरेस्ट गार्ड के कुल 1218 पदों पर भर्ती परीक्षा की गई थी जिसके लिए 156000 आवेदन आए थे, जबकि 97000 अभ्यर्थियों ने इसके लिए परीक्षा दी थी.