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मौसम बदलने से वन विभाग ने ली राहत की सांस, पिछले 12 घंटे में सिर्फ 10 वनाग्नि की घटनाएं - forest fire incidents reduced in uttarakhand

पिछले तीन दिनों से बदला मौसम वन विभाग के लिए राहत लेकर आया है. पिछले तीन दिनों से पहाड़ी क्षेत्रों में हो रही बारिश से वनाग्नि की घटनाओं में कमी आई है. पिछले 12 घंटे में मात्र 10 वनाग्नि की घटनाएं ही दर्ज हुई है. जिससे वन विभाग ने राहत की सांस ली है.

forest fire incidents reduced
वन विभाग ने ली राहत की सांस
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Published : May 3, 2022, 10:20 PM IST

Updated : May 3, 2022, 10:31 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड वन विभाग (Uttarakhand Forest Department) के लिए पिछले तीन दिनों से मौसम देवदूत बनकर सामने आया है क्योंकि पिछले तीन दिनों से वनाग्नि की घटनाएं (forest fire incidents) बहुत कम समाने आई हैं. वहीं, मौसम विभाग के पूर्वानुमान अनुसार मंगलवार को प्रदेश के कई हिस्सों में हुई बारिश के बाद पिछले 12 घंटे में मात्र 10 वनाग्नि की घटनाएं ही दर्ज हुई है. जिससे वन विभाग ने राहत की सांस ली है.

हालांकि, वन विभाग के अनुसार पिछले 12 घंटे के भीतर कुमाऊं में वनाग्नि की 8 घटनाएं (8 incidents of forest fire in Kumaon) दर्ज हुई है. वहीं, गढ़वाल मंडल में मात्र 2 घटनाएं ही दर्ज हुई है. मौसम विभाग के पूर्वानुमान अनुसार 5 मई तक प्रदेश में बारिश होने से वनाग्नि की घटनाओं से राहत मिल सकती है. वन विभाग की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार पिछले 12 घंटे में कुमाऊं में आरक्षित और सिविल वन मिलाकर 8 वनाग्नि की घटनाएं दर्ज की गई हैं. वहीं, गढ़वाल क्षेत्र में सिविल वन में 2 घटनाएं ही दर्ज हुई हैं.

ये भी पढ़ें: चारधाम यात्रा के लिए गाड़ी बुक करने से पहले इन बातों के रखे विशेष ध्यान, नहीं तो पड़ जाओंगे मुश्किल में

इसके साथ ही आरक्षित और सिविल वन क्षेत्र में मात्र 20.5 हेक्टेयर वन संपदा को नुकसान (damage to forest wealth) हुआ है. वहीं, 56,500 का आर्थिक नुकसान हुआ है. पिछले तीन दिनों की बात करें, तो मौसम के मेहरबान होने के साथ ही रविवार को 53, सोमवार को 36 और मंगलवार को 10 वनाग्नि की घटनाएं दर्ज की गई है. जिससे वन विभाग ने राहत की सांस ली है.

मौसम विभाग के अनुसार गढ़वाल और कुमाऊं में पिछले तीन दिनों से लगातार बारिश हो रही है. जिससे वनाग्नि की घटनाओं पर लगाम लगी है जबकि मार्च और अप्रैल माह में शुष्क मौसम के चलते वनाग्नि की घटनाएं 200 के पार पहुंच गई थी. वन विभाग के आंकड़ों के अनुसार 15 फरवरी से अब तक कुल 1,890 वनाग्नि की घटनाएं दर्ज की गई है. जिसमें 3031.04 हेक्टेयर वन संपदा को नुकसान हुआ है. इसके साथ ही वनाग्नि में अब तक 6 लोग घायल हुए हैं जबकि, 1 व्यक्ति की मौत हुई है.

देहरादून: उत्तराखंड वन विभाग (Uttarakhand Forest Department) के लिए पिछले तीन दिनों से मौसम देवदूत बनकर सामने आया है क्योंकि पिछले तीन दिनों से वनाग्नि की घटनाएं (forest fire incidents) बहुत कम समाने आई हैं. वहीं, मौसम विभाग के पूर्वानुमान अनुसार मंगलवार को प्रदेश के कई हिस्सों में हुई बारिश के बाद पिछले 12 घंटे में मात्र 10 वनाग्नि की घटनाएं ही दर्ज हुई है. जिससे वन विभाग ने राहत की सांस ली है.

हालांकि, वन विभाग के अनुसार पिछले 12 घंटे के भीतर कुमाऊं में वनाग्नि की 8 घटनाएं (8 incidents of forest fire in Kumaon) दर्ज हुई है. वहीं, गढ़वाल मंडल में मात्र 2 घटनाएं ही दर्ज हुई है. मौसम विभाग के पूर्वानुमान अनुसार 5 मई तक प्रदेश में बारिश होने से वनाग्नि की घटनाओं से राहत मिल सकती है. वन विभाग की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार पिछले 12 घंटे में कुमाऊं में आरक्षित और सिविल वन मिलाकर 8 वनाग्नि की घटनाएं दर्ज की गई हैं. वहीं, गढ़वाल क्षेत्र में सिविल वन में 2 घटनाएं ही दर्ज हुई हैं.

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इसके साथ ही आरक्षित और सिविल वन क्षेत्र में मात्र 20.5 हेक्टेयर वन संपदा को नुकसान (damage to forest wealth) हुआ है. वहीं, 56,500 का आर्थिक नुकसान हुआ है. पिछले तीन दिनों की बात करें, तो मौसम के मेहरबान होने के साथ ही रविवार को 53, सोमवार को 36 और मंगलवार को 10 वनाग्नि की घटनाएं दर्ज की गई है. जिससे वन विभाग ने राहत की सांस ली है.

मौसम विभाग के अनुसार गढ़वाल और कुमाऊं में पिछले तीन दिनों से लगातार बारिश हो रही है. जिससे वनाग्नि की घटनाओं पर लगाम लगी है जबकि मार्च और अप्रैल माह में शुष्क मौसम के चलते वनाग्नि की घटनाएं 200 के पार पहुंच गई थी. वन विभाग के आंकड़ों के अनुसार 15 फरवरी से अब तक कुल 1,890 वनाग्नि की घटनाएं दर्ज की गई है. जिसमें 3031.04 हेक्टेयर वन संपदा को नुकसान हुआ है. इसके साथ ही वनाग्नि में अब तक 6 लोग घायल हुए हैं जबकि, 1 व्यक्ति की मौत हुई है.

Last Updated : May 3, 2022, 10:31 PM IST
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