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वन्यजीवों की गणना के लिए विभाग ने बनाया नया प्लान, हर साल सार्वजनिक होंगे आंकड़े

उत्तराखंड में अब वन महकमा हर साल वन्यजीवों की गणना करेगा. जिससे बाघ और हाथियों के प्रत्येक साल आंकड़े सार्वजनिक हो सकेंगे. वहीं, दूसरे वन्यजीवों की भी आधिकारिक संख्या की जानकारी साफ हो सकेगी. खासकर गुलदारों की संख्या को लेकर स्थिति स्पष्ट होगी.

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Published : Oct 10, 2019, 9:30 PM IST

वन्यजीवों की गणना के लिए विभाग ने बनाया नया प्लान

देहरादूनः उत्तराखंड में अब वन महकमा हर साल वन्यजीवों की गणना करेगा. जिससे बाघ और हाथियों के प्रत्येक साल आंकड़े सार्वजनिक हो सकेंगे. वहीं, दूसरे वन्यजीवों की भी आधिकारिक संख्या की जानकारी साफ हो सकेगी. खासकर गुलदारों की संख्या को लेकर स्थिति स्पष्ट होगी.

वन्यजीवों की गणना के लिए विभाग ने बनाया नया प्लान
इस संबंध में प्रमुख वन संरक्षक उत्तराखंड जयराज सिंह का कहना है कि प्रदेश स्तर पर वन्यजीव गणना में निरंतरता बनाए रखने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं. इसके तहत प्रदेश में प्रत्येक साल वन्यजीवों की गणना किए जाने का प्लान भी तैयार किया जा रहा है. वहीं, वन विभाग मुख्य रूप से गुलदार, भालू, मोनाल, लंगूर, जंगली, सूअर और भरल की गणना करता है.उत्तराखंड में गुलदारों की संख्या
  • साल 2003- 2092
  • साल 2005- 2105
  • साल 2008- 2335
  • साल 2019- 2500 से ज्यादा गुलदार

प्रदेश में बाघों की संख्या (राष्ट्रीय स्तर पर हुई गणना के आधार पर)

  • साल 2018- 442
  • साल 2014- 340
  • साल 2010- 227
  • साल 2006- 179

ये भी पढ़ेंःआयुर्वेद विवि में फीस वृद्धि को लेकर स्टूडेंट्स ने किया प्रदर्शन

गौरतलब है कि राष्ट्रीय स्तर पर प्रत्येक वर्ष केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की ओर से वन्यजीवों की गणना की जाती है. लेकिन राज्य स्तर पर कई सालों से वन्यजीवों की गणना नहीं हो पाई है. जिससे यह पता नही लग पाता कि प्रदेश के किस इलाकें में कितने वन्यजीव हैं. वहीं, प्रदेश में बढ़ते वन्यजीवों के हमलों को देखते हुए यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि अब हर साल वन्यजीवों की गणना की जाए. इससे मानव और वन्यजीवों के बीच की संघर्ष की घटनाओं में भी कमी आएगी.

देहरादूनः उत्तराखंड में अब वन महकमा हर साल वन्यजीवों की गणना करेगा. जिससे बाघ और हाथियों के प्रत्येक साल आंकड़े सार्वजनिक हो सकेंगे. वहीं, दूसरे वन्यजीवों की भी आधिकारिक संख्या की जानकारी साफ हो सकेगी. खासकर गुलदारों की संख्या को लेकर स्थिति स्पष्ट होगी.

वन्यजीवों की गणना के लिए विभाग ने बनाया नया प्लान
इस संबंध में प्रमुख वन संरक्षक उत्तराखंड जयराज सिंह का कहना है कि प्रदेश स्तर पर वन्यजीव गणना में निरंतरता बनाए रखने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं. इसके तहत प्रदेश में प्रत्येक साल वन्यजीवों की गणना किए जाने का प्लान भी तैयार किया जा रहा है. वहीं, वन विभाग मुख्य रूप से गुलदार, भालू, मोनाल, लंगूर, जंगली, सूअर और भरल की गणना करता है.उत्तराखंड में गुलदारों की संख्या
  • साल 2003- 2092
  • साल 2005- 2105
  • साल 2008- 2335
  • साल 2019- 2500 से ज्यादा गुलदार

प्रदेश में बाघों की संख्या (राष्ट्रीय स्तर पर हुई गणना के आधार पर)

  • साल 2018- 442
  • साल 2014- 340
  • साल 2010- 227
  • साल 2006- 179

ये भी पढ़ेंःआयुर्वेद विवि में फीस वृद्धि को लेकर स्टूडेंट्स ने किया प्रदर्शन

गौरतलब है कि राष्ट्रीय स्तर पर प्रत्येक वर्ष केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की ओर से वन्यजीवों की गणना की जाती है. लेकिन राज्य स्तर पर कई सालों से वन्यजीवों की गणना नहीं हो पाई है. जिससे यह पता नही लग पाता कि प्रदेश के किस इलाकें में कितने वन्यजीव हैं. वहीं, प्रदेश में बढ़ते वन्यजीवों के हमलों को देखते हुए यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि अब हर साल वन्यजीवों की गणना की जाए. इससे मानव और वन्यजीवों के बीच की संघर्ष की घटनाओं में भी कमी आएगी.

Intro:Visuals send from FTP


FTP folder- uk_deh_02_wild_animal_counting_pkg_7201636

उत्तराखंड में अब वन महकमा हर साल वन्यजीवों की गणना करेगा...इसके बाद न केवल बाघ और हाथियों के हर साल आंकड़े सार्वजनिक हो सकेंगे...बल्कि दूसरे वन्यजीवों की भी आधिकारिक संख्या की जानकारी साफ हो सकेगी.. खासकर गुलदारों की संख्या को लेकर स्थिति स्पष्ट होगी....


Body:इस संबंध में प्रमुख वन संरक्षक उत्तराखंड जयराज सिंह का कहना है कि प्रदेश स्तर पर वन्यजीव गणना में निरंतरता बनाए रखने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं । इसके तहत प्रदेश में हर साल वन्यजीवों की गणना किए जाने का प्लान भी तैयार किया जा रहा है । आपकी जानकारी के लिए बता दें कि वन विभाग मुख्य रूप से गुलदार, भालू, मोनाल, लंगूर, जंगली ,सूअर और भरल की गणना करता है ।


गौरतलब है कि यूँ तो राष्ट्रीय स्तर पर हर साल केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की ओर से वन्यजीवों की गणना की जाती है। लेकिन राज्य स्तर पर कई सालों से वन्यजीवों की गणना नहीं हो पाइ। जिससे यह पता नही लग रहा कि प्रदेश के किस इलाकें में कितने वन्यजीव हैं । लेकिन इस बार प्रदेश में बढ़ते वन्यजीवों के हमलों को देखते हुए यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि अब हर साल वन्यजीवों की गणना की जाए । इससे मानव और वन्यजीवों के बीच की संघर्ष की घटनाओं में भी कमी आएगी ।


उत्तराखंड में गुलदारों की संख्या

वर्ष संख्या

2003 2092

2005 2105

2008 2335

2019 2500 से ज्यादा गुलदार


प्रदेश में बाघों की संघ्या ( राष्ट्रीय स्तर पर हुई गणना के आधार पर)

2018- 442

2014 340

2010 227

2006 179










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