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वन विभाग में संविदाकर्मियों की होगी नियुक्ति, स्थानीय युवाओं को मिलेगी तरजीह

वन विभाग ग्रामीण इलाकों में संविदाकर्मियों की नियुक्ति करने जा रहा है. इसमें स्थानीय युवाओं को तरजीह दी जाएगी जो वन विभाग और ग्रामीणों के बीच सेतू का काम करेंगे.

वन विभाग में संविदाकर्मियों की होगी नियुक्ति
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Published : Nov 9, 2019, 8:46 PM IST

Updated : Nov 9, 2019, 8:59 PM IST

देहरादून: हरिद्वार के जंगलों के पास गांवों में तीन-तीन स्थानीय लोगों को संविदा पर रखा जाएगा. गांव में ऐसी टीम तैनात रहेगी जो वनकर्मियों को मदद करेगी. ये टीम हरिद्वार के अलावा पूरे प्रदेश में बनाई जाएगी. इस गाइड लाइन के लिए राज्य वन्य जीव बोर्ड की बैठक में अनुमति मिल चुकी है. इच्छुक युवक-युवतियों को विभाग द्वारा परीक्षण और सामग्री दी जाएगी जो वन विभाग और गांव के बीच एक सेतू का काम करेंगे.

वन विभाग में संविदाकर्मियों की होगी नियुक्ति


कुछ दिन पहले हरिद्वार में वन विभाग ने 17 किमी की सोलर फैंसिंग लगाई गई थी, लेकिन रख-रखाव न होने के कारण ये सोलर फैंस टूट गई और इस कारण हाथियों के गांव में आने से कई समस्या आ गई थी. विभाग इस समय कई योजना संचालित कर रहा है. जिसमे विभिन्न प्रकार की सुरक्षा दीवारें ओर सोलर फैंस आदि लगाई जा रही है. लेकिन जब तक इनके रखरखाव के लिए प्रशिक्षक मैनपावर न हो तब तक इनका उपयोगी रह पाना सम्भव नहीं है. इसलिए निर्णय लिया गया है कि जंगलों से सटे गांव के दो से तीन लोगों को विभाग द्वारा परीक्षण देकर सुरक्षा दीवार और सोलर फैंसिंग के रखरखाव की जिम्मेदारी दी जाए.

मुख्य वन्यजीव प्रति पालक राजीव भरतरी ने बताया कि उत्तराखंड में कुछ आबादी वाले क्षेत्रों में मानव वन्य जीव संघर्ष की सम्भावना काफी अधिक है. साथ ही संघर्ष रहित क्षेत्रों के अंदर स्थित गांव हैं. ऐसे में विभाग की योजना ये है कि ऐसे गांव को चिन्हित कर दो से तीन इच्छुक युवक-युवतियों का चयन कर विभाग द्वारा परीक्षण और सामग्री दी जाए. इससे इन युवाओं को कौशल विकास किया जाएगा. ये युवा एक सेतू का काम करके गांववालों और विभाग के बीच में काम करेंगे.

पढ़ेंः नैनीताल घूमने आए युवक पर वन विभाग का थर्ड डिग्री टॉर्चर, जानिए क्या है पूरा मामला

राजीव भरतरी ने कहा कि इसी प्रकार से हमने एक ऐप भी लॉन्च किया था, जिसमें जो भी हादसा होता है उसमें रिपोर्ट की जा सकती है. लेकिन सिर्फ एक ऐप लॉन्च करना काफी नहीं है. उसकी जानकारी गांववालों तक पहुंचाना भी ज़रूरी है. ऐसे में मैनपावर के साथ ये काम आसानी से किया जा सकता है.

देहरादून: हरिद्वार के जंगलों के पास गांवों में तीन-तीन स्थानीय लोगों को संविदा पर रखा जाएगा. गांव में ऐसी टीम तैनात रहेगी जो वनकर्मियों को मदद करेगी. ये टीम हरिद्वार के अलावा पूरे प्रदेश में बनाई जाएगी. इस गाइड लाइन के लिए राज्य वन्य जीव बोर्ड की बैठक में अनुमति मिल चुकी है. इच्छुक युवक-युवतियों को विभाग द्वारा परीक्षण और सामग्री दी जाएगी जो वन विभाग और गांव के बीच एक सेतू का काम करेंगे.

वन विभाग में संविदाकर्मियों की होगी नियुक्ति


कुछ दिन पहले हरिद्वार में वन विभाग ने 17 किमी की सोलर फैंसिंग लगाई गई थी, लेकिन रख-रखाव न होने के कारण ये सोलर फैंस टूट गई और इस कारण हाथियों के गांव में आने से कई समस्या आ गई थी. विभाग इस समय कई योजना संचालित कर रहा है. जिसमे विभिन्न प्रकार की सुरक्षा दीवारें ओर सोलर फैंस आदि लगाई जा रही है. लेकिन जब तक इनके रखरखाव के लिए प्रशिक्षक मैनपावर न हो तब तक इनका उपयोगी रह पाना सम्भव नहीं है. इसलिए निर्णय लिया गया है कि जंगलों से सटे गांव के दो से तीन लोगों को विभाग द्वारा परीक्षण देकर सुरक्षा दीवार और सोलर फैंसिंग के रखरखाव की जिम्मेदारी दी जाए.

मुख्य वन्यजीव प्रति पालक राजीव भरतरी ने बताया कि उत्तराखंड में कुछ आबादी वाले क्षेत्रों में मानव वन्य जीव संघर्ष की सम्भावना काफी अधिक है. साथ ही संघर्ष रहित क्षेत्रों के अंदर स्थित गांव हैं. ऐसे में विभाग की योजना ये है कि ऐसे गांव को चिन्हित कर दो से तीन इच्छुक युवक-युवतियों का चयन कर विभाग द्वारा परीक्षण और सामग्री दी जाए. इससे इन युवाओं को कौशल विकास किया जाएगा. ये युवा एक सेतू का काम करके गांववालों और विभाग के बीच में काम करेंगे.

पढ़ेंः नैनीताल घूमने आए युवक पर वन विभाग का थर्ड डिग्री टॉर्चर, जानिए क्या है पूरा मामला

राजीव भरतरी ने कहा कि इसी प्रकार से हमने एक ऐप भी लॉन्च किया था, जिसमें जो भी हादसा होता है उसमें रिपोर्ट की जा सकती है. लेकिन सिर्फ एक ऐप लॉन्च करना काफी नहीं है. उसकी जानकारी गांववालों तक पहुंचाना भी ज़रूरी है. ऐसे में मैनपावर के साथ ये काम आसानी से किया जा सकता है.

Intro:हरिद्वार के जंगलो के पास गांवों में तीन-तीन स्थानीय लोगों को संविदा पर रखा जाएगा जिसके लिए शासन से अनुमति मिल चुकी है! जो गांवों में टीम तैनात रहेगी, जो वनकर्मियों को मदद करेगी। यह टीम हरिद्वार के अलावा पूरे प्रदेश में बनाई जाएगी।इस गाइड लाइन के लिए राज्य वन्य जीव बोर्ड की बैठक में अनुमति मिल चुकी है!और इन इच्छुक युवक युवतियों को विभाग द्वारा परिक्षण और सामग्री दी जाएगी जो वन विभाग और गांव के बीच एक सेतु काम करेंगे साथ ही गांव वालो को वन्य जीवो से बचने के लिए जागरूक करने का काम करेंगे!Body:कुछ दिन पहले हरिद्वार के पास घटना हुई थी तो विभाग द्वारा 17 किमी की सोलर फेन्स लगाई गई थी लेकिन रखरखाव न होने के कारण टूट गई और इस कारण हाथियों के गाँव मे आने से कई समस्या आ गई।विभाग इस समय कई योजना संचालित कर रहा है जिसमे विभिन्न प्रकार की सुरक्षा दीवारें ओर सोलर फेन्स आदि लगाई जा रही है।लेकिन जब तक इनके रखरखाव के लिए परिक्षक मैनपॉवर न हो तब तक इनका उपयोगी रह पाना सम्भव नही है।इसलिए निर्णय किया गया है की जंगलो से सटे गांव के दो से तीन लोगो को विभाग द्वारा परिक्षण देकर सुरक्षा दीवार और सोलर फेन्स के रखरखाव के साथ विभाग द्वारा दी जाने वाली जानकारी भी हाव वालो तक पहुंचाने का काम करेंगे!Conclusion:मुख्य वन्यजीव प्रतिपालकराजीव भरतरी ने जानकारी देते हुए बताया की उत्तराखंड में कुछ आबादी वाले क्षेत्रों में मानव वन्य जीव संघर्ष की सम्भवना काफी अधिक है साथ ही संघर्षरहित क्षेत्रो के अंदर ओर सीमा पर स्थित गाँव  के साथ कॉरिडोर में स्थित गाँव सहित वन्य जीव के पास गाँव है तो विभाग की योजना है की ऐसे गांव को चिन्हित कर दो से तीन इच्छुक युवक-युवतियों का चयन कर विभाग द्वारा परीक्षण ओर सामग्री दी जाएगी साथ ही कौशल विकास किया जाएगा जिससे कि वह एक सेतु के रूप में गाँव वालों और विभाग के बीच मे काम करे।हरिद्वार के पास घटना हुई थी तो विभाग द्वारा 17 किमी की सोलर फेन्स लगाई गई थी लेकिन रखरखाव न होने के कारण टूट गई और इस कारण हाथियों के गाँव मे आने से कई समस्या आ गई।विभाग इस समय कई योजना संचालित कर रहा है जिसमे विभिन्न प्रकार की सुरक्षा दीवारें ओर सोलर फेन्स आदि लगाई जा रही है।लेकिन जब तक इनके रखरखाव के लिए परिक्षक मैनपॉवर न हो तब तक इनका उपयोगी रह पाना सम्भव नही है।इसी प्रकार से हमने एक एप्प भी लॉन्च किया था जिसमे जो भी हादसा होता है उसमें रिपोर्ट कर सकते है लेकिन सिर्फ एक एप्प लांच करना काफी नही है।उसकी जानकारी गाँव वालों तक पहुँचाना ओर उनको बताना की एप्प का कैसे उपयोग किया जा सकता है।इसके लिए भी हमे ज़रूरत है मैनपॉवर की।साथ ही जागरूकता बहुत बड़ी आवश्यकता है इस समय लोगो को सावधानी के बारे में जैसा कि ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।ओर जागरूकता के अलावा अगर किसी गाँव वाले कि जान जोखिम में तो उन्हें रोकने के लिए मैनपॉवर की भी आवश्यकता है।

बाइट-राजीव भरतरी (मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक)
Last Updated : Nov 9, 2019, 8:59 PM IST
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