देहरादूनः उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण को लेकर खराब हो रहे हालातों के बीच मृत्यु दर में भी लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है. मौत के बढ़ रहे मामलों के चलते श्मशान घाट पर भी तमाम व्यवस्थाओं में कमी देखी जा रही है. इसी को ध्यान में रखते हुए वन मंत्री हरक सिंह रावत ने घोषणा की है कि किसी भी कोविड-19 से मरने वाले शख्स के दाह संस्कार में कोई अड़चन नहीं आने दी जाएगी. इसके मद्देनजर वन निगम की तरफ से कोविड-19 के मरीजों की मृत्यु पर दाह संस्कार के लिए लकड़ी निशुल्क उपलब्ध कराई जाएगी.
वन मंत्री हरक सिंह रावत 2 जिलों के प्रभारी हैं. इन दिनों हरक सिंह लगातार समीक्षा बैठक कर रहे हैं. हालांकि तमाम जिलों से मिल रहे फीडबैक के आधार पर मंत्री हरक सिंह निर्णय ले रहे हैं. इन्हीं फीडबैक के मद्देनजर हरक सिंह रावत ने कोविड-19 से मरने वाले मरीजों के लिए वन निगम को निर्देश दिए हैं. खास बात यह है कि देहरादून, नैनीताल, उधमसिंह नगर, हरिद्वार जिलों में मौत के आंकड़े लगातार सामने आ रहे हैं.
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खास तौर पर राजधानी देहरादून में बड़ी संख्या में मरीजों की हो रही मौत के चलते श्मशान घाट पर भी लकड़ियों की कमी दिखाई देने लगी है. ऐसी तमाम जानकारी पर वन मंत्री हरक सिंह रावत ने कोविड-19 से होने वाली मौत पर शवों के दाह संस्कार के लिए लकड़ी वन निगम की तरफ से निशुल्क देने का फैसला लिया है.
उत्तराखंड सरकार कोविड-19 की इस महामारी में लोगों को वो सुविधाएं नहीं दे पा रही हैं जिसके वो हकदार हैं. अस्पतालों में ऑक्सीजन नहीं है, कहीं वेंटिलेटर नहीं हैं. आलम ये है कि उत्तराखंड के सबसे बड़े एम्स अस्पताल में भी बुधवार को ऑक्सीजन खत्म होने की वजह से मरीजों को दूसरे अस्पतालों में भर्ती किया गया. श्मशान घाट लोगों की लाशों से पटे पड़े हैं. राज्य की जनता बार-बार सरकार पर लापरवाही का आरोप लगा रही है कि अगर स्वास्थ्य के क्षेत्र में सरकार ने पहले ही कुछ किया होता तो आज यह नौबत ना आती. इतना जरूर है कि अब राज्य सरकार भले ही इंसानों की जान बचाने में सफल ना हो पा रही हो लेकिन मरने के बाद उत्तराखंड का वन महकमा लोगों को मुफ्त में लकड़ी जरूर देगा.