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कालसी वन प्रभाग में पकड़े गए गुलदार को लेकर संशय, डीएनए के बाद तय होगा गुलदार का भविष्य - Forest Department Leopard Rescue

कालसी वन प्रभाग में पकड़े गए गुलदार को लेकर संशय की स्थिति बनी हुई है. गुलदार पिंजरे में कैद होने के बाद लोगों ने राहत की सांस ली है, लेकिन सवाल उठ रहा है कि पिंजरे में फंसा गुलदार वही आदमखोर है या दूसरा है. जिसका पता लैंब से सैंपल आने के बाद ही पता चल पाएगा.

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Published : May 14, 2023, 8:48 AM IST

देहरादून: कालसी वन प्रभाग क्षेत्र में गुलदार के पिंजरे में कैद होने के बाद भले ही वन विभाग और स्थानीय लोगों ने राहत की सांस ली हो, लेकिन हकीकत यह है कि अब भी इस गुलदार को लेकर संशय बना हुआ है. दरअसल इस क्षेत्र में पिछले दिनों एक गुलदार बच्चे को उठाकर ले गया था. इसके बाद से ही वन विभाग गुलदार की धरपकड़ में लगा हुआ था.

देहरादून के कालसी वन प्रभाग क्षेत्र में जिस गुलदार के लिए कई पिंजरे लगाए गए और स्थानीय डीएफओ ने गुलदार को मारने तक की अनुमति चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन से मांगी. ऐसे गुलदार को लेकर फिलहाल संशय की स्थिति बनी हुई है. दरअसल, पिछले दिनों महमूद नगर बस्ती में एक गुलदार ने घर के आंगन में खेल रहे बच्चे को उठा लिया था, बच्चे का शव अगले दिन क्षेत्र के ही एक बगीचे में मिला था. घटना के बाद स्थानीय लोगों में आक्रोश था और गुलदार को पकड़ने के लिए वन विभाग लगातार कोशिशों में जुटा हुआ था.
पढ़ें-भरसार वानिकी विश्वविद्यालय परिसर में चहलकदमी करता दिखा गुलदार, खौफजदा लोग

हालांकि कई दिनों तक गुलदार की लोकेशन पता नहीं चल पाई थी जिसके बाद वन विभाग ने इस पूरे क्षेत्र में कई पिंजरे भी लगाए थे. बड़ी बात यह है कि स्थानीय डीएफओ ने चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन से गुलदार को आदमखोर घोषित कर इसे मारने तक की अनुमति मांगी थी. लेकिन इसी दौरान एक गुलदार पिंजरे में कैद हो गया और स्थानीय लोगों के साथ ही वन विभाग ने भी राहत की सांस ली. हालांकि अभी गुलदार को लेकर संशय बरकरार है क्योंकि पिंजरे में फंसा गुलदार क्या वही गुलदार है, जिसने बच्चे को मारा था. इस पर स्थिति स्पष्ट नहीं है, लिहाजा वन विभाग गुलदार का डीएनए कराने की तैयारी कर रहा है.
पढ़ें-धुमाकोट में गुलदार ने बुजुर्ग रिटायर्ड टीचर को बनाया निवाला, ग्रामीणों ने सीएम को भेजा 4 सूत्रीय मांग पत्र

फिलहाल गुलदार को हरिद्वार के चिड़ियापुर स्थित रेस्क्यू सेंटर में भेज दिया गया. इसके बाद इस गुलदार का डीएनए करवाया जाएगा और मृतक बच्चे के डीएनए से मैच किया जाएगा. इस दौरान यदि गुलदार द्वारा बच्चे को मारे जाने की पुष्टि नहीं होती है तो वापस इस गुलदार को जंगल में छोड़ने की प्रक्रिया अपनाई जाएगी. हालांकि फिलहाल वन विभाग इसे उसी गुलदार के रूप में देख रहा है और अब सैंपल लेकर उसे हैदराबाद की एक लैब में भेजे जाने की तैयारी की जा रही है.

देहरादून: कालसी वन प्रभाग क्षेत्र में गुलदार के पिंजरे में कैद होने के बाद भले ही वन विभाग और स्थानीय लोगों ने राहत की सांस ली हो, लेकिन हकीकत यह है कि अब भी इस गुलदार को लेकर संशय बना हुआ है. दरअसल इस क्षेत्र में पिछले दिनों एक गुलदार बच्चे को उठाकर ले गया था. इसके बाद से ही वन विभाग गुलदार की धरपकड़ में लगा हुआ था.

देहरादून के कालसी वन प्रभाग क्षेत्र में जिस गुलदार के लिए कई पिंजरे लगाए गए और स्थानीय डीएफओ ने गुलदार को मारने तक की अनुमति चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन से मांगी. ऐसे गुलदार को लेकर फिलहाल संशय की स्थिति बनी हुई है. दरअसल, पिछले दिनों महमूद नगर बस्ती में एक गुलदार ने घर के आंगन में खेल रहे बच्चे को उठा लिया था, बच्चे का शव अगले दिन क्षेत्र के ही एक बगीचे में मिला था. घटना के बाद स्थानीय लोगों में आक्रोश था और गुलदार को पकड़ने के लिए वन विभाग लगातार कोशिशों में जुटा हुआ था.
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हालांकि कई दिनों तक गुलदार की लोकेशन पता नहीं चल पाई थी जिसके बाद वन विभाग ने इस पूरे क्षेत्र में कई पिंजरे भी लगाए थे. बड़ी बात यह है कि स्थानीय डीएफओ ने चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन से गुलदार को आदमखोर घोषित कर इसे मारने तक की अनुमति मांगी थी. लेकिन इसी दौरान एक गुलदार पिंजरे में कैद हो गया और स्थानीय लोगों के साथ ही वन विभाग ने भी राहत की सांस ली. हालांकि अभी गुलदार को लेकर संशय बरकरार है क्योंकि पिंजरे में फंसा गुलदार क्या वही गुलदार है, जिसने बच्चे को मारा था. इस पर स्थिति स्पष्ट नहीं है, लिहाजा वन विभाग गुलदार का डीएनए कराने की तैयारी कर रहा है.
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फिलहाल गुलदार को हरिद्वार के चिड़ियापुर स्थित रेस्क्यू सेंटर में भेज दिया गया. इसके बाद इस गुलदार का डीएनए करवाया जाएगा और मृतक बच्चे के डीएनए से मैच किया जाएगा. इस दौरान यदि गुलदार द्वारा बच्चे को मारे जाने की पुष्टि नहीं होती है तो वापस इस गुलदार को जंगल में छोड़ने की प्रक्रिया अपनाई जाएगी. हालांकि फिलहाल वन विभाग इसे उसी गुलदार के रूप में देख रहा है और अब सैंपल लेकर उसे हैदराबाद की एक लैब में भेजे जाने की तैयारी की जा रही है.

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