देहरादूनः उत्तराखंड वन विभाग में कर्मचारियों के हंगामे के बीच सभी व्यवस्थाएं पटरी से उतरने की तरफ बढ़ रही है. एक तरफ जहां पहले ही वन विभाग के 2100 से ज्यादा उपनल कमी कार्य बहिष्कार पर डटे हुए हैं तो वहीं अब वन बीट कर्मियों ने भी अपनी मांगों को लेकर हल्ला बोल दिया है.
दरअसल, वन विभाग में उपनल कर्मचारी अपने कई महीनों से रुके हुए वेतन को दिए जाने की मांग कर रहे हैं. शासन ने रिक्त पदों के सापेक्ष नियुक्ति लेने वाले उपनल कर्मियों को ही वेतन मद से वेतन दिए जाने का आदेश किया गया है. जिसके कारण मजदूरी मद में आने वाले उपनल कर्मियों को पिछले 6 महीने से भी ज्यादा समय से वेतन नहीं मिल पा रहा है. इन हालातों के बीच अब उपनल कर्मियों ने कार्य बहिष्कार शुरू कर दिया है और इसके कारण फील्ड वर्क से लेकर वन विभाग में दफ्तरों तक के कार्यों पर भी असर पड़ रहा है.
दूसरी तरफ अब वन बीट कर्मियों ने भी देहरादून वन मुख्यालय में एकत्रित होकर अपनी विभिन्न मांगों को लेकर आगामी रणनीति को तय किया. वन बीट अधिकारी संघ की पुलिस कर्मियों की भांति ही एक महीने का अतिरिक्त वेतन दिए जाने और वन दारोगा पद पर सीधी भर्ती के साथ ही नियमों के तहत प्रमोशन के माध्यम से इन पदों को भरे जाने की मांग की है.
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हालांकि, यह मामला पहले ही कोर्ट में चल रहा है, लेकिन संघ का कहना है कि वन विभाग की तरफ से जो अधियाचन दिया गया है, उसमें सभी पदों को सीधी भर्ती के माध्यम से भरे जाने की कोशिश की गई है. जबकि, नियमों के अनुसार करीब 66% पदों को प्रमोशन के माध्यम से भरा जाना चाहिए था.
पिछले दिनों वन विभाग ने उपनल कर्मियों को आश्वस्त किया था कि दिवाली से पहले इन सभी के वेतन शासन से अवमुक्त करने का काम किया जाएगा, लेकिन इस मामले में अभी तक भी कोई कार्रवाई नहीं की गई है. ऐसे में उपनल कर्मी वन विभाग के इस रवैये से बेहद नाराज हैं. उधर, दूसरी तरफ जहां वन विभाग सीधी भर्ती से आने वाले वन दरोगाओं को दिवाली से पहले नियुक्ति पत्र देने की बात कर रहा है तो वहीं वन बीट अधिकारी संघ ने भी वन विभाग से सीधी लड़ाई के संकेत दे दिए हैं.
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