देहरादूनः प्रकाश का पर्व दीपावली नजदीक है. दीपावली में जमकर आतिशबाजी की जाती है. साथ ही जमकर पटाखे फोड़े जाते हैं, लेकिन इस बार उत्तराखंड में चीन समेत सभी विदेशी पटाखों पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगा दिया गया है. ये फैसला केंद्र सरकार के डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस के आदेश पर लिया गया है. ऐसे में दिवाली में दुकानदार किसी भी तरह के विदेशी पटाखे नहीं बेच सकेंगे. ऐसे में अगर कोई दुकानदार विदेशी पटाखे बेचते हुए पाया जाता है तो उसके खिलाफ भारी जुर्माने के साथ कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी. बाकायदा इसके लिए सभी एसपी और एसएसपी को दिशा-निर्देश भी दे दिए गए हैं.
दरअसल, भारत-चीन के बीच गलवान घाटी में हुई झड़प में 20 जवान शहीद हो गए थे. इस घटना के बाद दोनों देशों के बीच तल्खी बढ़ी है. जबकि, चीन की इस कायराना हकरत को लेकर देशभर में आक्रोश है और हर तरह से चाइनीज सामानों का बहिष्कार किया जा रहा है. वहीं, इस दीपावली में चीन को बड़ा झटका देने की तैयारी भी की गई है. ध्वनि व वायु प्रदूषण वाले चीनी पटाखों का बड़ा बाजार भारत ही रहा है. चीन और अन्य देशों में निर्मित पटाखे आतिशबाजी के दौरान न सिर्फ ध्वनि फैलाते हैं, बल्कि इनसे वायु प्रदूषण का खतरा भी सबसे ज्यादा रहता है.
ये भी पढ़ेंः दिवाली में स्वदेशी उत्पादों की बढ़ी मांग, कुम्हार बोले- 'अच्छे दिन आने वाले हैं'
लिहाजा, देशभर में विदेशी पटाखों की बिक्री पर रोक लगाने के साथ ही उनकी जमाखोरी पर भी पाबंदी लगाई गई है. उत्तराखंड में भी चाइनीज और विदेशी पटाखों पर बैन लगाया गया है. आईजी गढ़वाल रेंज अभिनव कुमार की ओर से सभी जिलों को विदेशी पटाखों की बिक्री पर पूर्ण रूप से रोक लगाने के लिए कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं. ऐसे में भारत सरकार डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस मुख्यालय की ओर से देशभर में विदेशी पटाखों की बिक्री पर रोक लगाने वाले निर्णय को जनहित के मद्देनजर बेहतर माना जा रहा है.
भारत में निर्मित पटाखों की बिक्री पर ही मिलेगा लाइसेंस
उत्तराखंड के सभी जिलों में जिलाधिकारियों की ओर से दिए जाने वाले पटाखा लाइसेंस सिर्फ भारत में निर्मित पटाखों के लिए ही दिया जाएगा. हालांकि, इससे पहले भी भारत में निर्मित मेड इन इंडिया पटाखों को ही विक्रय करने का लाइसेंस जारी किया जाता था. लेकिन नियम-कायदों को दरकिनार कर बीते सालों से विदेशी पटाखों और आतिशबाजियों की बिक्री धड़ल्ले से चल रही थी. ऐसे में अब न सिर्फ विदेशी पटाखों की बिक्री पर रोक है बल्कि, इनकी जमाखोरी पर भी कानूनी रूप से पाबंदी लगाई गई है.