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राजाजी में बाघों का कुनबा बढ़ाने की कवायद तेज, मोतीचूर-धौलखंड रेंज में शिफ्ट किए जाएंगे बाघ

प्रदेश के कॉर्बेट टाइगर रिजर्व से कुछ बाघों को राजाजी नेशनल पार्क में शिफ्ट किए जाने की तैयारियां लगभग पूरी हो गई है. नवंबर के अंत तक पांच बाघों को मोतीचूर-धौलखंड क्षेत्र में छोड़ दिया जाएगा. यह प्रक्रिया तीन चरणों में पूरी की जाएगी.

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Published : Nov 17, 2020, 7:25 PM IST

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मोतीचूर-धौलखंड क्षेत्र में शिफ्ट किए जाएंगे 5 बाघ

देहरादून: प्रदेश में बाघों का कुनबा बढ़ाए जाने को लेकर कॉर्बेट टाइगर रिजर्व से कुछ बाघों को राजाजी नेशनल पार्क में शिफ्ट किए जाने की तैयारियां लगभग पूरी हो गई है. लिहाजा, तीन चरणों में 5 बाघों को शिफ्ट किया जाएगा. जिसकी तैयारियां लगभग ना सिर्फ पूरी कर ली गई हैं बल्कि बाघों की शिफ्टिंग के तहत पूर्वाभ्यास भी कर लिया गया है. ऐसे में इस महीने के अंत तक पांच बाघों को 550 वर्ग किलोमीटर में फैले मोतीचूर-धौलखंड क्षेत्र में शिफ्ट कर दिया जाएगा.

बता दें कि मोतीचूर-धौलखंड क्षेत्र में कॉर्बेट टाइगर रिजर्व से बाघ शिफ्ट करने के लिए साल 2016 में एक योजना तैयार की गई थी. जिसे साल 2017 में राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण ने मंजूरी दे दी थी. यही नहीं, साल 2019 में इस मुहिम को शुरू करने के लिए 50 लाख रुपए भी मंजूर हुए थे, जिसके तहत मोतीचूर-धौलखंड क्षेत्र में बागबाहरा मॉनिटरिंग टावर समेत तमाम अन्य व्यवस्थाएं की गई थी. इसके बाद फिर साल 2020 में केंद्र सरकार द्वारा बाघों को शिफ्ट करने के लिए 40 लाख रुपए की धनराशि भी अवमुक्त की जा चुकी है.

बाघों को शिफ्ट करने की मुख्य वजह बाघों का ना सिर्फ कुनबा बढ़ाना है, बल्कि राजाजी नेशनल पार्क के चीला, गौहरी व रवासन क्षेत्रों के 270 वर्ग किलोमीटर के दायरे में ही बाघ हैं, जिनकी संख्या करीब 45 है. लेकिन राजाजी नेशनल पार्क के शेष 550 वर्ग किलोमीटर में फैला मोतीचूर-धौलखंड क्षेत्र में पिछले सात वर्षों से मात्र दो बाघिनें ही मौजूद हैं. ऐसे में इस क्षेत्र में बाघ के कुनबे को बढ़ाने के उत्तराखंड वन विभाग बाघों को शिफ्ट करने जा रहा है.

ये भी पढ़ें : त्योहारों की छुट्टियों के बाद 21 नवंबर से खुलेंगे बोर्डिंग स्कूल, यह है तैयारी

वहीं, मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक जेएस सुहाग ने बताया कि नवंबर अंत तक इन बाघों को मोतीचूर-धौलखंड क्षेत्र में छोड़ दिया जाएगा. यह प्रक्रिया तीन चरणों में पूरी की जाएगी. मुख्य रूप से पहले चरण में एक बाघ दूसरे चरण में एक बाघ और फिर तीसरे चरण में तीन बाघों को इस क्षेत्र में शिफ्ट किया जाएगा, साथ ही बताया कि बाघों को इन क्षेत्रों में छोड़ने से पहले उन्हें दो से तीन दिन बाड़े में रखा जाएगा और इनके व्यवहार की मॉनिटरिंग की जाएगी.

देहरादून: प्रदेश में बाघों का कुनबा बढ़ाए जाने को लेकर कॉर्बेट टाइगर रिजर्व से कुछ बाघों को राजाजी नेशनल पार्क में शिफ्ट किए जाने की तैयारियां लगभग पूरी हो गई है. लिहाजा, तीन चरणों में 5 बाघों को शिफ्ट किया जाएगा. जिसकी तैयारियां लगभग ना सिर्फ पूरी कर ली गई हैं बल्कि बाघों की शिफ्टिंग के तहत पूर्वाभ्यास भी कर लिया गया है. ऐसे में इस महीने के अंत तक पांच बाघों को 550 वर्ग किलोमीटर में फैले मोतीचूर-धौलखंड क्षेत्र में शिफ्ट कर दिया जाएगा.

बता दें कि मोतीचूर-धौलखंड क्षेत्र में कॉर्बेट टाइगर रिजर्व से बाघ शिफ्ट करने के लिए साल 2016 में एक योजना तैयार की गई थी. जिसे साल 2017 में राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण ने मंजूरी दे दी थी. यही नहीं, साल 2019 में इस मुहिम को शुरू करने के लिए 50 लाख रुपए भी मंजूर हुए थे, जिसके तहत मोतीचूर-धौलखंड क्षेत्र में बागबाहरा मॉनिटरिंग टावर समेत तमाम अन्य व्यवस्थाएं की गई थी. इसके बाद फिर साल 2020 में केंद्र सरकार द्वारा बाघों को शिफ्ट करने के लिए 40 लाख रुपए की धनराशि भी अवमुक्त की जा चुकी है.

बाघों को शिफ्ट करने की मुख्य वजह बाघों का ना सिर्फ कुनबा बढ़ाना है, बल्कि राजाजी नेशनल पार्क के चीला, गौहरी व रवासन क्षेत्रों के 270 वर्ग किलोमीटर के दायरे में ही बाघ हैं, जिनकी संख्या करीब 45 है. लेकिन राजाजी नेशनल पार्क के शेष 550 वर्ग किलोमीटर में फैला मोतीचूर-धौलखंड क्षेत्र में पिछले सात वर्षों से मात्र दो बाघिनें ही मौजूद हैं. ऐसे में इस क्षेत्र में बाघ के कुनबे को बढ़ाने के उत्तराखंड वन विभाग बाघों को शिफ्ट करने जा रहा है.

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वहीं, मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक जेएस सुहाग ने बताया कि नवंबर अंत तक इन बाघों को मोतीचूर-धौलखंड क्षेत्र में छोड़ दिया जाएगा. यह प्रक्रिया तीन चरणों में पूरी की जाएगी. मुख्य रूप से पहले चरण में एक बाघ दूसरे चरण में एक बाघ और फिर तीसरे चरण में तीन बाघों को इस क्षेत्र में शिफ्ट किया जाएगा, साथ ही बताया कि बाघों को इन क्षेत्रों में छोड़ने से पहले उन्हें दो से तीन दिन बाड़े में रखा जाएगा और इनके व्यवहार की मॉनिटरिंग की जाएगी.

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