ETV Bharat / state

कमाल का सरकारी स्कूल: बात करने से कतराने वाले 'ओपन थिएटर' में देते हैं जबरदस्त भाषण - kawardha open theater school

पथर्रा गांव के एक सरकारी प्राथमिक स्कूल में प्राइवेट स्कूल की तर्ज पर ओपन थिएटर बनाया गया है. ये दावा किया जा रहा है कि ये स्कूल प्रदेश का पहला ओपन थिएटर वाला सरकारी स्कूल है.

first open theater
छत्तीसगढ़ का पहला ओपन थिएटर
author img

By

Published : Jan 2, 2020, 8:48 AM IST

Updated : Jan 2, 2020, 9:51 AM IST

कवर्धा: छत्तीसगढ़ राज्य के कवर्धा जिले के पथर्रा गांव में सरकारी प्राथमिक स्कूल के बच्चे खुद अपना भविष्य बना रहे हैं. यहां बच्चे आत्मविश्वास को जगाने के लिए खुलकर बात करते हैं, भाषण देते हैं और मंच का शानदार तरीके से संचालन भी करते हैं. ये सब मुमकिन हो रहा है स्कूल में बनाए गए ओपन थिएटर से. सरकारी स्कूल में बनाए गए इस ओपन थिएटर का नाम रंगकर्मी हबीब तनवीर के नाम पर रखा गया है. ये दावा किया जा रहा है कि यह स्कूल छत्तीसगढ़ का पहला स्कूल है, जहां ओपन थिएटर बनाया गया है.

छत्तीसगढ़ का पहला ओपन थिएटर

बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ाने की पहल
इस ओपन थिएटर में हर रोज बच्चों को बोलने का मौका दिया जाता है, ताकि बच्चे लोगों के बीच खुलकर बोल सकें. बच्चे आत्मविश्वास को जगाने के लिए खुलकर बात करते हैं, भाषण देते हैं. इसके साथ ही वाद-विवाद और मंच का शानदार तरीके से संचालन भी करते हैं. ओपन थिएटर के लिए शिक्षकों और ग्रामीणों ने आपसी सहयोग से एक लाख रुपए से ज्यादा का चंदा जुटाया और प्रसिद्ध रंगकर्मी हबीब तनवीर के नाम पर इसे साकार रूप दिया.

ये भी पढ़ें: हरिद्वारः महिलाओं को जागरूक बना रही संकल्प महिला समिति, चला रही कई अभियान

हबीब तनवीर के नाम पर बना है थिएटर
दरअसल साल 2016 में ग्रामीणों और शिक्षकों ने गांव के इस सरकारी स्कूल के विकास को लेकर विशेष पहल की. सबसे पहले बच्चों को स्कूल की ओर आकर्षित करने के लिए रंग-रोगन किया गया. जिसके बाद हबीब तनवीर के नाम से ओपन थिएटर बनाया गया. यहां के शिक्षकों की मानें तो प्रदेश का पहला ओपन थिएटर है. पहले कक्षा पहली से लेकर 5वीं तक के बच्चे कुछ भी कहने से डरते थे और हिचकते थे. ऐसे में उनके संकोच को दूर करने के लिए ओपन थिएटर बनाया गया है.

ये भी पढ़ें: नववर्ष पर परमार्थ निकेतन में योग रिट्रीट, लोगों ने रुद्राभिषेक कर लिया संकल्प

जो आता है व्यवस्था देखकर होता है खुश
स्कूल के कार्य को देखते हुए 2016 से लेकर अब तक जिले में जितने भी कलेक्टर और जिला पंचायत सीईओ आए और उन्होंने स्कूल का दौरा किया. स्कूल की व्यवस्था देखकर काफी खुश होते हैं और बच्चों के हुनर को देखकर उन्हें बधाई देते है. खास बात यह है कि इन बच्चों के लिए ग्राम पंचायत भी मदद भी करती है.

स्कूल में सारी सुविधाएं मौजूद
खुशी की बात ये है कि इस स्कूल में प्राइवेट स्कूल की तरह सारी सुविधाएं हैं और इसे उसी तरह ढाला गया है. प्राइवेट स्कूल की तरह ही इस सरकारी स्कूल का कायाकल्प किया गया है, जिससे बच्चों को बेहतर महसूस हो और वह रोज स्कूल आएं. स्कूल में 83 बच्चे हैं. स्कूल परिसर में गंदगी न हो इसके लिए स्कूल प्रबंधन सजग रहता है.

स्वच्छता और रंगों की सुंदरता की वजह से बच्चे हर दिन स्कूल आते हैं. थिएटर का लाभ सभी बच्चों को मिल रहा है. प्रतिदिन इस थियेटर में सभी को छत्तीसगढ़ के सामान्य ज्ञान समेत अन्य विषय पर बोलने का मौका दिया जाता है. इसका उद्देश्य बच्चों की अभिव्यक्ति के विकास को बढ़ाना है.

कवर्धा: छत्तीसगढ़ राज्य के कवर्धा जिले के पथर्रा गांव में सरकारी प्राथमिक स्कूल के बच्चे खुद अपना भविष्य बना रहे हैं. यहां बच्चे आत्मविश्वास को जगाने के लिए खुलकर बात करते हैं, भाषण देते हैं और मंच का शानदार तरीके से संचालन भी करते हैं. ये सब मुमकिन हो रहा है स्कूल में बनाए गए ओपन थिएटर से. सरकारी स्कूल में बनाए गए इस ओपन थिएटर का नाम रंगकर्मी हबीब तनवीर के नाम पर रखा गया है. ये दावा किया जा रहा है कि यह स्कूल छत्तीसगढ़ का पहला स्कूल है, जहां ओपन थिएटर बनाया गया है.

छत्तीसगढ़ का पहला ओपन थिएटर

बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ाने की पहल
इस ओपन थिएटर में हर रोज बच्चों को बोलने का मौका दिया जाता है, ताकि बच्चे लोगों के बीच खुलकर बोल सकें. बच्चे आत्मविश्वास को जगाने के लिए खुलकर बात करते हैं, भाषण देते हैं. इसके साथ ही वाद-विवाद और मंच का शानदार तरीके से संचालन भी करते हैं. ओपन थिएटर के लिए शिक्षकों और ग्रामीणों ने आपसी सहयोग से एक लाख रुपए से ज्यादा का चंदा जुटाया और प्रसिद्ध रंगकर्मी हबीब तनवीर के नाम पर इसे साकार रूप दिया.

ये भी पढ़ें: हरिद्वारः महिलाओं को जागरूक बना रही संकल्प महिला समिति, चला रही कई अभियान

हबीब तनवीर के नाम पर बना है थिएटर
दरअसल साल 2016 में ग्रामीणों और शिक्षकों ने गांव के इस सरकारी स्कूल के विकास को लेकर विशेष पहल की. सबसे पहले बच्चों को स्कूल की ओर आकर्षित करने के लिए रंग-रोगन किया गया. जिसके बाद हबीब तनवीर के नाम से ओपन थिएटर बनाया गया. यहां के शिक्षकों की मानें तो प्रदेश का पहला ओपन थिएटर है. पहले कक्षा पहली से लेकर 5वीं तक के बच्चे कुछ भी कहने से डरते थे और हिचकते थे. ऐसे में उनके संकोच को दूर करने के लिए ओपन थिएटर बनाया गया है.

ये भी पढ़ें: नववर्ष पर परमार्थ निकेतन में योग रिट्रीट, लोगों ने रुद्राभिषेक कर लिया संकल्प

जो आता है व्यवस्था देखकर होता है खुश
स्कूल के कार्य को देखते हुए 2016 से लेकर अब तक जिले में जितने भी कलेक्टर और जिला पंचायत सीईओ आए और उन्होंने स्कूल का दौरा किया. स्कूल की व्यवस्था देखकर काफी खुश होते हैं और बच्चों के हुनर को देखकर उन्हें बधाई देते है. खास बात यह है कि इन बच्चों के लिए ग्राम पंचायत भी मदद भी करती है.

स्कूल में सारी सुविधाएं मौजूद
खुशी की बात ये है कि इस स्कूल में प्राइवेट स्कूल की तरह सारी सुविधाएं हैं और इसे उसी तरह ढाला गया है. प्राइवेट स्कूल की तरह ही इस सरकारी स्कूल का कायाकल्प किया गया है, जिससे बच्चों को बेहतर महसूस हो और वह रोज स्कूल आएं. स्कूल में 83 बच्चे हैं. स्कूल परिसर में गंदगी न हो इसके लिए स्कूल प्रबंधन सजग रहता है.

स्वच्छता और रंगों की सुंदरता की वजह से बच्चे हर दिन स्कूल आते हैं. थिएटर का लाभ सभी बच्चों को मिल रहा है. प्रतिदिन इस थियेटर में सभी को छत्तीसगढ़ के सामान्य ज्ञान समेत अन्य विषय पर बोलने का मौका दिया जाता है. इसका उद्देश्य बच्चों की अभिव्यक्ति के विकास को बढ़ाना है.

Intro:प्रदेश का पहला सरकारी प्राथमिक स्कूल जहां रंगकर्मी के नाम से बनाया गया है ओपन थिएटर, बच्चों को प्रतिदिन थिएटर में बोलने का मौका दिया जाता है। ताकि लोगों के बीच खुलकर बोल सके। शिक्षकों का ग्रामीणों ने भी दिया साथ, चंदा कर खर्च किए एक लाख रुपये से अधिक।

कवर्धा जिले के पथर्रा में सरकारी प्राथमिक स्कूल के बच्चों खुद अपना भविष्य गढ़ रहे हैं। यहां बच्चे आत्मविश्वास को जगाने के लिए खुलकर बात करते हैं, भाषण देते हैं वाद-विवाद और मंच का शानदार तरीके से संचालन भी करते हैं दरअसल प्रदेश का यह पहला सरकारी प्राथमिक स्कूल है। जहां ओपन थिएटर है शिक्षकों और ग्रामीणों ने सहयोग से एक लाख रुपये से ज्यादा का चंदा जुटाया, और प्रसिद्ध रंगकर्मी हबीब तनवीर के नाम पर इसे साकार रुप दिया। इस ओपन थिएटर में बच्चों को हर दिन बोलने का मौका मिलता है।



Body:दरअसल वर्ष 2016 में ग्रामीणों और शिक्षकों ने गांव के इस सरकारी स्कूल के विकास को लेकर विशेष पहल की सबसे पहले बच्चों को स्कूल की ओर आकर्षित करने । रंग-रोंगन किया गया। जिसके बाद हबीब तनवीर के नाम से ओपन थिएटर बनाया गया। यहां के शिक्षकों की मानें तो प्रदेश का पहला ओपन थिएटर है। कक्षा 1 से लेकर 5 वीं तक के बच्चों कुछ भी कहने से डरते थे। और हिचकते जाते थे , उनके संकोच को दूर करने के लिए ओपन थिएटर बनाया गया है। स्कूल के कार्य को देखते हुए 2016 से लेकर अब तक जिले में इतने भी कलेक्टर और जिला पंचायत सीईओ आए और उन्होंने स्कूल का दौरा किया स्कूल की व्यवस्था देखकर काफी खुश होते है। और बच्चों के हुनर को देख कर उन्हें बधाई देते है। खास बात यह है कि सभी बच्चे के लिए ग्राम पंचायत भी मदद भी करती है।




Conclusion:साथी नन्हे बच्चों को स्कूल में बच्चे तभी आते हैं जब उन्हें प्राइवेट स्कूल जैसा मोहन मिलता है ।इसे देखते हुए स्कूल के रंग-रोहन किए गए हैं। इस काम के लिए रुपए की जरूरत पड़ी तो शिक्षकों ने भी मदद किया। और पूरे परिसर में गंदगी ना हो इसलिए साला परिवार सजग कहते हैं ।स्वच्छता और रंगों के कारण बच्चे के प्रतिदिन स्कूल आ रहे हैं। स्कूल में 83 बच्चे हैं थिएटर का लाभ सभी बच्चों को मिल रहा है। प्रतिदिन इस सेक्टर में बच्चे एक बच्चे को छत्तीसगढ़ी सामान्य ज्ञान समेत अन्य विषय पर बोलने का मौका दिया जाता है ।इसके उद्देश्य से बच्चों को अभिव्यक्ति के विकास के बढ़ाना है जिस हबीब तनवीर के नाम से ओपन थिएटर बनाया गया है वह इसी राज्य के प्रसिद्ध रंगकर्मी और निर्देशक हैं।

ओपनिंग पीटीसी रिपोर्टर
बाईट01- आराध्य चंद्रवंशी, स्टूडेंट
बाईट02 अभयराज , स्टूडेंट
बाईट03 शिवकुमार, एचएम स्कूल
बाईट04 रोशन परिहार, सरपंच ग्राम पंचायत बघर्रा।
क्लोज पीटीसी रिपोर्टर
Last Updated : Jan 2, 2020, 9:51 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.