देहरादून: उत्तराखंड के चर्चित छात्रवृत्ति घोटाले में एसआईटी ने बड़ी कार्रवाई करते हुए देहरादून के तीन और घोटालेबाज शिक्षण संस्थानों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कानूनी कार्रवाई तेज कर दी है. प्रारंभिक जांच पड़ताल में अहम साक्ष्य पाए जाने के बाद एसआईटी ने करोड़ों के छात्रवृत्ति गबन मामले में तीन निजी कॉलेजों के खिलाफ कार्रवाई करनी शुरू कर दी है. हाईकोर्ट के आदेश पर गठित देहरादून और हरिद्वार एसआईटी जांच टीम ने अभी तक देहरादून के 4 निजी कॉलेजों के खिलाफ फर्जी दस्तावेजों के आधार पर छात्रवृत्ति घोटाले में मुकदमा दर्ज कर लिया है.
शिमला बाईपास रोड के अंतर्गत मेहूंवाला स्थित "सनराइज इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट" के खिलाफ करीब दो करोड़ 20 लाख रुपए के सरकारी छात्रवृत्ति धन गबन के मामले में मुकदमा दर्ज किया गया है. सेलाकुई के राजावाला स्थित हिमालयन इंस्टिट्यूट ऑफ़ फार्मेसी संस्थान के खिलाफ साढ़े चार करोड़ रुपए की छात्रवृत्ति घोटाले के सबूत सामने आने के बाद मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई तेज कर दी गई है.
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विकासनगर स्थित एसबी कॉलेज ऑफ एजुकेशन के खिलाफ भी करीब ढाई करोड़ से अधिक फर्जी दस्तावेजों के आधार पर छात्रवृत्ति घोटाले मामले में एसआईटी ने मुकदमा दर्ज कर कानूनी शिकंजा तेज कर दिया है.
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गौरतलब है कि वर्ष 2009 से 2017 तक उत्तराखंड के जिला समाज कल्याण अधिकारियों की मिलीभगत से निजी संस्थानों द्वारा अपने कॉलेजों में एससी-एसटी व ओबीसी छात्र छात्राओं के फर्जी दस्तावेज के आधार पर दाखिला निकालकर 500 करोड़ से अधिक की छात्रवृत्ति घोटाले को अंजाम दिया गया.
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ऐसे में अभी तक उधम सिंह नगर, टिहरी गढ़वाल, हरिद्वार व देहरादून जिले में स्थित 2 दर्जन से अधिक घोटालेबाज शिक्षण संस्थानों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दर्जनभर से ज्यादा निजी कॉलेज संचालकों व दलालों को जेल भेजा जा चुका है, जबकि समाज कल्याण विभाग के आरोपी संयुक्त निदेशक सहित 5 जिला समाज कल्याण अधिकारियों को जेल भेजा जा चुका है.