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डॉक्टर का कारनामा: रॉड डालने के नाम पर मरीज से ठगे डेढ़ लाख रुपए, एक्स-रे में सच्चाई आई सामने

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Published : Mar 7, 2020, 11:31 PM IST

पुलिस ने डॉक्टर और उसके स्टाफ के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है. हालांकि अभीतक पुलिस डॉक्टर को गिरफ्तार नहीं कर सकी है.

देहरादून
देहरादून

देहरादून: बसंत विहार थाने में एक मरीज ने डॉक्टर पर धोखाधड़ी और षड्यंत्र का आरोप लगाया है. पुलिस ने मरीज की शिकायत पर डॉक्टर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है. मरीज का आरोप है कि डॉक्टर ने इलाज के नाम पर उसके डेढ़ लाख रुपए ठगे हैं.

विकासनगर निवासी सीता देवी ने पुलिस को इस मामले में तहरीर दी है. सीता देवी के मुताबिक 27 दिसंबर को विकासनगर में उसके छोटे भाई मुकेश का एक्सीडेंट हो गया था, जिसमें उसके दाहिने पैर की हड्डी टूट गई थी. मुकेश को एंबुलेंस की मदद से दून अस्पताल लाया जा रहा था, लेकिन एंबुलेंस का ड्राइवर मरीज को दून अस्पताल ले जाने के बजाय ज्वाला मेडिकल सेंटर बल्लीवाला लेकर गया.

अगले दिन ज्वाला हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने मुकेश को डॉक्टर प्रसून महेश्वरी के क्लीनिक पर लेकर गए, जहां उन्होंने मुकेश के पैर में रॉड डालने की बात कही. ऑपरेशन के बाद मुकेश को ज्वाला मेडिकल सेंटर में आईसीयू में भर्ती कर दिया गया.

ज्वाला मेडिकल सेंटर के डॉक्टर ने चार जनवरी को पैर में डाली गई रॉड को निकालने के बाद पांच जनवरी को डिस्चार्ज करने की बात कही थी. सीता के मुताबिक इस पूरे इलाज में उनके करीब डेढ़ लाख रुपए खर्च हुए. डॉक्टर के कहे अनुसार चार मार्च को सीता देवी अपने भाई के साथ ज्वाला मेडिकल सेंटर पहुंची तो वहां इलाज करने वाले डॉक्टर और स्टाफ में से कोई भी मौजूद नहीं था.

पढ़ें- अभद्र टिप्पणी के खिलाफ भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं में रोष, दीपक जोशी का फूंका पुतला

इसके बाद सीतादेवी अपने भाई को लेकर दोबारा प्रसून महेश्वरी क्लीनिंग गई तो डॉक्टर ने एक्स-रे करने के बाद बताया गया कि घायल के पैर में कोई रॉड नहीं है. सीता देवी ने ज्वाला मेडिकल सेंटर से इलाज की फाइल और रुपए वापस मांगी तो वहां मौजूद स्टाफ ने गाली-गलौज की.

इस मामले में थाना बंसत विहार प्रभारी नत्थी लाल उनियाल ने बताया कि पीड़िता सीता देवी की तहरीर के आधार पर घायल का उपचार करने वाले डॉक्टर, स्टाफ, ललित, डॉ प्रसून महेश्वरी, सना अलीशा और एंबुलेंस चालक अबरार के खिलाफ धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कर पुलिस मामले की जांच में जुट गई है.

देहरादून: बसंत विहार थाने में एक मरीज ने डॉक्टर पर धोखाधड़ी और षड्यंत्र का आरोप लगाया है. पुलिस ने मरीज की शिकायत पर डॉक्टर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है. मरीज का आरोप है कि डॉक्टर ने इलाज के नाम पर उसके डेढ़ लाख रुपए ठगे हैं.

विकासनगर निवासी सीता देवी ने पुलिस को इस मामले में तहरीर दी है. सीता देवी के मुताबिक 27 दिसंबर को विकासनगर में उसके छोटे भाई मुकेश का एक्सीडेंट हो गया था, जिसमें उसके दाहिने पैर की हड्डी टूट गई थी. मुकेश को एंबुलेंस की मदद से दून अस्पताल लाया जा रहा था, लेकिन एंबुलेंस का ड्राइवर मरीज को दून अस्पताल ले जाने के बजाय ज्वाला मेडिकल सेंटर बल्लीवाला लेकर गया.

अगले दिन ज्वाला हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने मुकेश को डॉक्टर प्रसून महेश्वरी के क्लीनिक पर लेकर गए, जहां उन्होंने मुकेश के पैर में रॉड डालने की बात कही. ऑपरेशन के बाद मुकेश को ज्वाला मेडिकल सेंटर में आईसीयू में भर्ती कर दिया गया.

ज्वाला मेडिकल सेंटर के डॉक्टर ने चार जनवरी को पैर में डाली गई रॉड को निकालने के बाद पांच जनवरी को डिस्चार्ज करने की बात कही थी. सीता के मुताबिक इस पूरे इलाज में उनके करीब डेढ़ लाख रुपए खर्च हुए. डॉक्टर के कहे अनुसार चार मार्च को सीता देवी अपने भाई के साथ ज्वाला मेडिकल सेंटर पहुंची तो वहां इलाज करने वाले डॉक्टर और स्टाफ में से कोई भी मौजूद नहीं था.

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इसके बाद सीतादेवी अपने भाई को लेकर दोबारा प्रसून महेश्वरी क्लीनिंग गई तो डॉक्टर ने एक्स-रे करने के बाद बताया गया कि घायल के पैर में कोई रॉड नहीं है. सीता देवी ने ज्वाला मेडिकल सेंटर से इलाज की फाइल और रुपए वापस मांगी तो वहां मौजूद स्टाफ ने गाली-गलौज की.

इस मामले में थाना बंसत विहार प्रभारी नत्थी लाल उनियाल ने बताया कि पीड़िता सीता देवी की तहरीर के आधार पर घायल का उपचार करने वाले डॉक्टर, स्टाफ, ललित, डॉ प्रसून महेश्वरी, सना अलीशा और एंबुलेंस चालक अबरार के खिलाफ धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कर पुलिस मामले की जांच में जुट गई है.

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