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आधार कार्ड में फर्जीवाड़ा कर बाल मजदूरी कराने वाली कंपनी के खिलाफ FIR, अन्य फैक्ट्रियों पर भी शिकंजे की तैयारी

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Published : Dec 9, 2020, 8:18 PM IST

आधार कार्ड में फर्जीवाड़ा कर बाल मजदूरी कराने वाली कंपनी के खिलाफ देहरादून में मुकदमा दर्ज किया गया है. पुलिस अन्य फैक्ट्रियों पर भी कार्रवाई कर सकती है.

dig arun mohan
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देहरादूनः आधार कार्ड में उम्र का फर्जीवाड़ा कर बाल मजदूरी कराने वाली एक कंपनी के खिलाफ देहरादून पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है. सेलाकुई इंडस्ट्रियल एरिया स्थित डिक्शन फैक्ट्री प्रबंधक सहित 6 ठेकेदारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर पुलिस टीम ने पूरे रैकेट का पर्दाफाश करने के लिए जांच पड़ताल शुरू कर दी है. इस मामले में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की शिकायत के आधार पर पुलिस ने डिक्शन टेक्नोलॉजी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी सहित सेलाकुई के अन्य फैक्ट्रियों में भी बाल मजदूरी को लेकर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. ऐसी आशंका जताई जा रही है कि सेलाकुई इंडस्ट्रियल एरिया में स्थित कई फैक्ट्री और कंपनियों में इसी तरह फर्जीवाड़ा चल रहा है.

बाल मजदूरी कराने वाली कंपनी के खिलाफ FIR

जानकारी के अनुसार, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के निरीक्षण सचिव व सिविल जज (सीनियर डिविजन) नेहा कुशवाहा के नेतृत्व में 'बचपन बचाओ' टीम ने सेलाकुई स्थित डिक्शन टेक्नोलॉजी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी का औचक निरीक्षण किया. इस दौरान डिक्शन फैक्ट्री में 94 बालिकाओं को चिन्हित कर जब उनके आधार कार्ड का मिलान उनके सर्टिफिकेट से किया गया तो उसमें उम्र बढ़ाने की गड़बड़ी पायी गई. जांच पड़ताल जानकारी सामने आयी कि नाबालिग बालिकाओं के आधार कार्ड में उम्र का फर्जीवाड़ा कर उनसे फैक्ट्री में 12- 12 घंटे अवैध रूप से बाल श्रम कराया जा रहा है.

पढ़ेंः नैनीताल हाईकोर्ट का आदेश, मसूरी और नैनीताल आने वाले पर्यटकों की होगी कोरोना जांच

पुलिस की छानबीन में भी ये बात भी सामने आई कि डिक्शन टेक्नोलॉजी इंडिया कंपनी के प्रबंधक से मिलीभगत कर ठेकेदार रंजीत, प्रीतम, सिंघानिया, रेहान और संदीप जैसे ठेकेदारों द्वारा 94 बालिकाओं को उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों से आधार कार्ड में फर्जीवाड़ा कर बाल मजदूरी के लिए सेलाकुई फैक्ट्री लाया गया था.

इस मामले में देहरादून डीआईजी अरुण मोहन जोशी ने बताया कि आधार कार्ड में फर्जीवाड़ा कर नाबालिग बच्चों के साथ बाल श्रम कराने का मामला बेहद गंभीर प्रकरण है. इस मामले में आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर सीओ प्रेमनगर के नेतृत्व में एक विशेष पुलिस टीम पूरे मामले की जांच पड़ताल कर रही है. आशंका इस बात की भी जताई जा रही है कि सेलाकुई के अन्य फैक्ट्रियों में भी इसी तरह का फर्जीवाड़ा कर बाल श्रम का मामला हो सकता है. ऐसे में गठित की गई पुलिस टीम अन्य फैक्ट्री और कंपनियों में काम करने वाले लोगों की भी जांच पड़ताल कर आगे की कार्रवाई कर रही है.

देहरादूनः आधार कार्ड में उम्र का फर्जीवाड़ा कर बाल मजदूरी कराने वाली एक कंपनी के खिलाफ देहरादून पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है. सेलाकुई इंडस्ट्रियल एरिया स्थित डिक्शन फैक्ट्री प्रबंधक सहित 6 ठेकेदारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर पुलिस टीम ने पूरे रैकेट का पर्दाफाश करने के लिए जांच पड़ताल शुरू कर दी है. इस मामले में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की शिकायत के आधार पर पुलिस ने डिक्शन टेक्नोलॉजी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी सहित सेलाकुई के अन्य फैक्ट्रियों में भी बाल मजदूरी को लेकर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. ऐसी आशंका जताई जा रही है कि सेलाकुई इंडस्ट्रियल एरिया में स्थित कई फैक्ट्री और कंपनियों में इसी तरह फर्जीवाड़ा चल रहा है.

बाल मजदूरी कराने वाली कंपनी के खिलाफ FIR

जानकारी के अनुसार, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के निरीक्षण सचिव व सिविल जज (सीनियर डिविजन) नेहा कुशवाहा के नेतृत्व में 'बचपन बचाओ' टीम ने सेलाकुई स्थित डिक्शन टेक्नोलॉजी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी का औचक निरीक्षण किया. इस दौरान डिक्शन फैक्ट्री में 94 बालिकाओं को चिन्हित कर जब उनके आधार कार्ड का मिलान उनके सर्टिफिकेट से किया गया तो उसमें उम्र बढ़ाने की गड़बड़ी पायी गई. जांच पड़ताल जानकारी सामने आयी कि नाबालिग बालिकाओं के आधार कार्ड में उम्र का फर्जीवाड़ा कर उनसे फैक्ट्री में 12- 12 घंटे अवैध रूप से बाल श्रम कराया जा रहा है.

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पुलिस की छानबीन में भी ये बात भी सामने आई कि डिक्शन टेक्नोलॉजी इंडिया कंपनी के प्रबंधक से मिलीभगत कर ठेकेदार रंजीत, प्रीतम, सिंघानिया, रेहान और संदीप जैसे ठेकेदारों द्वारा 94 बालिकाओं को उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों से आधार कार्ड में फर्जीवाड़ा कर बाल मजदूरी के लिए सेलाकुई फैक्ट्री लाया गया था.

इस मामले में देहरादून डीआईजी अरुण मोहन जोशी ने बताया कि आधार कार्ड में फर्जीवाड़ा कर नाबालिग बच्चों के साथ बाल श्रम कराने का मामला बेहद गंभीर प्रकरण है. इस मामले में आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर सीओ प्रेमनगर के नेतृत्व में एक विशेष पुलिस टीम पूरे मामले की जांच पड़ताल कर रही है. आशंका इस बात की भी जताई जा रही है कि सेलाकुई के अन्य फैक्ट्रियों में भी इसी तरह का फर्जीवाड़ा कर बाल श्रम का मामला हो सकता है. ऐसे में गठित की गई पुलिस टीम अन्य फैक्ट्री और कंपनियों में काम करने वाले लोगों की भी जांच पड़ताल कर आगे की कार्रवाई कर रही है.

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