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सरकारी गल्ले की दुकान पर नहीं मिलेगी सस्ती दाल, सब्सिडी का प्रस्ताव वित्त विभाग से खारिज - finance department

मुख्यमंत्री दाल पोषित योजना के तहत सस्ती दाल के लिए दस रुपए प्रति किलो सब्सिडी देने के प्रस्ताव को वित्त विभाग ने खारिज कर दिया है.

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Published : Jan 17, 2020, 5:38 PM IST

देहरादून: प्रदेश की सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानों में राशनकार्ड धारकों को मिलने वाली सस्ती दाल पर खतरे के बादल मंडराते नजर आ रहे हैं. मुख्यमंत्री दाल पोषित योजना के तहत सस्ती दाल के लिए दस रुपए प्रति किलो सब्सिडी देने के प्रस्ताव को वित्त विभाग ने खारिज कर दिया है.

सब्सिडी देने के प्रस्ताव को वित्त विभाग ने किया खारिज.

बता दें कि अब तक केंद्र सरकार की ओर से राज्य को सस्ती दरों में दालें मुहैया कराई जा रही थीं. लेकिन अब केंद्र सरकार ने प्रदेश को सस्ती दरों में दाल मुहैया कराने पर रोक लगा दी है. खाद्य विभाग राज्य स्तर पर सब्सिडी देकर मुख्यमंत्री की दाल पोषित योजना को जारी रखने के प्रयासों में है. लेकिन दालों में दस रुपए प्रतिकिलो सब्सिडी देने पर प्रदेश के ऊपर सालाना पड़ने वाले लगभग 42 करोड़ के आर्थिक बोझ का आंकलन करते हुए वित्त विभाग ने खाद्य विभाग के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है.

ये भी पढ़ें: मंत्रिमंडल विस्तार: लेटलतीफी पर कांग्रेस का निशाना, अंदरूनी कलह को बताया वजह

बीते वर्ष अगस्त माह में राज्य सरकार ने प्रदेश में दाल पोषित योजना को शुरू किया था. इस दौरान सरकार ने यह साफ कर दिया था कि यह योजना केंद्र से सस्ती दाल मिलने तक ही प्रदेश में जारी रहेगी.

देहरादून: प्रदेश की सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानों में राशनकार्ड धारकों को मिलने वाली सस्ती दाल पर खतरे के बादल मंडराते नजर आ रहे हैं. मुख्यमंत्री दाल पोषित योजना के तहत सस्ती दाल के लिए दस रुपए प्रति किलो सब्सिडी देने के प्रस्ताव को वित्त विभाग ने खारिज कर दिया है.

सब्सिडी देने के प्रस्ताव को वित्त विभाग ने किया खारिज.

बता दें कि अब तक केंद्र सरकार की ओर से राज्य को सस्ती दरों में दालें मुहैया कराई जा रही थीं. लेकिन अब केंद्र सरकार ने प्रदेश को सस्ती दरों में दाल मुहैया कराने पर रोक लगा दी है. खाद्य विभाग राज्य स्तर पर सब्सिडी देकर मुख्यमंत्री की दाल पोषित योजना को जारी रखने के प्रयासों में है. लेकिन दालों में दस रुपए प्रतिकिलो सब्सिडी देने पर प्रदेश के ऊपर सालाना पड़ने वाले लगभग 42 करोड़ के आर्थिक बोझ का आंकलन करते हुए वित्त विभाग ने खाद्य विभाग के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है.

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बीते वर्ष अगस्त माह में राज्य सरकार ने प्रदेश में दाल पोषित योजना को शुरू किया था. इस दौरान सरकार ने यह साफ कर दिया था कि यह योजना केंद्र से सस्ती दाल मिलने तक ही प्रदेश में जारी रहेगी.

Intro:देहरादून- प्रदेश की सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानों में राशनकार्ड धारकों को मिलने वाली सस्ती दालों पर खतरे के बादल मंडराते नजर आ रहे हैं । दरअसल मुख्यमंत्री दाल पोषित योजना के तहत सस्ती दाल के लिए 10 रुपए प्रति किलो सब्सिडी देने के प्रस्ताव को वित्त विभाग ने खारिज कर दिया है ।




Body:यहाँ आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अब तक केंद्र सरकार की ओर से राज्य को सस्ती दरों में दालें मुहैया कराई जा रही थी । लेकिन अब केंद्र सरकार ने प्रदेश को सस्ती दरों में दाल मुहैया कराने से हाथ पीछे खींच लिए हैं । ऐसे में खाद्य विभाग राज्य स्तर पर सब्सिडी देकर मुख्यमंत्री की दाल पोषित योजना को जारी रखने के प्रयासों में है । लेकिन दालों में 10 रुपए प्रतिकिलो सब्सिडी देने पर प्रदेश के ऊपर सालाना पड़ने वाले लगभग 42 करोड़ के आर्थिक बोझ का आंकलन करते हुए वित्त विभाग ने खाद्य विभाग के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है ।

बहरहाल बीते वर्ष अगस्त माह में सूबे की त्रिवेंद्र सरकार ने प्रदेश में दाल पोषित योजना को शुरू किया था । इस दौरान सरकार ने यह साफ कर दिया था कि यह योजना केंद्र से सस्ती दाल मिलने तक ही प्रदेश में जारी रहेगी । ऐसे में अब यह योजना प्रदेश में आखिर कैसे जारी रखी जायेगी इसका अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री कार्यालय को लेना है ।




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