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ऋषिकेशः जब महिला सिपाही गर्भवती के लिए बनी देवदूत, ब्लड देकर बचाई जान - महिला सिपाही गर्भवती सिपाही के लिए बनी देवदूत

कोतवाली में तैनात महिला पुलिसकर्मी आशा ने मानवता का परिचय देते हुए ब्लड देकर एक गर्भवती महिला और उसके बच्चे की जान बचाई.

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महिला सिपाही
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Published : Dec 10, 2019, 10:34 PM IST

ऋषिकेशः हमारे देश में नागरिकों को पुलिस से काफी शिकायत रहती हैं. समाज में अक्सर उनकी नकारात्मक छवि पेश की जाती है जो सही नहीं है. कई बार पुलिस ऐसे कार्य करती है जो लोगों के लिए नजीर बन जाती है.

ऋषिकेश कोतवाली में तैनात एक महिला सिपाही ने भी कुछ ऐसा ही कार्य किया है. उसने मानवता का परिचय देते हुए एक महिला की जान बचाई. महिला सिपाही ने ड्यूटी छोड़कर गर्भवती महिला को ब्लड देकर उसकी और उसके बच्चे को जीवनदान दिया. उसके इस कार्य की प्रशंसा हो रही है.

महिला सिपाही ने दिखाई मानवता.

गर्भवती महिला की सर्जरी के लिए डॉक्टर ने खून की मांग की थी लेकिन ब्लड बैंक में खून नहीं था,लेकिन महिला सिपाही ने रक्तदान किया. जानकारी के अनुसार ऋषिकेश के एक निजी चिकित्सालय में टिहरी जिले के घनसाली निवासी कबूल रावत अपनी 9 माह की गर्भवती पत्नी प्रमिला रावत की डिलीवरी के लिए पंहुचे, जहां पर चिकित्सक ने उनको बताया कि गर्भवती महिला में हीमोग्लोबिन की कमी है और डिलीवरी के सर्जरी करनी पड़ेगी जिसमें ब्लड की अति आवश्यकता है.

ब्लड की डिमांड के बाद महिला का राजकीय चिकित्सालय स्थित ब्लड बैंक पंहुचा और ब्लड की डिमांड की, लेकिन वहां A पॉजिटिव ब्लड नहीं मिला. युवक निराश हो गया और ब्लड की तलाश करने लगा, लेकिन युवक पहाड़ के दूरदराज का रहने वाला था इसलिए यहां कोई परिचित भी नहीं मिल रहा था. युवक हताश होकर राजकीय चिकित्सालय में किसी परिचित का इंतजार करने लगा.

यह भी पढ़ेंः हल्द्वानी: अफगानिस्‍तान से आया प्‍याज, आसमान छूती कीमतों से मिलेगी राहत

रावत ने बताया कि तभी उन्हें कमल जोशी नाम का एक पुलिस का जवान मिला जिसने पूरी समस्या के बाद वह कोतवाली में तैनात महिला पुलिसकर्मी आशा से संपर्क कराया. आशा तत्काल ब्लड बैंक पंहुची और ब्लड डोनेट कर गर्भवती महिला और उसके पेट में पल रहे बच्चे की जान बचाई. महिला की डिलीवरी किस भी समय हो सकती है.

ऋषिकेशः हमारे देश में नागरिकों को पुलिस से काफी शिकायत रहती हैं. समाज में अक्सर उनकी नकारात्मक छवि पेश की जाती है जो सही नहीं है. कई बार पुलिस ऐसे कार्य करती है जो लोगों के लिए नजीर बन जाती है.

ऋषिकेश कोतवाली में तैनात एक महिला सिपाही ने भी कुछ ऐसा ही कार्य किया है. उसने मानवता का परिचय देते हुए एक महिला की जान बचाई. महिला सिपाही ने ड्यूटी छोड़कर गर्भवती महिला को ब्लड देकर उसकी और उसके बच्चे को जीवनदान दिया. उसके इस कार्य की प्रशंसा हो रही है.

महिला सिपाही ने दिखाई मानवता.

गर्भवती महिला की सर्जरी के लिए डॉक्टर ने खून की मांग की थी लेकिन ब्लड बैंक में खून नहीं था,लेकिन महिला सिपाही ने रक्तदान किया. जानकारी के अनुसार ऋषिकेश के एक निजी चिकित्सालय में टिहरी जिले के घनसाली निवासी कबूल रावत अपनी 9 माह की गर्भवती पत्नी प्रमिला रावत की डिलीवरी के लिए पंहुचे, जहां पर चिकित्सक ने उनको बताया कि गर्भवती महिला में हीमोग्लोबिन की कमी है और डिलीवरी के सर्जरी करनी पड़ेगी जिसमें ब्लड की अति आवश्यकता है.

ब्लड की डिमांड के बाद महिला का राजकीय चिकित्सालय स्थित ब्लड बैंक पंहुचा और ब्लड की डिमांड की, लेकिन वहां A पॉजिटिव ब्लड नहीं मिला. युवक निराश हो गया और ब्लड की तलाश करने लगा, लेकिन युवक पहाड़ के दूरदराज का रहने वाला था इसलिए यहां कोई परिचित भी नहीं मिल रहा था. युवक हताश होकर राजकीय चिकित्सालय में किसी परिचित का इंतजार करने लगा.

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रावत ने बताया कि तभी उन्हें कमल जोशी नाम का एक पुलिस का जवान मिला जिसने पूरी समस्या के बाद वह कोतवाली में तैनात महिला पुलिसकर्मी आशा से संपर्क कराया. आशा तत्काल ब्लड बैंक पंहुची और ब्लड डोनेट कर गर्भवती महिला और उसके पेट में पल रहे बच्चे की जान बचाई. महिला की डिलीवरी किस भी समय हो सकती है.

Intro:ऋषिकेश--ऋषिकेश कोतवाली में तैनात एक महिला सिपाही ने अपनी मानवता का परिचय देते है ड्यूटी छोड़कर गर्भवती महिला को ब्लड देकर उसकी और उसके बच्चे की जान बचाई,गर्भवती महिला की सर्जरी के लिए डॉक्टर ने खून की मांग की थी लेकिन ब्लड बैंक में खून नहीं था,लेकिन महिला सिपाही खून दान किया,महिला सिपाही के इस कार्य की जमकर सराहना हो रही है।


Body:वी/ओ--ऋषिकेश के एक निजी चिकित्सालय में टिहरी जिले के घनसाली के पास रहने वाले कबूल रावत अपनी 9 माह की गर्भवती पत्नी प्रमिला रावत की डिलीवरी के लिए पंहुचे जहां पर चिकित्सक ने उनसे यह बताया कि गर्भवती महिला में हीमोग्लोबिन की कमी है और डिलीवरी के सर्जरी करनी पड़ेगी जिसमे ब्लड की अति आवश्यकता है,ब्लड की डिमांड के बाद गर्भवती महिला के पति ने राजकीय चिकित्सल्य स्थित ब्लड बैंक पंहुचा और ब्लड की डिमांड की लेकिन वहां से जवाब मिला कि यहां पर A+ ब्लड नही है जिसे सुनने के बाद युवक निराश हो गया और ब्लड की तलाश करने लगा लेकिन युवक पहाड़ के दूर दराज के रहने वाला था इसलिए यहां कोई परिचित भी नही मिल रहा था,युवक हतास होकर राजकीय चिकित्सालय में किसी परिचित का इंतजार करने लगा।


Conclusion:वी/ओ--गर्भवती महिला प्रमिला रावत का पति कबूल रावत ने बताया कि तभी कमल जोशी नाम का एक पुलिस का जवान मिला और उसने मुझसे परेशानी पूँछी परेशानी सुनने के बाद पुलिस के जवान ने कोतवाली ऋषिकेश में तैनात महिला पुलिसकर्मी आशा से समपर्क किया आशा ने जैसे ही परेशानी को सुना तत्काल कोतवाली से निकलकर ब्लड बैंक पंहुची और ब्लड डोनेट कर गर्भवती महिला और उसके पेट मे पल रहे बच्चे की जान बचाई,महिला की डिलीवरी किस भी समय हो सकती है।

बाईट--कबूल रावत(गर्भवती महिला का पति)
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