देहरादूनः सीएम तीरथ सिंह रावत ने पुलिस ट्रेनिंग सेंटर में होने वाले कार्यक्रम में शिरकत की. सीएम तीरथ सिंह की मौजूदगी में पुलिस प्रशिक्षण महाविद्यालय नरेंद्रनगर में पुलिस उपाधीक्षक पासिंग आउट परेड हुई. जिसमें 18 पुलिस उपाधीक्षक और 2 जिला कमांडेंट होमगार्ड्स सहित कुल 20 प्रशिक्षुओं का साढे बारह महीने का प्रशिक्षण पूरा किया. जिसमें 7 महिलाएं और 11 पुरुष प्रशिक्षु शामिल हैं. एक प्रशिक्षु पुलिस उपाधीक्षक किसी कारणवश परेड में शामिल नहीं हो सका.
देहरादून के स्वप्निल मुयाल उन 17 पुलिस उपाधीक्षकों में शामिल हैं जिन्होंने पुलिस प्रशिक्षण महाविद्यालय से अपना प्रशिक्षण पूरा कर लिया है. स्वप्निल अब उत्तराखंड पुलिस में पुलिस उपाधीक्षक के तौर पर सेवा देने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं. स्वप्निल की इस कामयाबी को देखने के लिए उनके माता-पिता और परिवार के दूसरे सदस्य भी महाविद्यालय में मौजूद रहे. स्वप्निल के पिता रिटायर्ड आईएएस अधिकारी सुंदर लाल मुयाल उत्तराखंड कई जिलों में जिलाधिकारी रहने के साथ ही राज्य सरकार में विभिन्न दायित्व पर भी वह रहे हैं. आज उनके लिए एक बेहद यादगार दिन है, जब उनका बेटा पुलिस उपाधीक्षक के रूप में प्रशिक्षण महाविद्यालय से पास आउट हुआ.
स्वप्निल को IAS बनाना चाहते थे पिता
इस दौरान उन्होंने बेटे की कामयाबी पर बेहद खुशी जाहिर की. उन्होंने कहा कि यह पल गौरव महसूस कराने वाला है. लेकिन इस दौरान उन्होंने स्वप्निल की इस कामयाबी पर असंतोष भी जाहिर किया. पिता सुंदर लाल ने कहा कि उनका बेटा सिविल सर्विस की तैयारी कर रहा था. आईएएस बनना चाहता था. लेकिन कड़ी मेहनत के बाद उसने जो भी मुकाम हासिल किया है. उससे वह जनता की सेवा भी कर पाएगा. हालांकि वह चाहते थे कि उनका बेटा उनके पग चिन्हों पर चले और एक आईएएस अधिकारी बने.
स्पोर्ट्स में रुझान
स्वप्निल का यूं तो बचपन से ही अपने पिता की तरह आईएएस बनने का सपना था. लेकिन कड़ी मेहनत के बाद स्वप्निल ने पुलिस में जाने का मन बनाया. स्वप्निल का रुझान स्पोर्ट्स में बेहद ज्यादा था. इस लिहाज से उनके लिए यह जॉब काफी अनुकूल है. बहरहाल स्वप्निल अपनी इस कामयाबी से खुश हैं और भविष्य में बेहतर करने की सोच रखते हैं.
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पौड़ी की हर्षवर्धनी बनीं पुलिस उपाधीक्षक
पौड़ी के पोखरा ब्लॉक के मेल गांव की हर्षवर्धनी पुलिस ट्रेनिंग सेंटर से पास आउट होकर पुलिस उपाधीक्षक बन गई हैं. हर्षवर्धनी कहती हैं कि अपने माता-पिता के सपनों को साकार करने के लिए हमेशा ही प्रयत्नशील रही. पिता शिक्षक हैं और माता भी सरकारी सेवा में है. लिहाजा विभिन्न जगहों पर नियुक्ति के कारण कई बार चुनौतियों का सामना भी करना पड़ा है.
'कई मुश्किलों का सामना किया'
हर्षवर्धनी कहती हैं कि कोविड-19 काल में प्रशिक्षण महाविद्यालय में ट्रेनिंग करना काफी मुश्किल रहा. हालांकि इस दौरान महाविद्यालय की तरफ से सभी जरूरी एहतियात बरते गए. उन्होंने बताया कि बचपन में अपनी नानी के यहां जानवरों के लिए घास भी काटा है.बचपन से ही अपनी पढ़ाई को लेकर फोकस किया है. हर्षवर्धनी ने अपने पहले प्रयास में इस परीक्षा को पास किया. अब वो उत्तराखंड पुलिस में पुलिस उपाधीक्षक के तौर पर नियुक्त होने जा रही हैं.
हर्षवर्धनी की मां रेखा का कहना है कि वे एक सेना के परिवार से आती हैं. उन्होंने हमेशा लगन के साथ काम करने की सीख दी है. उन्हें गर्व है कि उनकी बेटी ने वैसा ही किया. उनकी बेटी ने आज उनका सपना पूरा कर दिया है.