देहरादून: देशभर में केंद्र सरकार द्वारा पारित कृषि विधेयकों का विरोध हो रहा है. तमाम राजनीतिक दल, किसान संगठन सड़कों पर उतर कर इन विधेयकों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. आज विधेयकों के विरोध में विभिन्न किसान संगठनों ने भारत बंद का एलान किया. भारतीय किसान यूनियन (BKU), अखिल भारतीय किसान संघ (AIFU), अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति (AIKSCC), और अखिल भारतीय किसान महासंघ (AIKM) सहित करीब दो दर्जन किसान संगठन इस बंद में शामिल रहे. प्रदर्शनकारी किसानों को कई राजनीतिक दलों का भी साथ मिला है. उत्तराखंड में भी किसानों का कृषि अध्यादेशों का विरोध देखने को मिला. आइये एव नजर डालते हैं प्रदेश भर में किसानों के विरोध प्रदर्शन में कहां क्या कुछ खास रहा.
देहरादून में गांधी पार्क में प्रदर्शन
कृषि बिल को लेकर प्रदेश में भी प्रदर्शन देखने को मिल रहे हैं. इसी क्रम में उत्तराखंड किसान सभा के कार्यकर्ताओं ने महामंत्री गंगाधर नौटियाल के नेतृत्व में गांधी पार्क में जोरदार प्रदर्शन करते हुए कृषि विधेयक के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. प्रदर्शन के दौरान सीपीआईएमएल, सीटू, एसएफआई के कार्यकर्ता भी मौजूद रहे.
इस दौरान गंगाधर नौटियाल ने कहा कि कृषि बिल के खिलाफ किसान सड़कों पर उतर चुके हैं. उन्होंने कहा इन बिलों से किसानों का अहित होने जा रहा है. उन्होंने कहा सरकार देश के खेत मजदूर और किसान को गुलाम बनाने का षड्यंत्र रच रही है. नौटियाल ने कहा अगर मंडियां खत्म हो गई तो किसान को न्यूनतम समर्थन मूल्य कैसे मिलेगा? गंगाधर नौटियाल ने कहा कि इन बिलों से न्यूनतम समर्थन मूल्य की लिखित गारंटी ना होना सरकार की मंशा को जाहिर करता है. संसद में कृषि संबंधी विधेयक को असंवैधानिक तरीके से पारित किया गया . जिसमें राष्ट्रपति को इन विधेयकों को संस्तुति न देकर इन्हे वापस भेजना चाहिए.
रुड़की में किसानों ने किया चक्का जाम
रुड़की में भी किसान मजदूर यूनियन के सैकड़ों किसानों ने नेशनल हाईवे-58 पर विरोध प्रदर्शन करते हुए चक्का जाम किया. प्रदर्शनकारी किसान सड़क के बीचों-बीच बैठ गए. इस दौरान उन्होंने केंद्र सरकार से कृषि बिल को वापस लेने की मांग की. पुलिस के आला अधिकारियों ने प्रदर्शनकारी किसानों को समझाने की काफी कोशिशें की. मगर किसानों ने अपना प्रदर्शन जारी रखा. प्रदर्शनकारी किसानों ने कहा सरकार किसान विरोधी नीतियों पर काम कर रही है.
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विकासनगर में कांग्रेस का प्रदर्शन
विकासनगर पछवा दून में कांग्रेस के जिला अध्यक्ष संजय किशोर के नेतृत्व में विकासनगर के मुख्य बाजार में किसानों ने कृषि विधेयक के खिलाफ रैली निकाली. साथ ही प्रदर्शनकारियों ने केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए पुतल दहन भी किया. इस दौरान कांग्रेस ने केंद्र की मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा इस विधेयक के जरिए सरकार किसानों को पूंजीपतियों के हाथ में बेचने का काम कर रही है.
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रुद्रपुर में गल्ला मंडी पर एकत्रित हुए किसान
रुद्रपुर में किसान बिल को लेकर आज अखिल भारतीय किसान संघ की अहगुवाई में तराई के किसानों ने गल्ला मंडी पर एकत्रित होकर विरोध प्रदर्शन किया. सैकड़ों किसानों ने केंद्र सरकार के खिलाफ हुंकार भरते हुए किसान बिल का विरोध किया. इस दौरान किसानों ने बिल की प्रतिलिपियां भी जलाई. बाद में प्रदर्शनकारियों ने शहर भर में ट्रैक्टरों के माध्यम से घूम कर अपना विरोध दर्ज करवाया.
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प्रदर्शनकारी किसानों ने कहा इस बिल के माध्यम से देश का किसान बड़े बड़े पूंजीपतियों की कठपुतली बन कर रह जायेगा. उन्होंने कहा कि इस विधेयक का जवान से लेकर बुजुर्ग तक विरोध कर रहा है.
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काशीपुर में किसानों ने निकाली रैली
काशीपुर में भी कृषि विधेयकों के विरोध में किसानों का आक्रोश देखने को मिला. किसान बिल के विरोध में किसानों ने केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए नगर में ट्रैक्टर रैली निकाली. वहीं, किसानों ने काशीपुर से रामनगर को जानी वाली सड़क पर धरना प्रदर्शन करते हुए जाम भी लगाया. काशीपुर में भारतीय किसान यूनियन के युवा प्रदेश अध्यक्ष रविंद्र राणा के नेतृत्व में सैकड़ों किसान टांडा उज्जैन में एकत्र हुए. जहां किसानों ने किसान बिल के विरोध में प्रदर्शन करते हुए नगर में ट्रैक्टर और बाइक रैली निकाली.
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जिसके बाद आक्रोशित किसान काशीपुर स्टेडियम पहुंचे. जहां किसानों ने सड़क पर धरना प्रदर्शन करते हुए सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. बाद में किसानों ने एसडीएम को ज्ञापन सौंपकर किसान बिल वापस लिए जाने की सरकार से मांग की है. इस दौरान टांडा तिराहे पर पुलिस से आगे बढ़ने को लेकर किसानों की नोंकझोंक भी हुई.
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अल्मोड़ा में गोविन्द सिंह कुंजवाल ने साधा केंद्र सरकार पर निशाना
अल्मोड़ा में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष व जागेश्वर विधायक गोविन्द सिंह कुंजवाल ने कृषि विधेयक को लेकर केंद्र सरकार को कटघरे में खड़ा किया. उन्होंने कहा केन्द्र सरकार द्वारा लाया गया कृषि विधेयक पूरी तरह से कृषक विरोधी है. अल्मोड़ा में पत्रकारों से बात करते हुए गोविंद सिंह कुंजवाल ने कहा मोदी सरकार देश के किसानों को समाप्त करना चाहती है. अब सीधे पूंजीपति किसानों के उत्पाद खरीदेंगे, जिससे न्यूनतम समर्थन भी किसानों को नहीं मिलेगा. जिसके कारण ही किसान आंदोलित है. उन्होंने कहा भारत मे रिटेल व्यापार एक 'अघोषित मोनोपोली' की ओर बढ़ रहा है. भारत में जनता की सोशल सिक्योरिटी, एनर्जी सिक्योरिटी,जॉब सिक्योरिटी खत्म की जा चुकी है. ये कृषि बिल जनता की 'फूड सिक्योरिटी' और 'राइट टू फूड' को भी खत्म कर देगा.