विकासनगरः किसान नेता राकेश टिकैत पछवादून दौरे पर रहे. जहां उन्होंने किसानों को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने फिर एमएसपी यानी न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर कानून बनाने की मांग को दोहराया.
विकासनगर पहुंचे किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि पहाड़ के किसानों के सामने कई समस्याएं हैं. पहाड़ों पर सबसे बड़ी दिक्कत पानी को लेकर है. यहां 60 फीसदी खेती आसमानी बारिश पर निर्भर है. सरकार को सिंचाई की व्यवस्था करनी चाहिए. पहाड़ों में जो किसान फसलें पैदा करता है, उसको ट्रांसपोर्ट सब्सिडी देनी चाहिए.
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किसानों को सरकार सब्सिडी मुहैया कराएंः उन्होंने कहा कि किसान ऑफ सीजन में भी फसलें पैदा करता है. मार्केट में रेट भी अच्छा मिल जाता है, लेकिन रेट से ज्यादा खर्चा भी आता है. ऐसे में सरकार को सब्सिडी देनी चाहिए. जिससे यहां के किसानों का पलायन रूकेगा. अगर खेती नहीं होगी तो किसान पलायन करने को मजबूर होगा. सरकार को किसानों के हित पर ध्यान देनी चाहिए.
विलेज टूरिज्म पॉलिसी पर काम करे सरकारः राकेश टिकैत ने कहा कि विलेज टूरिज्म पॉलिसी (Village Tourism Policy) पर भी सरकार को काम करना चाहिए. जिससे आमदनी अच्छी होगी और किसानों को भी लाभ मिलेगा. किसान आंदोलन के बाद केंद्र और राज्य सरकार जागी है. अब प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री किसी भी राज्य में जाते हैं तो किसान और मजदूरों का नाम लेते हैं.
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एमएसपी पर कानून बहुत जरूरीः किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा एमएसपी (Minimum Support Price) पर सरकार ने कमेटी बनाने की बात कही है. एमएसपी पर गारंटी कानून देश में बनना चाहिए. जो सस्ते में किसानों की फसलें खरीदते हैं, उन बिचौलियों से एमएसपी के जरिए किसानों को निजात मिलेगी. जिसको भी व्यापार करना होगा, वो एमएसपी के नीचे नहीं खरीद सकेगा. ऐसे में एमएसपी पर कानून बनना चाहिए.
क्या है एमसएपी? एमएसपी यानी न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) एक तरह से किसानों के फसल की मूल्य की गारंटी है. सरकार की ओर से किसानों को कुछ फसलों पर दाम की गारंटी दी जाती है, जिसे एमएसपी कहा जाता है. बाजार में फसल के दाम भले ही कितने ही कम क्यों न हो, सरकार उसे किसानों से तय एमएसपी पर खरीदेगी. सरकार जिन फसलों को लेकर एमएसपी तय कर देती है, उन फसलों को वो एक निर्धारित रेट पर ही खरीदती है. इससे किसानों को नुकसान होने की कम संभावना होती है.