देहरादून: उत्तराखंड में बढ़े रहे कोरोना संक्रमण के मामलों ने एक बार फिर प्रदेश को 2020 के जैसे हालात में लौटने को मजबूर कर दिया हैं. सार्वजनिक वाहनों में एक बार फिर से किराया बढ़ाए जाने पर विचार किया जा रहा है. यानी की आम जनता को सफर करना महंगा पड़ेगा. पढ़ें- हरिद्वार में कोरोना से संत की मौत, शासन और मेला प्रशासन के दावों की खुली पोल
दरअसल, कोरोना की रफ्तार पर लगाम लगाने के लिए उत्तराखंड सरकार ने पहले की तरह सख्त कदम उठाने शुरू कर दिए हैं. पिछले साल की तरह हालात न बनें इसका भी सरकार ध्यान रख रही है. उत्तराखंड सरकार ने कोरोना की रोकथाम और बचाव को लेकर जो नई गाइडलाइन जारी की है. उसके अनुसार सार्वजनिक वाहनों में क्षमता के मुताबिक सिर्फ 50 प्रतिशत यात्री बैठाने के लिए ही कहा गया है. पिछले साल भी ऐसा ही किया गया था. जिसका भार आम आदमी पर पड़ा था. यात्री उत्तराखंड परिवहन निगम के साथ अन्य सभी वाहन स्वामियों ने किराया बढ़ा दिया. उसी तरह की स्थिति इस बार भी बन रही है.
हालांकि इस बार सरकार ने वाहनों में क्षमता के मुताबिक सिर्फ 50 प्रतिशत यात्री बैठाने के आदेश तो जारी किए हैं. लेकिन अभीतक किराए बढ़ाने को लेकर कोई आदेश जारी नहीं किया गया है. जिसका ट्रांसपोर्टर विरोध कर रहे हैं. उन्होंने वाहनों के संचालन बंद करने तक की चेतावनी दी है.