देहरादून: करीब दो साल बाद रक्षाबंधन (Raksha bandhan 2022) के त्योहार पर बाजारों में रौनक लौटी है. बाजार पहले की तरह गुलजार नजर आ रहा (dehradun market for Raksha bandhan 2022) हैं. दुकानों पर एक से बढ़कर एक आकर्षक राखियां सजी हुई हैं. बाजार में स्वदेशी राखियां चाइनीज राखियों को टक्कर दे रही है. हालांकि, रक्षाबंधन के त्योहार पर महंगाई की मार भी पड़ी है. राखियों समेत अन्य गिफ्ट आइटमों में करीब 25 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.
रक्षाबंधन का त्योहार 11 अगस्त को मनाया जाएगा. इसीलिए आजकल बाजारों में आम दिनों से ज्यादा भीड़ दिख रही है, लेकिन इस बार बाजार में जो खास देखने को मिल रहा है, वो है कि हैंड मेड और स्वदेशी राखियों की डिमांड. एक समय था जब भारी भरकम राखियां चलन में थी, लेकिन ऐसी राखियां इस बार बाजार से गायब (demand for chinese rakhis is low) हैं. बाजार में इस बार एक से बढ़कर एक देसी राखियां नई-नई वैरायटी में उपलब्ध है, जिसे लोग काफी पसंद कर रहे है. हालांकि, रक्षाबंधन पर बच्चों को दिए जाने वाले गिफ्ट और राखियों में चाइनीज माल का बोलबाला है.
बाजार में इस बार बहनें सबसे ज्यादा भैया-भाभी पेयर, टेडी किड्स राखी, लुंबा राखी, स्टोन डोरी, एंटीक पैंडल्स, पूजा राखी और मेटर गोटा राखी को काफी पसंद कर रही है. इन राखियों के दाम भी 250 से 300 रुपए तक हैं. वैसे बाजार में 10 रुपए से लेकर 500 रुपए तक की राखियां मौजूद है.
भैया-भाभी पेयर: देहरादून के पलटन बाजार में पिछले कई सालों से राखियां बेच रहे अनमोल बताते हैं कि इस बार रक्षाबंधन के त्योहार में लोगों के अंदर खासा उत्साह देखने को मिल रहा है. पिछले दो सालों से कोरोना के कारण व्यापार काफी मंदा था. इस बार 'भैया-भाभी पेयर' राखी की बाजार में काफी डिमांड है.
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कलकत्ता की राखियों का क्रेज: अनमोल बताते हैं कि इस बार वेस्टन लुक में राखियां ज्यादा पसंद की जा रही है. अनमोल के मुताबिक, इस बार कलकत्ता की ज्यादा रेंज बिकी है. रक्षाबंधन पर उत्तराखंड में अधिकांश माल गुजरात और पश्चिम बंगाल से आता है. इस बार बाजार में फ्लावर्स बेस, मेंटल बेस डिजाइनर राखियां, राधा कृष्ण पेयर, लड्डू गोपाल जी, कांजी पुरम गोल्ड प्लेटेट, जरकन और कुंदन की राखियां भी मौजूद हैं. वहीं, महंगाई को लेकर अनमोल का मानना है कि पिछले साल के मुकालबे इस बार राखियां समेत अन्य आइटम करीब 25 फीसदी तक महंगे हुए हैं.
ऑनलाइन कारोबार की वजह से 20 फीसदी काम कम: व्यापारी बताते हैं कि ऑनलाइन कारोबार की वजह से उनके काम पर 20 फीसदी से ज्यादा फर्क पड़ा है. जिन बहनों के भाई किसी दूसरे शहर या प्रदेश में रहते हैं, वहां पर बहने ऑनलाइन माध्यन से ही राखियां भेज रही है. ऑनलाइन कारोबार तेजी से बढ़ा भी है.