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उत्तराखंड में मेडिसिन कंपनियों का 'खेल', कहीं सेहत न बिगाड़ दे ये दवाएं!

रुड़की में मेडिकल के 5 गोदामों में छापेमारी मामले में एसटीएफ ने बड़ा खुलासा किया है. जांच में पता चला है कि असली दवा कंपनियां एक्सपायरी और रिजेक्ट कच्चे माल को इन नकली दवाओं के गिरोहों को बेच रही हैं और मोटा मुनाफा कमा रहीं हैं. ऐसे में ड्रग कंट्रोलर की कार्यप्रणाली भी सवालों को घेरे में आ गई है.

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Published : Jul 4, 2022, 9:03 PM IST

Updated : Jul 8, 2022, 5:33 PM IST

उत्तराखंड: 30 जून को रुड़की में एसटीएफ ने 5 गोदामों में बड़ी मात्रा में नकली दवाओं के टैबलेट, एक्सपायरी सिरप और नकली कच्चा माल बरामद किया था. इस मामले में जांच के बाद बड़ा खुलासा हुआ है. जांच में पता चला कि एक्सपायरी और रिजेक्ट कच्चे माल की खेप असली दवा कम्पनियां स्क्रैप के रूप में बेच चांदी काट रहीं हैं, जबकि नियमानुसार असली दवा कंपनियों को अपना रिजेक्टेड और एक्सपायरी वाला कच्चा माल नष्ट करना होता है. लेकिन ड्रग कंट्रोलर इस पर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं.

ईटीवी भारत को मिली जानकारी के मुताबिक देश के नामी-गिरामी कंपनियां जो रुड़की, भगवानपुर, कोटद्वार और हरिद्वार सिडकुल से संचालित हो रही हैं. वही, कंपनियां नकली दवा गिरोह को एक्सपायरी एवं रिजेक्ट माल को स्क्रैप के रूप में बेचकर नियमों का खुलेआम उल्लंघन कर रहीं हैं.

उत्तराखंड में मेडिसिन कंपनियों का 'खेल'.

उत्तराखंड STF एसएसपी अजय सिंह ने कहा कि ड्रग्स कंट्रोलर विभाग को इस तरह से नियमों को ताक पर रखकर स्क्रैप के रूप में एक्सपायरी और रिजेक्ट कच्चा माल बेचने वाले दवा कंपनियों के खिलाफ लाइसेंस निरस्त जैसी कड़ी कार्रवाई करनी होगी, ताकि जानलेवा नकली दवाओं को बाजार में आने से रोका जा सके.
पढ़ें- उत्तराखंड STF और ड्रग्स विभाग की छापेमारी, ब्रांडेड कंपनी के नाम पर मेडिकल स्टोरों पर बेची जा रही नकली दवा

इन कंपनियों के नाम पर बिक रही दवाईयां: जांच में पता चला है कि Zinsyp-apple formulation pvt ltd,no-208, kishanpur roorkee और cipla cheating cold han international,plot no-54-55,sec 6a sivil haridwar ये दो कंपनियां हैं, जिनके नाम पर नकली दवाइयां बाजार में बिक रही हैं.

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कहीं सेहत न बिगाड़ दे ये दवाएं!

STF एसएसपी की माने तो उनकी टीम ने पहले भगवानपुर में नकली बनाने वाली दवा फैक्ट्री का भंडाफोड़ कर कई आरोपियों को गिरफ्तार किया गया. फिर 2 दिन पहले ही रुड़की के गंगनहर इलाके में 5 मेडिकल गोदामों में भारी संख्या में नकली दवाओं और कई तरह की एक्सपायरी मेडिसन सिरप छापेमारी में बरामद किया. इन दोनों ही नकली दवाओं के गोरखधंधे में असली दवा कंपनियों की मिलीभगत सामने आ रही हैं. उसके बावजूद ड्रग कंट्रोलर इस पर किसी तरह की प्रभावी कार्रवाई करने से बच रहे हैं.

STF एसएसपी अजय सिंह के मुताबिक भले ही आईपीएस की धाराओं में उन्होंने दोनों ही नकली दवा बनाने वाली गिरोहों पर मुकदमा दर्ज कानूनी शिकंजा कसा हो, लेकिन ठोस कार्रवाई स्वास्थ्य विभाग और ड्रग कंट्रोल द्वारा असली कंपनियों और अन्य लोगों पर होनी चाहिए, ताकि जिंदगी और मौत से जूझ रहे लोगों को नकली दवाओं से बचाया जा सके.

बता दें, उत्तराखंड में नकली दवाओं के एक के बाद एक गोरखधंधे का पर्दाफाश होने से ड्रग कंट्रोलर की भूमिका पर भी लगातार सवाल उठ रहे हैं. मामला बीते 30 जून 2022 को रुड़की के गंगनहर इलाके का है, जहां एसटीएफ ने 5 गोदामों में बड़ी मात्रा में नकली दवाओं के टैबलेट, एक्सपायरी सिरप और नकली कच्चा माल बरामद किया था. साथ ही कई लोगों को गिरफ्तार भी किया था.

क्या बोले ड्रग कंट्रोलर: पूरे मामले को लेकर ईटीवी भारत ने उत्तराखंड ड्रग कंट्रोलर ताजवर सिंह से बातचीत की, तो उन्होंने बताया कि ऐसा नहीं है कि विभाग अपनी तरफ से कार्रवाई नहीं कर रहा है. बीते महीनों का अगर आप रिकॉर्ड उठाकर देखेंगे तो आपको पता लगेगा कि कम संसाधनों में कैसे ड्रग इंस्पेक्टरों ने रुड़की, कोटद्वार, हरिद्वार और अन्य जगहों पर बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है. रुड़की वाले मामले में भी विभाग ने पहले से ही सील लगाई हुई थी. इस पूरे मामले की जांच ड्रग विभाग अपने स्तर पर करवा रहा है.

ताजवर सिंह का कहना है कि हमारा विभाग बेहद छोटा विभाग. 13 जिलों में मात्र 6 इंस्पेक्टर है, जिसमें तीन सीनियर स्पेक्टर है ऐसे में इतनी कार्रवाई करना भी कोई कम बात नहीं है. हम शासन से लगातार प्रयास कर रहे हैं कि संसाधनों को बढ़ाया जाए, ताकि इस तरह की कार्रवाई और तेजी से की जाए. उन्होंने कहा कि हम उम्मीद दिलाते हैं कि आने वाले समय में छोटी मोटी जगहों पर भी अगर इस तरह की कोई गतिविधियां मिलती है, तो तुरंत कार्रवाई की जाएगाी. उन्होंने कहा कि एसटीएफ के साथ मिल कर ही इस तरह की कार्रवाई को अंजाम दिया जाता है. फिलहाल इस पूरे मामले की जांच चल रही है.

उत्तराखंड: 30 जून को रुड़की में एसटीएफ ने 5 गोदामों में बड़ी मात्रा में नकली दवाओं के टैबलेट, एक्सपायरी सिरप और नकली कच्चा माल बरामद किया था. इस मामले में जांच के बाद बड़ा खुलासा हुआ है. जांच में पता चला कि एक्सपायरी और रिजेक्ट कच्चे माल की खेप असली दवा कम्पनियां स्क्रैप के रूप में बेच चांदी काट रहीं हैं, जबकि नियमानुसार असली दवा कंपनियों को अपना रिजेक्टेड और एक्सपायरी वाला कच्चा माल नष्ट करना होता है. लेकिन ड्रग कंट्रोलर इस पर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं.

ईटीवी भारत को मिली जानकारी के मुताबिक देश के नामी-गिरामी कंपनियां जो रुड़की, भगवानपुर, कोटद्वार और हरिद्वार सिडकुल से संचालित हो रही हैं. वही, कंपनियां नकली दवा गिरोह को एक्सपायरी एवं रिजेक्ट माल को स्क्रैप के रूप में बेचकर नियमों का खुलेआम उल्लंघन कर रहीं हैं.

उत्तराखंड में मेडिसिन कंपनियों का 'खेल'.

उत्तराखंड STF एसएसपी अजय सिंह ने कहा कि ड्रग्स कंट्रोलर विभाग को इस तरह से नियमों को ताक पर रखकर स्क्रैप के रूप में एक्सपायरी और रिजेक्ट कच्चा माल बेचने वाले दवा कंपनियों के खिलाफ लाइसेंस निरस्त जैसी कड़ी कार्रवाई करनी होगी, ताकि जानलेवा नकली दवाओं को बाजार में आने से रोका जा सके.
पढ़ें- उत्तराखंड STF और ड्रग्स विभाग की छापेमारी, ब्रांडेड कंपनी के नाम पर मेडिकल स्टोरों पर बेची जा रही नकली दवा

इन कंपनियों के नाम पर बिक रही दवाईयां: जांच में पता चला है कि Zinsyp-apple formulation pvt ltd,no-208, kishanpur roorkee और cipla cheating cold han international,plot no-54-55,sec 6a sivil haridwar ये दो कंपनियां हैं, जिनके नाम पर नकली दवाइयां बाजार में बिक रही हैं.

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कहीं सेहत न बिगाड़ दे ये दवाएं!

STF एसएसपी की माने तो उनकी टीम ने पहले भगवानपुर में नकली बनाने वाली दवा फैक्ट्री का भंडाफोड़ कर कई आरोपियों को गिरफ्तार किया गया. फिर 2 दिन पहले ही रुड़की के गंगनहर इलाके में 5 मेडिकल गोदामों में भारी संख्या में नकली दवाओं और कई तरह की एक्सपायरी मेडिसन सिरप छापेमारी में बरामद किया. इन दोनों ही नकली दवाओं के गोरखधंधे में असली दवा कंपनियों की मिलीभगत सामने आ रही हैं. उसके बावजूद ड्रग कंट्रोलर इस पर किसी तरह की प्रभावी कार्रवाई करने से बच रहे हैं.

STF एसएसपी अजय सिंह के मुताबिक भले ही आईपीएस की धाराओं में उन्होंने दोनों ही नकली दवा बनाने वाली गिरोहों पर मुकदमा दर्ज कानूनी शिकंजा कसा हो, लेकिन ठोस कार्रवाई स्वास्थ्य विभाग और ड्रग कंट्रोल द्वारा असली कंपनियों और अन्य लोगों पर होनी चाहिए, ताकि जिंदगी और मौत से जूझ रहे लोगों को नकली दवाओं से बचाया जा सके.

बता दें, उत्तराखंड में नकली दवाओं के एक के बाद एक गोरखधंधे का पर्दाफाश होने से ड्रग कंट्रोलर की भूमिका पर भी लगातार सवाल उठ रहे हैं. मामला बीते 30 जून 2022 को रुड़की के गंगनहर इलाके का है, जहां एसटीएफ ने 5 गोदामों में बड़ी मात्रा में नकली दवाओं के टैबलेट, एक्सपायरी सिरप और नकली कच्चा माल बरामद किया था. साथ ही कई लोगों को गिरफ्तार भी किया था.

क्या बोले ड्रग कंट्रोलर: पूरे मामले को लेकर ईटीवी भारत ने उत्तराखंड ड्रग कंट्रोलर ताजवर सिंह से बातचीत की, तो उन्होंने बताया कि ऐसा नहीं है कि विभाग अपनी तरफ से कार्रवाई नहीं कर रहा है. बीते महीनों का अगर आप रिकॉर्ड उठाकर देखेंगे तो आपको पता लगेगा कि कम संसाधनों में कैसे ड्रग इंस्पेक्टरों ने रुड़की, कोटद्वार, हरिद्वार और अन्य जगहों पर बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है. रुड़की वाले मामले में भी विभाग ने पहले से ही सील लगाई हुई थी. इस पूरे मामले की जांच ड्रग विभाग अपने स्तर पर करवा रहा है.

ताजवर सिंह का कहना है कि हमारा विभाग बेहद छोटा विभाग. 13 जिलों में मात्र 6 इंस्पेक्टर है, जिसमें तीन सीनियर स्पेक्टर है ऐसे में इतनी कार्रवाई करना भी कोई कम बात नहीं है. हम शासन से लगातार प्रयास कर रहे हैं कि संसाधनों को बढ़ाया जाए, ताकि इस तरह की कार्रवाई और तेजी से की जाए. उन्होंने कहा कि हम उम्मीद दिलाते हैं कि आने वाले समय में छोटी मोटी जगहों पर भी अगर इस तरह की कोई गतिविधियां मिलती है, तो तुरंत कार्रवाई की जाएगाी. उन्होंने कहा कि एसटीएफ के साथ मिल कर ही इस तरह की कार्रवाई को अंजाम दिया जाता है. फिलहाल इस पूरे मामले की जांच चल रही है.

Last Updated : Jul 8, 2022, 5:33 PM IST
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