देहरादून: चकराता क्षेत्र के त्यूणी में पिछले दिनों हुई दर्दनाक दुर्घटना पर डीआईजी फायर निवेदिता कुकरेती की जांच जारी है. हालांकि जांच के दौरान कुछ ऐसे तथ्य भी सामने आए हैं जिसके बाद लोगों में जागरूकता की कमी के कारण दुर्घटना के भयावह होने की बात सामने आई है. बता दें कि त्यूणी के एक दो मंजिला घर में आग लगने के बाद 4 बच्चों की जलने से मौत हो गई थी.
जांच में सामने आए ये तथ्य: चकराता विधानसभा क्षेत्र के त्यूणी में एक घर के आग की चपेट में आने के बाद 4 बच्चों की मौत को लेकर फिलहाल जांच जारी है. जहां दो मंजिला लकड़ी के घर पर अचानक आग लगने के बाद चार बच्चे घर के अंदर ही फंस गए थे. जिसके बाद आग में झुलस कर बच्चों की मौत हो गई थी. मामले की गंभीरता को समझते हुए फॉरन डीआईजी फायर निवेदिता कुकरेती को जांच अधिकारी बनाया गया. जांच के दौरान कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं. जिसमें पाया गया है कि यह घर बेहद पुराना था और इसमें अधिकतर हिस्सों में लकड़ी का उपयोग किया गया था.
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दरवाजे पर रखे थे गैस सिलेंडर: यही नहीं घर से व्यवसायिक कार्य भी किया जा रहा था. इतना ही नहीं इसमें करीब 9 परिवार भी रह रहे थे. बड़ी बात यह है कि इन परिवारों के पास करीब 15 गैस सिलेंडर थे. जिसमें से करीब 5 गैस सिलेंडर दुर्घटना के दौरान फट गए. दुर्घटना के पीछे गैस से एलपीजी गैस के रिसाव को वजह माना जा रहा है. बताया जा रहा है कि जिस दौरान यह घटना हुई उस दौरान बच्चे कमरे के अंदर मौजूद थे और गैस का सिलेंडर दरवाजे पर था, जो अचानक फट गया. जिसके कारण यह बच्चे इस दरवाजे से बाहर नहीं आ सके. इतना ही नहीं इस घर में कई ज्वलनशील पदार्थ भी मौजूद थे.जिसके कारण आग ने जल्द विकराल रूप ले लिया.
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सामने आई थी पानी की कमी: जांच में यह भी पाया गया कि जिस दौरान घटना भी उसके बाद अग्निशमन गाड़ी भी मौके पर पहुंची थी. लेकिन आज बेहद भयंकर थी और जितना पानी गाड़ी में मौजूद था उससे आग नहीं बुझ सकी. जबकि पास में ही मौजूद नदी से भी इस गाड़ी में पानी नहीं भरा जा सकता था. क्योंकि इसमें मौजूद पाइप की लंबाई इतनी नहीं थी. जिससे नदी से पानी भरा जा सके. डीआईजी फायर निवेदिता कुकरेती कहती है कि फिलहाल जांच जारी है. लेकिन अधिकतर पहलुओं पर जांच पूरी हो चुकी है और जल्द ही यह रिपोर्ट सबमिट कर ली जाएगी.