देहरादून: उत्तराखंड में स्थानांतरण अधिनियम (Uttarakhand Transfer Act) की धारा 19 के तहत दुर्गम सेवा को लेकर दी गई समय सीमा को विस्तारित किया गया है. शासन द्वारा जारी किए गए निर्देशों के क्रम में अब राज्य में स्थानांतरण अधिनियम के तहत धारा 19(2) में उल्लेखित संक्रमण काल की अवधि को 2 साल के लिए बढ़ाया गया है.
उत्तराखंड में स्थानांतरण नीति के तहत पदोन्नति पाने वाले कर्मियों के लिए अपने सेवाकाल के आधे समय को दुर्गम क्षेत्र में बिताना आवश्यक है. स्थानांतरण अधिनियम 2017 की धारा 19(2) के तहत अधिनियम के लागू होने की तिथि से 30 जून 2020 तक की अवधि को संक्रमण काल की अवधि मानकर पदोन्नति की स्थिति में कर्मचारी अधिकारी को आधा भाग दुर्गम स्थान पर वितरित करना अनिवार्य है और ऐसा नहीं करने पर पदोन्नति पर तभी विचार किया जाता है, जब वह लिखित रूप से अपने सेवाकाल के बाकी समय में अनिवार्य रूप से दुर्गम स्थान पर तैनाती की शर्त को पूरा करने का बंध पत्र दें.
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हालांकि पूर्व में इस समय अवधि को बढ़ाकर 30 जून 2022 किया गया था, लेकिन अब एक बार फिर शासन की तरफ से आदेश जारी करते हुए इस समय अवधि को 2 साल बढ़ाते हुए 30 जून 2024 विस्तारित किया गया है. आदेश में कहा गया है कि स्थानांतरण अधिनियम लागू होने के बाद विभिन्न कारणों के चलते अभी तक स्थानांतरण अधिनियम के प्रावधान के अनुसार सभी स्थानांतरण नहीं किए जा सके हैं. जिसके कारण कर्मचारियों द्वारा दुर्गम क्षेत्र में अपनी सेवाएं नहीं दी जा सकी है, लिहाजा उक्त समयावधि को विस्तारित किए जाने का विचार किए जाने के बाद 2 साल की समय सीमा बढ़ाई गई है.