देहरादून: उत्तराखंड सरकार प्रदेश की गर्भवती महिलाओं के लिए और महिलाओं के प्रसव के बाद पोषण आहार उपलब्ध कराने जैसी तमाम सुविधाएं दिए जाने को लेकर कई योजनाएं संचालित कर ही है. इसी क्रम में महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग की ओर से मुख्यमंत्री महालक्ष्मी किट योजना संचालित की जा रही है. इस योजना के तहत लड़की पैदा होने पर राज्य सरकार जच्चा को एक किट उपलब्ध कराती है लेकिन इस किट में न सिर्फ एक्सपायर हो चुकी चीज़े मौजूद है बल्कि किट पर अभी भी पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत की फोटो चस्पा है. ऐसे में विभाग की ओर से चलाई जा रही मुख्यमंत्री महालक्ष्मी किट योजना पर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं, आखिर क्या है वास्तविक स्तिथि? आप भी जानिए...
उत्तराखंड सरकार प्रदेश की जनता की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए तमाम योजनाएं तो संचालित कर रही है लेकिन इन योजनाओं का लाभ धरातल पर आम जनता को कितना मिल पा रहा है ? ये बात किसी से छुपी नहीं है. शासन स्तर पर कई बड़ी योजनाएं तो तैयार की जाती हैं लेकिन आम जनता को उन योजनाओं का लाभ उठाने के लिए न सिर्फ दफ्तरों के चक्कर काटने पड़ते हैं, बल्कि जरूरतमंद के बजाए कोई और इसका लाभ उठाता है. इसी तरह महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग की ओर से संचालित मुख्यमंत्री महालक्ष्मी किट योजना की स्थिति भी कुछ इसी तरह की है. इस योजना कि शुरुआत तो सरकार ने कर दी लेकिन इस योजना का उचित लाभ महिलाओं को नहीं मिल पा रहा है.
दरअसल, महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग की ओर से प्रसूता को मुख्यमंत्री महालक्ष्मी किट योजना के तहत किट उपलब्ध कराती है, जिसमे जच्चा और बच्चा के लिए तमाम तरह के सामान उपलब्ध कराए जाते हैं. किट में बच्चे के लिए साबुन, मालिश तेल, पाउडर के साथ ही कपड़े और कंबल दिए जाते है. इसके साथ ही जच्चा के लिए ड्रायफ्रूट्स (मेवा), साबुन, कपड़े धोने का साबुन, सरसों का तेल, शल, तौलिया और कंबल दिए जाते है लेकिन इस किट में दिए जा रहे लगभग सामान एक्सपायर हो चुके है. हालांकि, इनमें एक्सपायर होने वाले सामान, एक दो महीने नहीं बल्कि 6-6 महीने पहले ही एक्सपायर हो चुके है.
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किट में अभी भी मुख्यमंत्री बने हुए है तीरथ सिंह रावत: प्रसूता लाभार्थियों को दी जा रही महालक्ष्मी किट करीब डेढ़ साल पुरानी है. यही वजह है कि ना सिर्फ किट में मौजूद सामान एक्सपायर हो गए हैं, बल्कि अभी भी किट में बतौर मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत का फोटो चस्पा है. तो वहीं, वर्तमान कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य किट में बतौर राज्यमंत्री दर्शाई गई हैं. ऐसे में सवाल ही खड़ा होता है कि अगर चीजें एक्सपायर हो गई तो उन चीजों को बदलना चाहिए था. हालांकि, फोटो किसी का भी हो उससे फर्क नहीं पड़ता लेकिन फर्क इससे पड़ता है कि अगर लाभार्थी एक्सपायर चीजों का इस्तेमाल करेंगी, तो उससे उसके सेहत पर सीधा असर पड़ेगा.
कुछ महीने पहले प्राप्त हुआ है किट: इस मामले को लेकर जब ईटीवी भारत की टीम ने संबंधित आगनबाड़ी केंद्र में मौजूद कार्यकर्ता से बातचीत की कार्यकर्ता ने फोन पर बताया कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है, क्योंकि जो किट उनके पास आती है. उसे लाभार्थी तक पहुंचा दिया जाता है. साथ ही बताया कि यह किट अभी कुछ महीने पहले ही उसे प्राप्त हुआ है, लिहाजा जिन गर्भवती महिलाओं को लड़की पैदा हो रही है, उन्हें दिया जाता है.
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महिलाओं को उपहार दिए जाने को लेकर योजना की हुई शुरुआत: इस पूरे मामले पर महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्य ने कहा कि मुख्यमंत्री महालक्ष्मी किट योजना गर्भवती महिलाओं के प्रसव के बाद जिन महिलाओं को बेटी पैदा होती है, उनको दी जाती है. लिहाजा जच्चा और बच्चा के जरूरत के सामान दिए जाने के लिए ही महालक्ष्मी किट योजना की शुरुआत की गई थी. हालांकि, जो महिलाएं इस तरह के संसाधन नहीं जुटा पाती हैं उनके लिए एक उपहार के रूप में इस योजना की शुरूआत की गई थी.
मंत्री रेखा आर्य को नहीं पता कब शुरू हुई योजना: मंत्री रेखा आर्य ने कहा कि यह मामला उनके संज्ञान में नहीं आया है लेकिन शायद इस योजना की शुरुआत मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में हुई है. हालांकि, ये भी हो सकता है कि इस योजना की शुरुआत तत्कालीन मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के कार्यकाल में भी हुई हो लेकिन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के समय के हिसाब से प्रसव के बाद मां-बेटी को किट देने का काम कर रही हैं. लेकिन अगर ऐसी कोई त्रुटि कही हुई है तो इसका परीक्षण कराया जाएगा. साथ ही कहा कि अगर कोई सामान एक्सपायर होते हैं, तो उन्हें रिप्लेस भी किया जाता है.
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तत्कालिक सीएम तीरथ सिंह रावत ने शुरू की योजना: मुख्यमंत्री महालक्ष्मी किट योजना शुरू करने की प्लानिंग साल 2021 में तत्कालीन मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के कार्यकाल में हुई थी। तत्कालीन मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत की कैबिनेट में मुख्यमंत्री महालक्ष्मी की योजना शुरुआत करने पर मुहर लगी थी। जिसके बाद 30 जून 2021 को मुख्यमंत्री महालक्ष्मी की योजना की शुरुआत होनी थी लेकिन उस दौरान राजनीतिक उठापटक के चलते इस योजना की शुरुआत नहीं हो पाई. 2 जुलाई, 2021 को तत्कालीन मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को इस्तीफा देना पड़ा. उसके बाद मुख्यमंत्री बने पुष्कर सिंह धामी ने 17 जुलाई, 2021 को मुख्यमंत्री महालक्ष्मी किट योजना की शुरुआत की थी. हालांकिस इस बात को डेढ़ साल से अधिक का वक्त बीत गया है. बावजूद इसके अभी भी लाभार्थियों को तत्कालीन मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के फोटो लगे किट को ही वितरित किया जा रहा है.