देहरादून: उत्तराखंड राज्य की सुंदर संरचना के चलते प्रदेश के पर्यटन सेक्टर में अपार संभावनाएं हैं. यही वजह है कि राज्य सरकार पर्यटन के क्षेत्र में विशेष ध्यान दे रही है. पर्यटन के जरिए प्रदेश के युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के साथ ही प्रदेश की आर्थिकी को बढ़ाया जा सकता है. लिहाजा डेस्टिनेशन उत्तराखंड, ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के जरिए सरकार प्रदेश के पर्यटन सेक्टर में भी निवेशकों को बढ़-चढ़कर निवेश करने के लिए आमंत्रित किया गया है. इस समिट के जरिए पर्यटन सेक्टर में अच्छा निवेश आता दिख रहा है.
पर्यटन सेक्टर में हुए 33 हजार करोड़ के एमओयू: आज उत्तराखंड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का दूसरा दिन है. अब तक पर्यटन सेक्टर में करीब 33 हजार करोड़ रुपए के 122 एमओयू पर साइन किए गए हैं. ईटीवी भारत से एक्सक्लूसिव बातचीत करते हुए पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि निवेशकों का अच्छा रुझान देखने को मिल रहा है. अभी तक पर्यटन के क्षेत्र में 122 कंपनियों ने करीब 33 हजार करोड़ रुपए के प्रस्तावों पर एमओयू साइन किए हैं. उम्मीद है कि यह आंकड़ा और अधिक बढ़ेगा. साथ ही कहा कि सेक्टोरल सेशन के दौरान सरकार ने निवेशकों के सामने अपने विचार रखे हैं कि पर्यटन के क्षेत्र में क्या क्या डेवलप किए जाएगा. महाराज ने कहा कि एनिमल किंगडम, स्टार्गेजिंग के साथ ही केदारनाथ और बदरीनाथ धाम की जानकारी दी गई है.
वेडिंग डेस्टिनेशन को लेकर सतपाल महाराज उत्साहित: इसके अलावा, निवेशकों को जानकारी दी गई है कि इस चारधाम यात्रा के दौरान 56 लाख श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचे हैं. ऐसे में पर्यटन के क्षेत्र में कितनी संभावनाएं प्रदेश में छिपी हुई हैं. साथ ही कहा कि वेडिंग डेस्टिनेशन के क्षेत्र में भी अपर संभावनाएं हैं. त्रिजुगी नारायण मंदिर में भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह उत्तराखंड में ही हुआ था. इसके साथ ही नरेंद्रनगर, रामनगर, ऋषिकेश और हरिद्वार समेत तमाम क्षेत्रों में भी वेडिंग डेस्टिनेशन की अपर संभावनाएं हैं, जिसका लोगों को फायदा होगा.
सतपाल महाराज ने पर्यटन बढ़ाने के उपाय बताए: पर्यटन मंत्री ने कहा कि सिविल एविएशन के क्षेत्र में नए इंटरनेशनल एयरपोर्ट और हेलीपेड्स बनाए जायेंगे. पूरे उत्तराखंड के अंदर हेलीपैड की कनेक्टिविटी होनी चाहिए, उसके लिए कैबिनेट मीटिंग में प्रस्ताव पास किए गए हैं. लिहाजा, हेलीपैड बनेंगे जिससे कनेक्टिविटी बढ़ेगी. इसके अलावा रेल कनेक्टिविटी को लेकर भी बड़े काम हुए हैं. वर्तमान समय में ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन लगभग बनकर तैयार हो गया है. ऐसे में जब पहाड़ पर रेल चढ़ेगी तो पर्यटन भी बढ़ेगा.
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