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आबकारी विभाग के अफसरों को दो टूक चेतावनी, नकली शराब के सामने आए मामले तो होगी कार्रवाई

Excise Commissioner instructions to officers उत्तराखंड में आबकारी विभाग इन दिनों चर्चाओं में है. न केवल नकली शराब और अवैध रूप से शराब बेचे जाने के मामले को लेकर विभाग की जमकर किरकिरी हो रही है बल्कि विभाग में हो रही कार्रवाई पर भी विभाग सबकी निगाहों में है. इसी कड़ी में अब आयुक्त द्वारा विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों को चेतावनी भरे लहजे में दो टूक निर्देश जारी किए गए हैं.

Excise Commissioner's instructions to officers
आबकारी विभाग
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Nov 23, 2023, 8:31 PM IST

Updated : Nov 23, 2023, 9:23 PM IST

देहरादूनः उत्तराखंड में शराब के ओवर रेटिंग के मामले तो अक्सर आबकारी विभाग में सुनाई देते रहे हैं. लेकिन इसके बावजूद कभी भी विभाग के अधिकारी मामले पर सक्रिय होते हुए नहीं दिखाई दिए. लेकिन इस बार देहरादून और हरिद्वार जिले में अवैध शराब के कुछ मामले सामने आने के बाद विभाग में हड़कंप मचा हुआ है. बड़ी बात ये है कि आबकारी विभाग में इन मामलों के सामने आने के बाद देहरादून के जिला आबकारी अधिकारी को हटाने की भी कार्रवाई हो चुकी है. यही नहीं, हरिद्वार के जिला आबकारी अधिकारी पवन कुमार भी अब कार्रवाई की जद में हैं. इस सबके बीच आबकारी विभाग के आयुक्त हरिश्चंद्र सेमवाल ने एक और निर्देश अफसरों को जारी करते हुए अवैध शराब पर अल्टीमेटम दे दिया है.

दरअसल, आबकारी आयुक्त हरिश्चंद्र सेमवाल ने राज्य में अवैध और नकली शराब के विरुद्ध प्रभावी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. जारी किए गए पत्र में स्पष्ट कहा गया है कि राज्य में अवैध और नकली शराब के प्रकरण सामने आए हैं, जिससे ये साफ है कि ऐसे अवैध कामों को लेकर विभाग की तरफ से प्रभावी अंकुश नहीं लगाया जा सका है. जिससे न केवल राज्य में राजस्व की हानि हो रही है. बल्कि लोगों के स्वास्थ्य से भी खिलवाड़ हो रहा है. आबकारी आयुक्त ने निर्देश दिए हैं कि ऐसी स्थितियों से बचने के लिए विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को अपना सूचना तंत्र विकसित करना होगा. ताकि समय पर नकली शराब के मामलों के खिलाफ कार्रवाई की जा सके.
ये भी पढ़ेंः सीएम धामी की आबकारी विभाग में ताबड़तोड़ कार्रवाई, डीईओ देहरादून समेत कईयों पर हुआ एक्शन

अफसरों को सख्त हिदायत: आबकारी आयुक्त ने अधिकारियों को दो टूक चेतावनी देते हुए स्पष्ट किया है कि ऐसे संवेदनशील मामलों को लेकर यदि गंभीरता नहीं बरती जाती है तो संबंधित अफसरों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. बताया ये भी जा रहा है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी तक भी इस तरह की शिकायतें पहुंच रही थी. उन्होंने ऐसे मामलों पर लापरवाही नहीं बरतने के निर्देश अधिकारियों को दिए थे. जिसके बाद अब विभागीय स्तर पर भी इसके लिए सख्ती की जा रही है.

इस मामले पर भी चर्चा में रहा विभाग: इससे पहले आबकारी विभाग एक ही अधिकारी के सचिव और आयुक्त पद पर रहने को लेकर भी चर्चाओं में रहा है. बड़ी बात है कि ये मामला नैनीताल हाईकोर्ट तक भी पहुंचा और हाईकोर्ट के स्तर पर भी सरकार से इस पर जवाब मांगा गया था. बड़ी बात ये है कि हाईकोर्ट के दखल के बाद सरकार ने आबकारी विभाग में प्रमुख सचिव के तौर पर एल फैनई को जिम्मेदारी दी थी. जबकि विभाग में सचिव और आबकारी आयुक्त के तौर पर हरिश्चंद्र सेमवाल इसकी जिम्मेदारी संभाल रहे थे. हालांकि, हरिश्चंद्र सेमवाल अभी आबकारी आयुक्त पर बने हुए हैं.
ये भी पढ़ेंः Uttarakhand Excise Policy: उत्तराखंड में एक व्यक्ति अपने घर में इतनी रख सकता है शराब, लाइसेंस और कागजात की नहीं पड़ेगी जरूरत

देहरादूनः उत्तराखंड में शराब के ओवर रेटिंग के मामले तो अक्सर आबकारी विभाग में सुनाई देते रहे हैं. लेकिन इसके बावजूद कभी भी विभाग के अधिकारी मामले पर सक्रिय होते हुए नहीं दिखाई दिए. लेकिन इस बार देहरादून और हरिद्वार जिले में अवैध शराब के कुछ मामले सामने आने के बाद विभाग में हड़कंप मचा हुआ है. बड़ी बात ये है कि आबकारी विभाग में इन मामलों के सामने आने के बाद देहरादून के जिला आबकारी अधिकारी को हटाने की भी कार्रवाई हो चुकी है. यही नहीं, हरिद्वार के जिला आबकारी अधिकारी पवन कुमार भी अब कार्रवाई की जद में हैं. इस सबके बीच आबकारी विभाग के आयुक्त हरिश्चंद्र सेमवाल ने एक और निर्देश अफसरों को जारी करते हुए अवैध शराब पर अल्टीमेटम दे दिया है.

दरअसल, आबकारी आयुक्त हरिश्चंद्र सेमवाल ने राज्य में अवैध और नकली शराब के विरुद्ध प्रभावी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. जारी किए गए पत्र में स्पष्ट कहा गया है कि राज्य में अवैध और नकली शराब के प्रकरण सामने आए हैं, जिससे ये साफ है कि ऐसे अवैध कामों को लेकर विभाग की तरफ से प्रभावी अंकुश नहीं लगाया जा सका है. जिससे न केवल राज्य में राजस्व की हानि हो रही है. बल्कि लोगों के स्वास्थ्य से भी खिलवाड़ हो रहा है. आबकारी आयुक्त ने निर्देश दिए हैं कि ऐसी स्थितियों से बचने के लिए विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को अपना सूचना तंत्र विकसित करना होगा. ताकि समय पर नकली शराब के मामलों के खिलाफ कार्रवाई की जा सके.
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अफसरों को सख्त हिदायत: आबकारी आयुक्त ने अधिकारियों को दो टूक चेतावनी देते हुए स्पष्ट किया है कि ऐसे संवेदनशील मामलों को लेकर यदि गंभीरता नहीं बरती जाती है तो संबंधित अफसरों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. बताया ये भी जा रहा है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी तक भी इस तरह की शिकायतें पहुंच रही थी. उन्होंने ऐसे मामलों पर लापरवाही नहीं बरतने के निर्देश अधिकारियों को दिए थे. जिसके बाद अब विभागीय स्तर पर भी इसके लिए सख्ती की जा रही है.

इस मामले पर भी चर्चा में रहा विभाग: इससे पहले आबकारी विभाग एक ही अधिकारी के सचिव और आयुक्त पद पर रहने को लेकर भी चर्चाओं में रहा है. बड़ी बात है कि ये मामला नैनीताल हाईकोर्ट तक भी पहुंचा और हाईकोर्ट के स्तर पर भी सरकार से इस पर जवाब मांगा गया था. बड़ी बात ये है कि हाईकोर्ट के दखल के बाद सरकार ने आबकारी विभाग में प्रमुख सचिव के तौर पर एल फैनई को जिम्मेदारी दी थी. जबकि विभाग में सचिव और आबकारी आयुक्त के तौर पर हरिश्चंद्र सेमवाल इसकी जिम्मेदारी संभाल रहे थे. हालांकि, हरिश्चंद्र सेमवाल अभी आबकारी आयुक्त पर बने हुए हैं.
ये भी पढ़ेंः Uttarakhand Excise Policy: उत्तराखंड में एक व्यक्ति अपने घर में इतनी रख सकता है शराब, लाइसेंस और कागजात की नहीं पड़ेगी जरूरत

Last Updated : Nov 23, 2023, 9:23 PM IST
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