देहरादून: उत्तराखंड आबकारी विभाग इन दिनों राजस्व टारगेट के पेंच में फंसा हुआ है. प्रदेश में आबकारी विभाग को 3200 करोड़ का टारगेट दिया गया था. जिसमें विभाग अब तक महज 2400 करोड़ तक का ही रेवेन्यू जुटा सका है. जिसके बाद आयुक्त ने अधिकारियों को फटकार लगाते हुए अल्टीमेटम दिया. वहीं आबकारी उदय सिंह राणा द्वारा आबकारी अधिकारियों को फरवरी माह तक कार्यशैली में सुधार लाने की हिदायत भी दी गई.
बता दें कि उत्तराखंड सरकार को सबसे ज्यादा राजस्व देने वाले विभागों में शुमार आबकारी विभाग इन दिनों टारगेट पूरा करने में जुटा है. राजधानी देहरादून में आबकारी आयुक्त ने राज्य भर के जिला आबकारी अधिकारियों की बैठक बुलाकर जमकर फटकार लगाई. दरअसल, प्रदेश के कुछ जिलों को छोड़ दिया जाए तो अधिकतर जिलों में अधिकारियों की परफॉर्मेंस बेहद खराब है. आबकारी राजस्व के लिहाज से रुद्रप्रयाग और चमोली जिले की बेहतर रिपोर्ट पाई गई तो हरिद्वार, देहरादून और नैनीताल जिले के आबकारी अधिकारियों कि खराब परफॉर्मेंस को देखते हुए सुधार के निर्देश दिए गए.
आबकारी आयुक्त द्वारा अधिकारियों को 28 फरवरी तक का समय देते हुए टारगेट को पूरा करने का आदेश जारी किया गया है. बता दें कि इस बार प्रदेश में आबकारी विभाग को 3200 करोड़ का टारगेट दिया गया था. जिसमें विभाग अब तक महज 2400 करोड़ तक का ही रेवेन्यू जुटा सका है.
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वहीं प्रदेश में नई आबकारी नीति को लेकर मंथन जारी है. इस बीच 2019-20 के राजस्व टारगेट को पूरा करने की कोशिशें चल रही हैं. बड़े जिलों की परफॉर्मेंस खराब होने से विभाग चिंतित है.