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Smartphone Side Effects: एक दो नहीं कई बीमारियों की जड़ है ये स्मार्टफोन, कहीं आप भी तो परेशान नहीं?

इन दिनों अधिकांश लोग कुछ ऐसी बीमारियों से जुझ रहे हैं, जो कुछ साल पहले तक किसी बीमारी की श्रेणी में ही नहीं थी. हालांकि अब वे एक बड़ी तकलीफ बनकर खड़ी हो जाती है. जी हां जॉइंट पेन, बैक पेन, सर्वाइकल पेन जैसी समस्या अब दर्दनाक साबित हो रही है. लेकिन समस्या ये है कि इस बीमारी को जन्म देने वाली जड़ की तरफ हम बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे रहे हैं और बीमारियों की जड़ है आपका स्मार्टफोन. स्मार्ट फोन किसी तरह के बीमारियों की जड़ बन रहा है, इस बारे में ईटीवी भारत ने एक्सपर्ट से जाना.

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Published : Jan 24, 2023, 7:15 PM IST

एक दो नहीं कई बीमारियों की जड़ है ये स्मार्टफोन.

देहरादून: आज हम चारों तरफ से टेक्नोलॉजी से घिरे हुए हैं. 24 घंटे में कई घंटे हम रोजाना स्मार्ट फोन स्क्रॉल करने में गुजारते हैं. स्मार्टफोन आज ऑफिस के काम से लेकर मनोरंजन तक का साधन बन गए हैं, लेकिन हमें शायद पता नहीं है कि इसका हमारी जीवन शैली पर कितनी गहरा प्रभाव पड़ रहा है और उसका परिणाम ये है कि मोबाइल हमारे लिए एक बीमारी बन गया है. स्मार्टफोन हमारे शरीर में कई गंभीर बीमारियों को जन्म दे रहा है.

आपको जानकारी हैरानी होगी कि स्मार्टफोन आपकी हेल्थ पर काफी नकारात्मक असर डाल रहा है. स्मार्टफोन सिर्फ आपकी आंखों को ही नहीं, बल्कि कई अंगों की पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल रहा है. लगातार घंटों तक गर्दन की नीचे करके स्मार्टफोन देखने से टेक्सट नेक सिंड्रोम होने का खतरा बढ़ जाता है. इससे आपकी गर्दन की मसल्स में स्ट्रेन और टाइटनेस आ जाती है. इसके अलावा आपकी बैक नर्व पेन जैसी समस्याओं का सामना भी करना पड़ सकता है.
पढ़ें- Cervical cancer: सेक्स से फैलने वाला खतरनाक वायरस, जिससे हो सकता है महिलाओं को कैंसर, किशोरियां लगवाएं ये टीका

हाथ में लगातार मोबाइल पकड़े रहने से दर्द आपके कंधे से लेकर हाथों तक पहुंचता है. एक्सपर्ट मानते है कि हर 20 मिनट में आपको अपनी बैक को स्ट्रैस करना चाहिए. इसके अलावा मोबाइल में टेक्स्ट करते वक्त ध्यान रखें कि आपका हाथ थोड़ा ऊंचाई पर हो, ताकि इसका प्रभाव मांसपेशियों पर न पड़े.

cervical spondylitis
सर्वाइकल पेन के लक्षण.

एक्सपर्ट की माने तो आज दौर में गर्दन और कमर दर्द का 90 प्रतिशत जिम्मेदार हमारा मोबाइल ही है. क्योंकि गलत तरीके से बैठने के कारण इन बीमारियों का जन्म होता है. डॉक्टर बताते हैं कि ओटीटी प्लेटफॉर्म पर लगातार घंटों वेब सीरीज देखना आज के युवाओं का ट्रेंड बन चुका है और यह उन्हें सर्वाइकल पेन की तरफ खींचता ले जा रहा है. डॉक्टर बताते हैं कि यदि हम कंप्यूटर और मोबाइल का सही इस्तेमाल नहीं करेंगे तो यह सर्वाइकल पेन बढ़कर हमारे सिर और कंधों से होते हुए हाथों तक पहुंच सकता है और यह किसी बड़ी बीमारी का भी रूप ले सकता है.
पढ़ें- रात की उड़ी नींद को न लें हल्के में, एम्स के शोध में हुआ बड़ा खुलासा, कहीं आपको भी ये समस्या तो नहीं

डॉक्टर बताते हैं कि आजकल की जो जीवन शैली है, उसमें लोग ज्यादातर कंप्यूटर और मोबाइल का यूज करते हैं, लेकिन समस्या ये है कि इस दौरान वो गलत तरीके से बैठते है. यानी गर्दन आगे की तरफ झुकी हुई होती है, जो बहुत ही ज्यादा खतरनाक साबित होता है. आजकल लोग 5 से 6 घंटे की पूरी वेब सीरीज एक ही बार में देख लेते हैं, जो गलत है.

cervical spondylitis
सर्वाइकल पेन के कारण

स्पाइनल डीजनरेटिव डिजीज: देहरादून के जाने माने ऑर्थोपेडिक डायरेक्टर डॉ हिमांशु कोचर का कहना है कि स्पाइनल डीजनरेटिव डिजीज एक खतरनाक बीमारी है. उम्र बढ़ने के कारण रीढ़ की हड्डी में आए विकास को स्पाइनल डीजनरेटिव डिजीज कहा जाता है. विशेष तौर पर हड्डियों के खिंचाव के बाद इस तरह की समस्या उत्पन्न होती है, लेकिन पिछले कुछ सालों में इस बीमारी को लेकर के हैरतअंगेज तरीके से बदलाव देखने को मिल रहा है.

बच्चों में बढ़ा खतरा: डॉक्टर हिमांशु कोचर बताते हैं कि कोरोना के बाद वर्क फ्रॉम होम का कल्चर बढ़ा है, जिसमें मोबाइल और लैपटॉप का इस्तेमाल पहले से ज्यादा बढ़ गया है. इसके अलावा बच्चे भी आजकल घर से बाहर खेल कूद के बचाए मोबाइल में ज्यादा समय बीता रहे है. देखा जाए तो स्कूल से आने के बाद बच्चे मोबाइल और लैपटॉप पर करीब 5 से 6 घंटे रोजाना बीता रहे हैं. इस वजह के घंटों एक ही पोस्चर में बैठे रहने के कारण बड़े और बच्चे दोनों सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस जैसे बीमारियों से ग्रस्ति हो रहे है, जो बड़े होने के साथ-साथ घातक होती जा रही है.
पढ़ें- Dry Fruits : सर्दियों के मौसम में सूखे या भीगे मेवे कौन है ज्यादा बेहतर,जानिए एक्सपर्ट की राय

डॉक्टर का सुझाव: डॉक्टर हिमांशु की माने तो सर्वाइकल के पेन से बचने के लिए आपको अपने पोस्चर का विशेष तौर से ध्यान रखना है, यानी कि आपके शरीर की जो मुद्रा है. वह ठीक होनी चाहिए. डॉ हिमांशु कोचर बताते हैं कि डब्ल्यूएचओ (World Health Organization) ने भी इस टर्म को रिकॉग्नाइज किया है कि कंप्यूटर रिलेटेड इंज्रीज या रिपिटेटिव स्क्रीन इंजरी बार-बार एक ही काम करने या फिर लंबे समय तक शरीर को एक ही मुद्रा में रखने से मांस पेशियों में इंजरी हो सकती है.

cervical spondylitis
सर्वाइकल पेन से ऐसे बचे.

डॉक्टर बताते हैं कि किसी भी हालत में आपको 45 मिनट से ज्यादा लगातार स्क्रीन नहीं देखनी है, यानी आपको 45 मिनट से पहले ब्रेक लेना बेहद जरूरी है. यही वजह है कि सिनेमा में भी आपको बीच में एक ब्रेक दिया जाता है. आपको कोई भी वीडियो गेम या फिर वेब सीरीज या इसके अलावा कोई भी काम कंप्यूटर या मोबाइल पर आप लगातार एक ही पोस्चर में बैठकर ना करें और 45 मिनट से पहले ब्रेक जरूर लें. आप इस दौरान चाय कॉफी ले सकते हैं टहल सकते हैं.

इसके अलावा एक जरूरी बात डॉक्टर और बताते हैं कि आपको लेट कर मोबाइल देखने या फिर कंप्यूटर को देखने से बचना चाहिए. अक्सर लोग बिस्तर पर लेट कर मोबाइल घंटों तक देखते है, जो घातक साबित हो सकता है. आपको पर्याप्त मात्रा में विटामिंस भी लेनी चाहिए, जिसमें कैल्शियम और विटामिन डी का आपके शरीर में पर्याप्त मात्रा में होना बेहद जरूरी है.

एक दो नहीं कई बीमारियों की जड़ है ये स्मार्टफोन.

देहरादून: आज हम चारों तरफ से टेक्नोलॉजी से घिरे हुए हैं. 24 घंटे में कई घंटे हम रोजाना स्मार्ट फोन स्क्रॉल करने में गुजारते हैं. स्मार्टफोन आज ऑफिस के काम से लेकर मनोरंजन तक का साधन बन गए हैं, लेकिन हमें शायद पता नहीं है कि इसका हमारी जीवन शैली पर कितनी गहरा प्रभाव पड़ रहा है और उसका परिणाम ये है कि मोबाइल हमारे लिए एक बीमारी बन गया है. स्मार्टफोन हमारे शरीर में कई गंभीर बीमारियों को जन्म दे रहा है.

आपको जानकारी हैरानी होगी कि स्मार्टफोन आपकी हेल्थ पर काफी नकारात्मक असर डाल रहा है. स्मार्टफोन सिर्फ आपकी आंखों को ही नहीं, बल्कि कई अंगों की पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल रहा है. लगातार घंटों तक गर्दन की नीचे करके स्मार्टफोन देखने से टेक्सट नेक सिंड्रोम होने का खतरा बढ़ जाता है. इससे आपकी गर्दन की मसल्स में स्ट्रेन और टाइटनेस आ जाती है. इसके अलावा आपकी बैक नर्व पेन जैसी समस्याओं का सामना भी करना पड़ सकता है.
पढ़ें- Cervical cancer: सेक्स से फैलने वाला खतरनाक वायरस, जिससे हो सकता है महिलाओं को कैंसर, किशोरियां लगवाएं ये टीका

हाथ में लगातार मोबाइल पकड़े रहने से दर्द आपके कंधे से लेकर हाथों तक पहुंचता है. एक्सपर्ट मानते है कि हर 20 मिनट में आपको अपनी बैक को स्ट्रैस करना चाहिए. इसके अलावा मोबाइल में टेक्स्ट करते वक्त ध्यान रखें कि आपका हाथ थोड़ा ऊंचाई पर हो, ताकि इसका प्रभाव मांसपेशियों पर न पड़े.

cervical spondylitis
सर्वाइकल पेन के लक्षण.

एक्सपर्ट की माने तो आज दौर में गर्दन और कमर दर्द का 90 प्रतिशत जिम्मेदार हमारा मोबाइल ही है. क्योंकि गलत तरीके से बैठने के कारण इन बीमारियों का जन्म होता है. डॉक्टर बताते हैं कि ओटीटी प्लेटफॉर्म पर लगातार घंटों वेब सीरीज देखना आज के युवाओं का ट्रेंड बन चुका है और यह उन्हें सर्वाइकल पेन की तरफ खींचता ले जा रहा है. डॉक्टर बताते हैं कि यदि हम कंप्यूटर और मोबाइल का सही इस्तेमाल नहीं करेंगे तो यह सर्वाइकल पेन बढ़कर हमारे सिर और कंधों से होते हुए हाथों तक पहुंच सकता है और यह किसी बड़ी बीमारी का भी रूप ले सकता है.
पढ़ें- रात की उड़ी नींद को न लें हल्के में, एम्स के शोध में हुआ बड़ा खुलासा, कहीं आपको भी ये समस्या तो नहीं

डॉक्टर बताते हैं कि आजकल की जो जीवन शैली है, उसमें लोग ज्यादातर कंप्यूटर और मोबाइल का यूज करते हैं, लेकिन समस्या ये है कि इस दौरान वो गलत तरीके से बैठते है. यानी गर्दन आगे की तरफ झुकी हुई होती है, जो बहुत ही ज्यादा खतरनाक साबित होता है. आजकल लोग 5 से 6 घंटे की पूरी वेब सीरीज एक ही बार में देख लेते हैं, जो गलत है.

cervical spondylitis
सर्वाइकल पेन के कारण

स्पाइनल डीजनरेटिव डिजीज: देहरादून के जाने माने ऑर्थोपेडिक डायरेक्टर डॉ हिमांशु कोचर का कहना है कि स्पाइनल डीजनरेटिव डिजीज एक खतरनाक बीमारी है. उम्र बढ़ने के कारण रीढ़ की हड्डी में आए विकास को स्पाइनल डीजनरेटिव डिजीज कहा जाता है. विशेष तौर पर हड्डियों के खिंचाव के बाद इस तरह की समस्या उत्पन्न होती है, लेकिन पिछले कुछ सालों में इस बीमारी को लेकर के हैरतअंगेज तरीके से बदलाव देखने को मिल रहा है.

बच्चों में बढ़ा खतरा: डॉक्टर हिमांशु कोचर बताते हैं कि कोरोना के बाद वर्क फ्रॉम होम का कल्चर बढ़ा है, जिसमें मोबाइल और लैपटॉप का इस्तेमाल पहले से ज्यादा बढ़ गया है. इसके अलावा बच्चे भी आजकल घर से बाहर खेल कूद के बचाए मोबाइल में ज्यादा समय बीता रहे है. देखा जाए तो स्कूल से आने के बाद बच्चे मोबाइल और लैपटॉप पर करीब 5 से 6 घंटे रोजाना बीता रहे हैं. इस वजह के घंटों एक ही पोस्चर में बैठे रहने के कारण बड़े और बच्चे दोनों सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस जैसे बीमारियों से ग्रस्ति हो रहे है, जो बड़े होने के साथ-साथ घातक होती जा रही है.
पढ़ें- Dry Fruits : सर्दियों के मौसम में सूखे या भीगे मेवे कौन है ज्यादा बेहतर,जानिए एक्सपर्ट की राय

डॉक्टर का सुझाव: डॉक्टर हिमांशु की माने तो सर्वाइकल के पेन से बचने के लिए आपको अपने पोस्चर का विशेष तौर से ध्यान रखना है, यानी कि आपके शरीर की जो मुद्रा है. वह ठीक होनी चाहिए. डॉ हिमांशु कोचर बताते हैं कि डब्ल्यूएचओ (World Health Organization) ने भी इस टर्म को रिकॉग्नाइज किया है कि कंप्यूटर रिलेटेड इंज्रीज या रिपिटेटिव स्क्रीन इंजरी बार-बार एक ही काम करने या फिर लंबे समय तक शरीर को एक ही मुद्रा में रखने से मांस पेशियों में इंजरी हो सकती है.

cervical spondylitis
सर्वाइकल पेन से ऐसे बचे.

डॉक्टर बताते हैं कि किसी भी हालत में आपको 45 मिनट से ज्यादा लगातार स्क्रीन नहीं देखनी है, यानी आपको 45 मिनट से पहले ब्रेक लेना बेहद जरूरी है. यही वजह है कि सिनेमा में भी आपको बीच में एक ब्रेक दिया जाता है. आपको कोई भी वीडियो गेम या फिर वेब सीरीज या इसके अलावा कोई भी काम कंप्यूटर या मोबाइल पर आप लगातार एक ही पोस्चर में बैठकर ना करें और 45 मिनट से पहले ब्रेक जरूर लें. आप इस दौरान चाय कॉफी ले सकते हैं टहल सकते हैं.

इसके अलावा एक जरूरी बात डॉक्टर और बताते हैं कि आपको लेट कर मोबाइल देखने या फिर कंप्यूटर को देखने से बचना चाहिए. अक्सर लोग बिस्तर पर लेट कर मोबाइल घंटों तक देखते है, जो घातक साबित हो सकता है. आपको पर्याप्त मात्रा में विटामिंस भी लेनी चाहिए, जिसमें कैल्शियम और विटामिन डी का आपके शरीर में पर्याप्त मात्रा में होना बेहद जरूरी है.

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