मसूरीः पहाड़ों की रानी मसूरी के प्रतिष्ठित सवॉय होटल के पूर्व मालिक आनंद कुमार जौहर का निधन हो गया. उन्होंने 88 साल की उम्र में बेंगलुरु स्थित अपने आवास में अंतिम सांस ली. आनंद कुमार जौहर साल 2005 से अस्वस्थ चल रहे थे.
19 जुलाई 1932 को जन्मे आनंद कुमार जौहर अपने पीछे दो बेटों, बहु और पोती को अकेला छोड़ दुनिया से चले गए. उनकी एक बेटी अमेरिका में रहती हैं. देहरादून में प्रतिष्ठित दून स्कूल से पढ़ाई कर चुके आनंद कुमार सेंट में दिल्ली टेनिस टीम के कप्तान भी रह चुके थे. उनके पिता राय बहादुर जौहर ने 1946 में सवॉय होटल खरीदा था. आनंद कुमार ने 1960 में होटल को टेकओवर किया. आनंद कुमार परिवार में सबसे विलक्षण और तेज बुद्धि के थे. दोस्तों के बीच हाजिरजवाबी और मेजबान के तौर पर जाने वाले आनंद कुमार के निधन पर उनके मित्रजनों और परिवार के लोगों ने गहरा शोक व्यक्त किया है.
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कैसे हुई सवॉय होटल की स्थापना
मसूरी देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी एक फेमस हिल स्टेशन के रूप में जाना जाता है. जहां छोटे से लेकर बड़े-बड़े होटल और रिसॉर्ट मौजूद हैं. जो कि अपनी-अपनी खूबियों और खासियत के लिए अलग पहचान रखते हैं. इन्हीं में से एक है होटल सवॉय, जो कि अपने इतिहास के साथ-साथ खूबसूरती के लिए भी जाना जाता है.
सवॉय दरअसल 19वीं शताब्दी का एक स्कूल था. जिसका नाम बदलकर मेडॉक स्कूल रख दिया गया था. जिसके बाद 1902 में जर्जर हो चुकी स्कूल की इमारत को लंदन के मशहूर होटल सवॉय की तर्ज पर बनाया गया. इस होटल में 121 कमरे, हिंदुस्तान का सबसे बड़ा बॉल रूम, आलिशान पार्क, गार्डन, टेनिस कोर्ट, रेसकोर्स और बिलयर्ड रूम यहां तक की होटल का अपना अलग पोस्ट ऑफिस अंग्रेजों के लिए एक ख्वाब के सच होने जैसा था.
एक दौर था जब इस होटल की शामें गुलजार हुआ करती थी. इस दौरान अंग्रेज बड़ी संख्या में यहां पहुंचकर प्रकृति का आनंद लेते थे. इतिहास की मानें तो दूसरे विश्व युद्ध के वक्त सेवॉय अमेरिका और ब्रिटिश फौजियों का ठिकाना था. तथाकथित तौर पर हॉन्टेड होने के बावजूद भी सवॉय की कशिश होटल प्रेमियों को अपनी और खींचती है. जिसके कारण आज भी ये होटल मसूरी में एक अलग पहचान रखता है.