देहरादून: सीमांत तहसील पिथौरागढ़ में बारिश कहर बरपा रही है. आपदा में कई लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है. प्रकृति का कोप कितना भयावह होता है यह पिथौरागढ़ जनपद में देखने को मिल रहा है. पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने राज्य सरकार से मांग की है कि वे आपदा ग्रस्त क्षेत्रों में राहत एवं बचाव कार्य में तेजी लाए. जिसको लेकर हरीश रावत बुधवार शाम को सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत से मुलाकात करेंगे.
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि उत्तराखंड की भौगोलिक परिस्थितियां विषम हैं. यही वजह है कि उन्होंने एसडीआरएफ टीम का गठन किया था, लेकिन उनके सत्ता से हटने के बाद राज्य के भीतर एसडीआरएफ की कोई नई बटालियन नहीं बनाई गई. जबकि परिस्थितियों को देखते हुए प्रदेश के सीमांत क्षेत्रों और बड़े-छोटे जिलों में तहसील स्तर पर एसडीआरएफ टीम की तैनाती होनी चाहिए थी. ताकि आपातकाल का स्थिति में एसडीआरएफ की टीम को तत्काल मौके पर भेजा जा सके.
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साथ ही उन्होंने कहा कि आपातकाल से मुकाबला करने के लिए हेली सर्विस भी होनी चाहिए, लेकिन प्रदेश में इसका भी अभाव है. पिथौरागढ़ के मुनस्यारी में आपदा के जो हालात बने हैं, उसको देखते हुए वहां तत्काल सेना का हेलीकॉप्टर भेजना चाहिए. लेकिन सरकार मुनस्यारी और धारचूला क्षेत्र में आई आपदा को गंभीरता से नहीं ले रही है.