देहरादून: देश के कई राज्यों के साथ-साथ उत्तराखंड में भी जानलेवा कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर भयावह स्थिति में नजर आ रही है. ऐसे में जहां देहरादून सहित राज्य के कई हिस्सों में कोरोना कर्फ्यू लगा हुआ है, तो वहीं 23 अप्रैल से आवश्यक कार्यों को छोड़ सरकारी दफ्तर भी बंद पड़े थे. हालांकि बीते रोज 28 अप्रैल की देर शाम उत्तराखंड सरकार द्वारा शासनादेश जारी करते हुए 29 अप्रैल से सभी सरकारी दफ्तर खोलने के आदेश पारित हुए थे. इसके बावजूद देहरादून के कलेक्ट्रेट कार्यालय में 29 अप्रैल गुरुवार को दफ़्तर के समय कर्मचारी नदारद दिखे. हालांकि 11:00 बजे के आसपास इक्का-दुक्का कर्मचारी जरूर कलेक्ट्रेट के केबिन में नजर आए. लेकिन अधिकांश कार्यालय में अधिकारी, कर्मचारी सरकारी आदेशों की अवहेलना करते हुए नदारद दिखे.
वहीं कलेक्ट्रेट कार्यालय के अधीन आने वाले रजिस्ट्रार ऑफिस के साथ-साथ उप जिलाधिकारी दफ्तर भी बंद नजर आए.
देहरादून का कलेक्ट्रेट कार्यालय जहां स्थाई प्रमाण पत्र शस्त्र लाइसेंस भूमि संबंधी जानकारी जैसे तमाम सार्वजनिक कार्य होते हैं, वह पिछले 1 हफ्ते से पूरी तरह से प्रभावित चल रहे हैं. दरअसल कोरोना की भयानक महामारी के चलते पहले 23 अप्रैल से 28 अप्रैल तक सरकारी दफ्तरों को बंद करने के आदेश शासन द्वारा पारित हुए थे. वहीं लगातार कोरोना की स्थिति खतरनाक होते देख 28 अप्रैल से 3 अप्रैल तक फिर से सरकारी दफ्तर बंद करने के आदेश हुए.
हालांकि इस बीच कलेक्ट्रेट कार्यालय सहित अन्य सरकारी दफ्तरों में जनता के आवश्यक कार्य प्रभावित होने के चलते राज्य सरकार द्वारा 28 अप्रैल की देर शाम संशोधित शासनादेश जारी किया गया. इसके अनुसार 29 अप्रैल से सरकारी दफ्तरों को विधिवत रूप से खोलने के आदेश हुए.
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लेकिन दूसरी तरफ सरकार के आदेशों की अवहेलना करते हुए 29 अप्रैल की सुबह कलेक्ट्रेट कार्यालय के अधिकांश कर्मचारी, अधिकारी नदारद रहे. ईटीवी भारत ने जब सुबह 10:30 बजे और 10:45 के बीच देहरादून कलेक्टर कार्यालय के अलग-अलग दफ्तरों का रियलिटी चेक किया तो इक्का-दुक्का ही कर्मचारी 11:00 बजे के आसपास नजर आए. इतना ही नहीं थोड़ी देर बाद इक्का-दुक्का कर्मचारी भी ऑफिस से निकलते बने.